सार
भाजपा ने इन 58 सीटों में से 23 सीटों पर अपने प्रत्याशी बदल दिए हैं। इसमें 19 वर्तमान विधायकों का टिकट काट दिया गया है। सपा 29 सीटों पर और आरएलडी 28 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं। एक सीट शरद पवार की पार्टी एनसीपी को दी गई है।
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विस्तार
2017 में मतदान प्रतिशत
2017 के विधानसभा चुनाव में पहले चरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 15 जिलों की 73 सीटों पर मतदान हुआ था। इन सीटों पर 64 फीसदी मतदान हुआ था। पूरे विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 39.67 फीसदी वोट हासिल कर 312 सीटें हासिल की थीं और पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी। उसे कुल 3.44 करोड़ वोट हासिल हुए थे। माना जाता है कि इस बहुमत के पीछे सांप्रदायिक ध्रुवीकरण होने के कारण दलितों में जाटवों और गैर-जाटवों का एक अच्छा खासा हिस्सा भाजपा के पक्ष में गया था। पूरे प्रदेश में सपा को 21.82 फीसदी और बसपा को 22.23 फीसदी वोट हासिल हुआ था।
किसान आंदोलन के कारण नुकसान का खतरा
पश्चिमी यूपी के 11 जिलों की जिन 58 सीटों पर गुरुवार को मतदान हुआ, भाजपा ने 2017 के चुनाव में इनमें से 53 पर जीत हासिल की थी। बाकी की चार हारी सीटों पर भी वह दूसरे स्थान पर रही थी। उस चुनाव में इन सीटों में सपा को दो और आरएलडी को केवल एक सीट पर जीत हासिल हुई थी। शेष दो सीटें बसपा के खाते में गई थीं। पूरे यूपी में केवल दो फीसदी आबादी वाले जाट मतदाता पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 25 सीटों पर प्रभावी हैं, जहां इनकी आबादी 30 से 35 फीसदी तक है। माना जा रहा है कि किसान आंदोलन के कारण इन्हीं सीटों पर भाजपा को नुकसान हो सकता है।
एक-तिहाई हिस्सा भाजपा के पक्ष में
हालांकि, बताया जाता है कि जाटों का पूरा वोट सपा-आरएलडी गठबंधन को नहीं गया है, बल्कि इसका एक-तिहाई हिस्सा भाजपा के पक्ष में गया है। इससे समीकरण भाजपा के खिलाफ उतना नहीं हो सकता है, जितना की पहले की स्थिति में बताया जा रहा था।
भाजपा ने 19 वर्तमान विधायकों के टिकट काटे
भाजपा ने इन 58 सीटों में से 23 सीटों पर अपने प्रत्याशी बदल दिए हैं। इसमें 19 वर्तमान विधायकों का टिकट काट दिया गया है। सपा 29 सीटों पर और आरएलडी 28 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं। एक सीट शरद पवार की पार्टी एनसीपी को दी गई है। इस चरण में 623 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें 73 महिला उम्मीदवार हैं। 2.27 करोड़ मतदाता इनकी किस्मत का फैसला ईवीएम पेटियों में बंद कर चुके हैं।