UP Chunav 2022: इन 37 सीटों पर भाजपा-सपा गठबंधन की सीधी टक्कर, जानिए बसपा और कांग्रेस ने कहां बनाया बहुकोणीय मुकाबला?


सार

उत्तर प्रदेश के नौ जिलों की 55 विधानसभा सीटों पर सोमवार को दूसरे चरण का चुनाव संपन्न हो गया। इस बार कुल 64.71 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है। पिछली बार से ये करीब एक प्रतिशत कम है। 2017 में 65.53 प्रतिशत लोगों ने वोट डाला था।

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यूपी में पहले और दूसरे चरण का चुनाव संपन्न हो चुका है। दूसरे चरण में जिन नौ जिलों की 55 सीटों पर चुनाव हुए हैं, 2017 में उनमें से 38 सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की थी। आंकड़ों को देखें तो मुस्लिम और दलित बाहुल्य इन क्षेत्रों में भाजपा के अलावा 15 सीटों पर सपा और दो पर कांग्रेस उम्मीदवारों की जीत हुई थी।  

इस बार की स्थिति थोड़ी अलग थी। वोटिंग के बाद जो रूझान सामने आ रहे हैं, उसके अनुसार इन 55 में से 38 सीटों पर भाजपा और सपा गठबंधन के प्रत्याशियों के बीच सीधी टक्कर है। 15 सीटों पर भाजपा, सपा के साथ बसपा ने भी मजबूत दावेदारी ठोककर मुकाबला त्रिकोणीय बनाया है, जबकि तीन अन्य सीटों पर कांग्रेस मुकाबले को बहुकोणीय बना रही है। जानिए जिलेवार सभी 55 विधानसभा सीटों का क्या बना समीकरण? 
1. बरेली : जिले की नौ विधानसभा सीटों में सात पर भाजपा और समाजवादी पार्टी की सीधी टक्कर है। इसमें बरेली कैंट, बरेली शहर, मीरगंज, आंवला, नवाबगंज, बहेड़ी और फरीदपुर की सीटें शामिल हैं। बिथरी चैनपुर और भोजीपुरा में बसपा भी लड़ाई में है। 2017 की बात करें तो जिले की सभी नौ सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की थी।

2. शाहजहांपुर : शाहजहांपुर में छह विधानसभा सीटें हैं। इनमें से चार सीटों पर भाजपा और सपा की सीधी लड़ाई है। शाहजहांपुर नगर, कटरा, ददरौल, पुवाया में भाजपा और सपा प्रत्याशियों ने एक-दूसरे को कड़ी टक्कर दी है। वहीं, जलालाबाद सीट पर बसपा तो तिलहर सीट पर कांग्रेस ने भी मजबूत दावेदारी कर दी है। पिछली बार यहां की पांच सीटों पर भाजपा और एक पर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी ने जीत हासिल की थी।

3. बदायूं : जिले में छह विधानसभा सीटें हैं। इनमें से बदायूं, दातागंज, बिसौली सीट की लड़ाई भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच है, जबकि सहसवान, बिल्सी और शेखूपुर सीट पर बसपा ने मजबूत दावेदारी करके मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है। पिछली बार इन सभी सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी।

4. सहारनपुर : जिले की सात में से पांच सीटों पर इस बार भाजपा और समाजवादी पार्टी ने एक-दूसरे को कड़ी टक्कर दी है। यहां की बेहट, नकुड़, सहारनपुर नगर, सहारनपुर देहात, देवबंद में भाजपा और सपा गठबंधन के बीच मुकाबला है। रामपुर मनिहारन और गंगोह सीट पर बसपा ने भी अच्छी खासी चुनौती दी है। 2017 की बात करें तो इनमें से चार सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की थी, जबकि दो पर कांग्रेस और एक पर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को जीत मिली थी।

5. मुरादाबाद : जिले की छह में से तीन सीटों पर भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच सीधा मुकाबला है। इनमें ठाकुरद्वारा, कांठ और मुरादाबाद नगर शामिल हैं। हालांकि, कुंदरकी और बिलारी में बसपा ने भी मजबूत टक्कर दी है। वहीं, मुरादाबाद नगर और देहात सीट पर कांग्रेस ने भी मुकाबले में है।  2017 में यहां की चार सीटों पर समाजवादी पार्टी ने जीत हासिल की थी, जबकि दो पर भाजपा उम्मीदवार ने कब्जा किया था।

6. अमरोहा : यहां चार विधानसभा सीटें हैं। इनमें से तीन पर सपा और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला है। एक सीट पर बसपा और कांग्रेस ने भी टक्कर दी है। अमरोहा, धनौरा और हसनपुर पर भाजपा और सपा के बीच लड़ाई है, जबकि नौगांवा सादात सीट पर बसपा और कांग्रेस ने लड़ाई को कांटे की बना दिया है।  2017 में यहां की तीन सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की थी, जबकि एक पर समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार की जीत हुई थी।

7. बिजनौर : जिले में सात विधानसभा सीटें हैं। इनमें से पांच सीटों पर समाजवादी पार्टी-रालोद गठबंधन और भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के बीच सीधी टक्कर है। इन पांच सीटों में चांदपुर, बिजनौर, नहटौर, नगीना शामिल हैं। इसके अलावा नजीबाबाद, धामपुर और बढ़ापुर में बसपा ने भी मजबूत दावेदारी पेश की है। धामपुर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के अशोक राणा, बसपा मूलचंद चौहान और सपा के नईम उल हसन के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है। बढ़ापुर में बसपा के उम्मीदवार मोहम्मद गाजी ने मुस्लिमों में सेंधमारी कर दी। माना जा रहा है कि तीस से चालीस प्रतिशत मुस्लिम बसपा की तरफ गया है। पहले सपा और भाजपा में ही सीधी टक्कर मानी जा रही थी।

8. रामपुर : रामपुर की दो सीटों पर सीधी टक्कर भाजपा और सपा के बीच है। जबकि रामपुर सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला है। यहां से सांसद आजम खान सपा से, कांग्रेस से नवाब काजिम अली खां और भाजपा से आकाश सक्सेना चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, स्वार सीट पर भाजपा गठबंधन की तरफ से अपना दल ने हैदर अली खान को मैदान में उतारा है। यहां से आजम खान के बेटे अब्दुल्ला उन्हें टक्कर दे रहे हैं। वहीं, बसपा ने शंकर लाल सैनी और कांग्रेस ने राम रक्षपाल सिंह को मैदान में उतारा है। इसके चलते यहां का मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। पिछली बार रामपुर की पांच में से दो सीटों पर भाजपा और तीन पर सपा ने कब्जा किया था।

9.  संभल : जिले में चार विधानसभा सीटें हैं। इन सभी पर समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच सीधी टक्कर बताई जा रही है। यहां की चंदौसी सीट से योगी सरकार में मंत्री गुलाबो देवी मैदान में थीं।  इसी तरह असमोली, संभल और गुन्नौर सीट पर भी दोनों पार्टियों के बीच कड़ा मुकाबला है। 2017 में इन चार सीटों में से दो पर भाजपा और दो पर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी ने जीत हासिल की थी।

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यूपी में पहले और दूसरे चरण का चुनाव संपन्न हो चुका है। दूसरे चरण में जिन नौ जिलों की 55 सीटों पर चुनाव हुए हैं, 2017 में उनमें से 38 सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की थी। आंकड़ों को देखें तो मुस्लिम और दलित बाहुल्य इन क्षेत्रों में भाजपा के अलावा 15 सीटों पर सपा और दो पर कांग्रेस उम्मीदवारों की जीत हुई थी।  

इस बार की स्थिति थोड़ी अलग थी। वोटिंग के बाद जो रूझान सामने आ रहे हैं, उसके अनुसार इन 55 में से 38 सीटों पर भाजपा और सपा गठबंधन के प्रत्याशियों के बीच सीधी टक्कर है। 15 सीटों पर भाजपा, सपा के साथ बसपा ने भी मजबूत दावेदारी ठोककर मुकाबला त्रिकोणीय बनाया है, जबकि तीन अन्य सीटों पर कांग्रेस मुकाबले को बहुकोणीय बना रही है। जानिए जिलेवार सभी 55 विधानसभा सीटों का क्या बना समीकरण? 



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