नई दिल्ली. मां बनने के बाद उज्बेकिस्तान की एक 23 साल की महिला मोखिचेखरखोन सुलतोनोवा (Mokhichekhrakhon Sultonova) की किडनी में एक ऐसी दुर्लभ बीमारी पैदा हो गई थी, जिसके कारण उनकी दोनों किडनी खराब हो गई थी. इस महिला को हायपोटेन्शन (निम्न रक्त चाप) की परेशानी भी पैदा हो गई थी. इस वजह से उनकी किडनी की ट्यूबूल कोशिका को क्षति पहुंचने लगी थी. जिसके कारण उन्हें किडनी से जुडी बीमारी ट्यूबुलर नेक्रोसिस हो गई थी.
केवल यही नहीं किडनी के खराब होने का असर इस उज्बेकी महिला की आंत के कुछ हिस्सों पर भी पड़ा और इस वजह से महिला की जान खतरे में पड़ गई थी. इसके बाद महिला को आकाश हेल्थकेयर सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में लाया गया. यहां सुलतोनोवा की मां ने उन्हें अपनी किडनी दी. किडनी ट्रांसप्लांट की यह पूरी प्रक्रिया बेहद जटिल थी. इस किडनी ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया के दौरान उनकी आंत के एक हिस्से को काट कर निकालना था, साथ ही मल-मूत्र को बाहर निकालने के लिए दूसरा रास्ता भी तैयार किया गया. डॉक्टरों ने इस जटिल ऑपरेशन को पूरा करने में सफलता हासिल की.
डॉक्टरों के मुताबिक दुनिया भर में करीब 0.5 से 0.1 फीसद महिलाओं में ही यह दुर्लभ बीमारी देखी जाती है. यह बीमारी तब होती है जब निम्न रक्तचाप की वजह से किडनी तक ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती है. जिसकी वजह से किडनी खराब हो जाती है.
सुलतोनोवा के बच्चे का जब जन्म हुआ उसके बाद से वह ही गुर्दे की बीमारी से पीड़ित थी और एक साल से डायलिसिस पर थी. प्रसव के बाद गुर्दे का खराब होना बहुत असामान्य बीमारी है. अगर सुलतोनोवा के कई अंगों की सर्जरी समय पर नहीं की जाती तो सुल्तानोवा जीवित नहीं बच सकती थी. सर्जरी के बाद अब सुलतोनोवा की किडनी सामान्य रूप से काम कर रही है. अब सफल सर्जरी के बाद सुलतोनोवा और मां दोनों ठीक हैं.
यूपी विधानसभा चुनाव 2022, ब्रेकिंग हिंदी न्यूज़, लाइव न्यूज अपडेट सबसे पहले News18 India पर। आज की ताजा खबरें, विश्लेषण, पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की खबरें पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी पर |
Tags: Kidney disease, Kidney transplant