आज का शब्द: झाँकना और केदारनाथ सिंह की कविता- मेरे बेटे बिजली की तरह कभी मत गिरना


                
                                                             
                            'हिंदी हैं हम' शब्द श्रृंखला में आज का शब्द है- झाँकना, जिसका अर्थ है- आड़ से, खिड़की आदि से बाहर की वस्तु को चुपके से देखना। प्रस्तुत है केदारनाथ सिंह की कविता-  मेरे बेटे बिजली की तरह कभी मत गिरना
                                                                     
                            

मेरे बेटे
कुँए में कभी मत झाँकना
जाना
पर उस ओर कभी मत जाना
जिधर उड़े जा रहे हों
काले-काले कौए

हरा पत्ता
कभी मत तोड़ना
और अगर तोड़ना तो ऐसे
कि पेड़ को ज़रा भी
न हो पीड़ा
 

आगे पढ़ें

2 minutes ago



Source link

Enable Notifications OK No thanks