नई दिल्ली: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने यूपी समेत अन्य राज्यों में विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस के G-23 के कुछ नेताओं के साथ मंथन किया था. जिसमें उनकी राय थी कि अगर राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को प्रधानमंत्री पद का चेहरा बनाना है तो फिर गांधी परिवार (Gandhi Family in Congress) से इतर किसी व्यक्ति को पार्टी अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपनी चाहिए.
प्रशांत किशोर पिछले कुछ दिनों में कांग्रेस नेतृत्व और वरिष्ठ नेताओं के साथ कई बैठक कर चुके हैं और पार्टी में नयी जान फूंकने के लिए अपनी ओर से कई सुझाव भी दिए हैं, जिन पर सोनिया गांधी द्वारा गठित एक समिति विचार कर रही है.
सूत्रों का कहना है कि किशोर ने पिछले कुछ महीनों में गांधी परिवार से अलग पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठकें कीं और इन बैठकों का केंद्र बिंदु कांग्रेस को मजबूत करना और अगले लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी को पराजित करने की रणनीति तैयार करना था.
‘पीएम मोदी को हराने के लिए प्रशांत किशोर गंभीर’
सूत्रों के अनुसार, इसी क्रम में उन्होंने कांग्रेस के असंतुष्ट धड़े G-23 के कुछ नेताओं से भी हाल के महीनों में मुलाकात की थी. प्रशांत किशोर के साथ 3 महीने पहले लंबी बैठक करने वाले कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता और G-23 के सदस्य ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि, ‘‘पीके मेरे पास आए थे और करीब 3 घंटे बैठे थे. वह बैठक से बहुत खुश थे. उनसे मिलने के बाद मुझे यह लगा कि वह प्रधानमंत्री मोदी को हराना चाहते है और इसको लेकर गंभीर भी हैं.’’
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उन्होंने कहा, ‘‘मेरी जानकारी के हिसाब से वह G-23 के कुछ और नेताओं तथा कांग्रेस के कई अन्य नेताओं से भी पिछले कुछ महीनों के दौरान मिले हैं.’’
‘कांग्रेस और विपक्ष के मौजूदा स्वरूप में बदलाव जरूरी’
कांग्रेस के इस वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘पीके ने मेरे साथ मुलाकात में कांग्रेस में बदलाव, विपक्षी एकजुटता पर विस्तार से चर्चा की थी. उनका साफ कहना है कि कांग्रेस एवं विपक्ष के मौजूदा स्वरूप के साथ नरेंद्र मोदी जी को पराजित नहीं किया जा सकता.’’
उनके मुताबिक, ‘‘पीके का कहना था कि अगर राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद का चेहरा बनाना है तो फिर गांधी परिवार से अलग किसी को अध्यक्ष पद की कमान देनी होगी, दोनों जिम्मेदारी एक ही व्यक्ति नहीं संभाल सकता. उनका यह भी कहना था कि यह बात उन्होंने खुद राहुल गांधी से कही थी.’’
यह पूछे जाने पर कि क्या किशोर के कांग्रेस में शामिल होने से कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेता खुद को दरकिनार किए जाने का खतरा महसूस कर रहे हैं तो उन्होंने कहा, ‘‘पार्टी को मजबूत करने के लिए वरिष्ठ और युवा, सबको मिलकर काम करना होगा. किसी ने अगर पार्टी के लिए 30-40 साल तक काम किया है तो उसे अचानक अलग नहीं किया जा सकता.’’
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