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महाराष्ट्र के कतोल से पूर्व विधायक डॉ. आशीषराव आर देशमुख ने मंगलवार को महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस समिति के महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने यह कदम उत्तर प्रदेश के इमरान प्रतापगढ़ी को राज्यसभा के लिए इमरान प्रतापगढ़ी को उम्मीदवार बनाने के विरोध में लिया है। हालांकि, उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस के साथ काम करना जारी रखूंगा।
अपने त्यागपत्र में देशमुख ने लिखा कि एक बाहरी प्रत्याशी को खड़ा करना पार्टी के विकास के संबंध में लाभदायक नहीं होगा। यह महाराष्ट्र में आम कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ अन्याय है।
दूसरी ओर, ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के अध्यक्ष विश्वबंधु राय ने भी इसे लेकर पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने महाराष्ट्र कोटा से राज्यसभा चुनाव के लिए इमरान प्रतापगढ़ी को भेजने पर नाखुशी व्यक्त की है। बता दें कि इमरान प्रतापगढ़ी कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष हैं।
‘क्या दिल्ली में दरबारी करने वालों को ही योग्य समझती है पार्टी?’
राय ने कहा है कि राज्यसभा के लिए महाराष्ट्र के कोटे से इमरान प्रतापगढ़ी को भेजा जाना स्थानीय नेताओं के साथ अन्याय है। उन्होंने अपने पत्र में सवाल पूछा है कि क्या पार्टी आलाकमान केवल दिल्ली में दरबारी करने वालों को ही निष्ठावान और पार्टी को मजबूती देने के लिए योग्य समझती है? पार्टी कार्यकर्ता इसे मुस्लिम तुष्टीकरण के नजरिए से देख रहे हैं।
प्रतापगढ़ी को निशाने पर लेते हुए राय ने लिखा कि वह जुम्मा-जुम्मा चार दिन पहले पार्टी से जुड़े हैं। मुरादाबाद लोकसभा से वह लगभग छह लाख वोटों के अंतर से चुनाव हार चुके हैं। वह अब तक एक भी नगर निगम चुनाव तक नहीं जितवा पाए हैं। फिर भी उन्हें अल्पसंख्यक विभाग का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया गया और अब उन्हें राज्यसभा भी भेजा जा रहा है।
कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णन ने भी बताया फैसलों को निराशाजनक
आगामी राज्यसभा चुनावों के लिए पार्टी के प्रत्याशियों की सूची को लेकर कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णम ने कहा कि कुछ लोगों को शिकायतें हैं। राज्यसभा हमारे लोकतंत्र का मंदिर है, इसलिए बौद्धिक और अनुभवी लोगों को वहां भेजा जाता है जो हमारे देश के लिए काम करते हैं और हमारी पार्टी को मजबूत करते हैं। लेकिन, ये फैसले निराश करने वाले हैं।