Tricolour Controversy: विभाजन का जिम्मेदार दल तिरंगे पर राजनीति न करे, राहुल पर RSS का पलटवार


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पीएम नरेंद्र मोदी की अपील के बाद भी सोशल मीडिया अकाउंट्स की प्रोफाइल पिक्चर के रूप में तिरंगे की तस्वीरें नहीं लगाए जाने के मामले में आरएसएस ने आलोचकों को नसीहत दी है। संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने राहुल गांधी या कांग्रेस का नाम लिए बगैर कहा कि तिरंगे पर राजनीति नहीं की जाना चाहिए। उधर, राहुल ने लगातार दूसरे दिन इस मामले में संघ पर निशाना साधा है। इस पर कांग्रेस का नाम लिए बगैर संघ पदाधिकारी ने कहा कि वह पार्टी ऐसे सवाल उठा रही है, जो देश के विभाजन की जिम्मेदार है। 

सोशल मीडिया में संघ की इस बात को लेकर आलोचना की जा रही है कि उसने अपने सोशल मीडिया खातों में तिरंगे की प्रोफाइल पिक्चर क्यों नहीं लगाई? मामला तूल पकड़ा तो कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कल कर्नाटक दौरे के वक्त और आज फिर आरएसएस पर निशाना साधा। 

राहुल गांधी ने बुधवार को ट्वीट कर कहा था, ‘इतिहास गवाह है कि हर घर तिरंगा अभियान चलाने वाले एक ऐसे संगठन से निकले हैं जिसने 52 साल तक तिरंगा नहीं फहराया। उन्होंने कहा, स्वतंत्रता संग्राम के समय से वे कांग्रेस पार्टी को रोक नहीं पाए और आज भी नहीं रोक पाएंगे।’

संघ पहले ही कर चुका ‘हर घर तिरंगा’ अभियान का समर्थन : अंबेकर 
सोशल मीडिया में हो रही संघ की आलोचना के जवाब में आरएसएस के अभा प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने पीटीआई से चर्चा में कहा, ‘ऐसे मामलों का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए। आरएसएस हर घर तिरंगा अभियान और आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रमों को पहले ही अपना समर्थन व्यक्त कर चुका है। संघ ने जुलाई में ही इन्हें पूरे समर्थन का एलान करते हुए लोगों से और स्वयं सेवकों से अपील की थी कि वे सरकार, निजी संगठनों और संघ के संगठनों द्वारा आयोजित कार्यक्रमों का पूरा समर्थन करें और इनमें पूरे उत्साह से भाग लें।’ 

आंबेकर से पूछा गया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लोगों से की गई अपील के बाद भी RSS.org और संघ के सोशल मीडिया अकाउंट्स पर तिरंगे की तस्वीर नहीं लगाने को लेकर सोशल मीडिया में हो रही आलोचना पर आप क्या कहेंगे?  बिना किसी का नाम लिए संघ के पदाधिकारी ने आरोप लगाया कि इस तरह के सवाल उठाने वाली पार्टी देश के बंटवारे के लिए जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि इसे राजनीतिक मुद्दा बनाना गलत है। इस तरह के तीखे सवाल नहीं होने चाहिए। इस तरह के सवाल उठाने वाली पार्टी देश के विभाजन के लिए जिम्मेदार है।

विस्तार

पीएम नरेंद्र मोदी की अपील के बाद भी सोशल मीडिया अकाउंट्स की प्रोफाइल पिक्चर के रूप में तिरंगे की तस्वीरें नहीं लगाए जाने के मामले में आरएसएस ने आलोचकों को नसीहत दी है। संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने राहुल गांधी या कांग्रेस का नाम लिए बगैर कहा कि तिरंगे पर राजनीति नहीं की जाना चाहिए। उधर, राहुल ने लगातार दूसरे दिन इस मामले में संघ पर निशाना साधा है। इस पर कांग्रेस का नाम लिए बगैर संघ पदाधिकारी ने कहा कि वह पार्टी ऐसे सवाल उठा रही है, जो देश के विभाजन की जिम्मेदार है। 

सोशल मीडिया में संघ की इस बात को लेकर आलोचना की जा रही है कि उसने अपने सोशल मीडिया खातों में तिरंगे की प्रोफाइल पिक्चर क्यों नहीं लगाई? मामला तूल पकड़ा तो कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कल कर्नाटक दौरे के वक्त और आज फिर आरएसएस पर निशाना साधा। 

राहुल गांधी ने बुधवार को ट्वीट कर कहा था, ‘इतिहास गवाह है कि हर घर तिरंगा अभियान चलाने वाले एक ऐसे संगठन से निकले हैं जिसने 52 साल तक तिरंगा नहीं फहराया। उन्होंने कहा, स्वतंत्रता संग्राम के समय से वे कांग्रेस पार्टी को रोक नहीं पाए और आज भी नहीं रोक पाएंगे।’

संघ पहले ही कर चुका ‘हर घर तिरंगा’ अभियान का समर्थन : अंबेकर 

सोशल मीडिया में हो रही संघ की आलोचना के जवाब में आरएसएस के अभा प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने पीटीआई से चर्चा में कहा, ‘ऐसे मामलों का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए। आरएसएस हर घर तिरंगा अभियान और आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रमों को पहले ही अपना समर्थन व्यक्त कर चुका है। संघ ने जुलाई में ही इन्हें पूरे समर्थन का एलान करते हुए लोगों से और स्वयं सेवकों से अपील की थी कि वे सरकार, निजी संगठनों और संघ के संगठनों द्वारा आयोजित कार्यक्रमों का पूरा समर्थन करें और इनमें पूरे उत्साह से भाग लें।’ 

आंबेकर से पूछा गया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लोगों से की गई अपील के बाद भी RSS.org और संघ के सोशल मीडिया अकाउंट्स पर तिरंगे की तस्वीर नहीं लगाने को लेकर सोशल मीडिया में हो रही आलोचना पर आप क्या कहेंगे?  बिना किसी का नाम लिए संघ के पदाधिकारी ने आरोप लगाया कि इस तरह के सवाल उठाने वाली पार्टी देश के बंटवारे के लिए जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि इसे राजनीतिक मुद्दा बनाना गलत है। इस तरह के तीखे सवाल नहीं होने चाहिए। इस तरह के सवाल उठाने वाली पार्टी देश के विभाजन के लिए जिम्मेदार है।





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