आज का शब्द: शीश और केदारनाथ अग्रवाल की कविता- देख आया मैं चंद्र गहना 


                
                                                             
                            'हिंदी हैं हम' शब्द श्रृंखला में आज का शब्द है- शीश, जिसका अर्थ है- सर, सिर, माथा या मस्तक। प्रस्तुत है केदारनाथ अग्रवाल की कविता- देख आया मैं चंद्र गहना 
                                                                     
                            

देख आया चंद्र गहना।
देखता हूँ दृश्य अब मैं
मेड़ पर इस खेत पर मैं बैठा अकेला।

एक बीते के बराबर
यह हरा ठिगना चना,
बाँधे मुरैठा शीश पर
छोटे गुलाबी फूल का,
सज कर खड़ा है।

पास ही मिल कर उगी है
बीच में अलसी हठीली
देह की पतली, कमर की है लचीली,
नीले फूले फूल को सिर पर चढ़ा कर
कह रही है, जो छूए यह,
दूँ हृदय का दान उसको।

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1 hour ago



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