आज का शब्द: प्रचंड और केदारनाथ सिंह की कविता- मैंने गंगा को देखा


                
                                                             
                            'हिंदी हैं हम' शब्द श्रृंखला में आज का शब्द है- प्रचंड, जिसका अर्थ है- अतितीव्र, प्रबल, भयंकर। प्रस्तुत है केदारनाथ सिंह की कविता-  मैंने गंगा को देखा
                                                                     
                            

मैंने गंगा को देखा 
एक लंबे सफ़र के बाद 
जब मेरी आँखें 
कुछ भी देखने को तरस रही थीं 
जब मेरे पास कोई काम नहीं था 
मैंने गंगा को देखा 
प्रचंड लू के थपेड़ों के बाद 
जब एक शाम 
मुझे साहस और ताज़गी की 
बेहद ज़रूरत थी 
मैंने गंगा को देखा एक रोहू मछली थी 
डब-डब आँख में 
जहाँ जीने की अपार तरलता थी 
मैंने गंगा को देखा जहाँ एक बूढ़ा मल्लाह 
रेती पर खड़ा था 
घर जाने को तैयार 
और मैंने देखा— 
बूढ़ा ख़ुश था 
वर्ष के उन सबसे उदास दिनों में भी 
मैं हैरान रह गया यह देखकर 
कि गंगा के जल में कितनी लंबी 
और शानदार लगती है 
एक बूढ़े आदमी के ख़ुश होने की परछाईं! 

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1 hour ago



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