U19 WC: CRPF जवान के बेटे ने भारत को सेमीफाइनल में पहुंचाया, खुश पिता बोले- कल मुझे कोई नहीं जानता था’ और अब सारे साहब…


नई दिल्ली. भारत ने बांग्लादेश को हराकर अंडर-19 विश्व कप (Under 19 World Cup) के सेमीफाइनल में जगह पक्की की. इस मुकाबले में बाएं हाथ के तेज गेंदबाज रवि कुमार (Ravi Kumar) ने शानदार गेंदबाजी की. उन्होंने मैच में 7 ओवर में 14 रन देकर 3 विकेट झटके थे. उनके इस प्रदर्शन की खुशी ओडिशा के नक्सल प्रभावित रायगढ़ जिले में स्थित सीआरपीएफ कैंप में भी मनाई गई. ऐसा इसलिए क्योंकि रवि के एएसआई पिता राजिंदर सिंह इसी कैंप में तैनात हैं. हालांकि, 2 दिन पहले तक रवि के पिता को इस कैंप में बहुत कम लोग जानते थे. लेकिन बेटे के भारत को अंडर-19 विश्व कप के सेमीफाइनल में पहुंचाने के बाद उन्हें सब जानने लगे हैं.

पिता राजिंदर सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में बताया, “आज पूरे सीआरपीएफ कैंप में सिर्फ मेरी और बेटे रवि की बात हो रही है. कल तक तो कोई मुझे यहां नहीं जानता था. आज सब जानते हैं. अब ‘रवि के पापा राजिंदर’ की पूरी यूनिट में चर्चा हो रही है. सभी साहब लोग भी मुझे पहचान रहे हैं और उन्होंने फोन करके बधाई भी दी. मेरे पास अपनी खुशी बयां करने के लिए शब्द नहीं है.”

रवि ने मां से कहा था- एक दिन मुझे टीवी पर देखोगी
इस दिन का जश्न मनाने के लिए पिता-पुत्र की जोड़ी को कई बाधाओं को पार करना पड़ा. इसमें पिता की आमदनी, मां की चिंता और लोगों के ताने सब शामिल है. मां रवि के हर वक्त क्रिकेट खेलने को लेकर चिंतित रहती थीं. वो चाहती थी कि रवि पढ़ाई पर ध्यान दें. लेकिन रवि को क्रिकेट का जुनून था और वो तमाम बातों से बेफ्रिक होकर, अक्सर मां से कहता था कि आप मुझे आज खेलने से रोक रही हैं, एक दिन  ऐसा आएगा कि आप मुझे टीवी पर खेलते देखोगे और रवि की यह बात आज सच साबित हो गई.

पिता राजिंदर सिंह को भी मोबाइल पर भारत-बांग्लादेश का क्वार्टर फाइनल मुकाबला देखने के दौरान यह बात याद आई.

पिता भी रवि के भविष्य को लेकर चिंतित थे
राजिंदर सिंह को आज भी पुराना वक्त याद है, जब वो भी रवि के भविष्य को लेकर चिंतित थे. उन्होंने कहा, “मेरे पास इतने पैसे और संसाधन नहीं थे कि मैं रवि के भारत के लिए खेलने के सपने को पूरा कर सकूं. लेकिन, रवि की जिद और समपर्ण देखकर मैं भी कुछ ना कर सका और बेटे से सिर्फ यही कहा था, “अगर तुम में दम होगा तो भारत के लिए जरूर खेलोगे”.

रवि ने भारत के लिए अंडर-19 वर्ल्ड कप (Under 19 World Cup) खेलकर पिता की कही बात को सच साबित कर दिखाया. लेकिन इसके लिए रवि के साथ परिवार को काफी संघर्ष करना पड़ा. वो क्रिकेट के लिए 13 साल की उम्र में उत्तर प्रदेश छोड़कर बंगाल चले गए. धीरे-धीरे सेकेंड से फर्स्ट डिवीजन क्रिकेट में आए. हालांकि, यहां भी कई बार किस्मत ने उन्हें धोखा दिया. एक बार भी अंडर-16 के कैंप से उन्हें बोन टेस्ट के आधार पर बाहर कर दिया गया था. उन्होंने लंबे वक्त तक पिता से यह बात छुपाए रखी.

महेंद्र सिंह धोनी की एक सीख ने बदला खेलने का अंदाज, लगाया रनों का अंबार, अब बना IPL का स्टार

U19 World Cup: CRPF जवान का बेटा बना स्विंग का नया सुल्तान! क्या पूरी होगी भारत के बाएं हाथ के गेंदबाज की तलाश?

रवि ने मुश्किल दौर में पिता से प्रेरणा ली
रवि ने नाकामी झेली, दोस्तों के ताने भी सुने. लेकिन जब भी हताश होते तो सीआरपीएफ जवान पिता से प्रेरणा लेते कि वो जो काम कर रहे हैं, उससे ज्यादा मुश्किल कुछ नहीं है. रवि यही सोचते कि पिता हर दिन जंगल में अंदर जाते हैं, यह नहीं जानते हुए कि आगे उन्हें किस चीज का सामना करना पड़ सकता है. जब वो हमारे लिए इतना जोखिम ले सकते हैं, तो फिर हम क्यों नहीं संघर्ष कर सकते? बस, इसी बात को दिमाग में रखकर रवि हर मुश्किल से लड़ते रहे और पहले बंगाल की अंडर-19 टीम और भारतीय टीम में अपनी जगह बनाई.

Tags: India under 19, Ravi Kumar, Under 19 World Cup

image Source

Enable Notifications OK No thanks