17 अप्रैल से शुरू हो रहा है वैशाख माह, इस दौरान तुलसी पूजन के अलावा करें ये काम, हर काम में मिलेगी सफलता


Vaisakh Month 2022 - India TV Hindi
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Vaisakh Month 2022 

Highlights

  • वैशाख मास के दौरान भगवान विष्णु की पूजा का विधान है।
  • वैशाख मास का एक नाम माधव मास भी है।

17 अप्रैल को वैशाख कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि और रविवार का दिन है। प्रतिपदा तिथि 17 अप्रैल को रात 10 बजकर 1 मिनट तक रहेगी। उसके बाद द्वितीया तिथि लग जाएगी। 17 अप्रैल से वैशाख का महीना शुरू होगा।  हमारी संस्कृति में वैशाख मास का बहुत महत्व है। शास्त्रों में वैशाख मास के दौरान किये जाने वाले बहुत-से यम-नियम आदि का जिक्र भी किया गया है, यानि 17 अप्रैल से शुरू होकर वैशाख मास की पूर्णिमा तक ये यम-नियम आदि चलेंगे।  लिहाजा वैशाख मास का क्या महत्व है, इस दौरान किन नियमों का पालन करना चाहिए और उन नियमों का पालन करने से आपको कौन-से शुभ फलों की प्राप्ति होगी जानिए इंदु प्रकाश से। 

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इंदु प्रकाश के अनुसार, वैशाख मास के दौरान भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। इस दौरान भगवान विष्णु की माधव नाम से पूजा की जाती है।  वैशाख मास का एक नाम माधव मास भी है। लिहाजा माधव मास का बड़ा ही महत्व है। इस माह के दौरान आपको इस मंत्र का नित्य ही कम से कम 11 बार जाप करना चाहिए। मंत्र है – ‘ऊँ माधवाय नमः’

जानिए वैशाख मास के दौरान किन उपायों को करने से आपको सफलता मिलेगी

  1. वैशाख मास के दौरान किये जाने वाले कार्यों में सबसे महत्वपूर्ण है- तुलसीपत्र से श्री विष्णु पूजा। जी हां, 17 अप्रैल से लेकर पूरे 30 दिनों तक तुलसी की पत्तियों से भगवान विष्णु का पूजन किया जाना चाहिए। इससे व्यक्ति को करियर में तरक्की के साथ ही अच्छा स्वास्थ्य भी प्राप्त होता है।  इसके अलावा उस व्यक्ति के घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। 
  2. तुलसी पूजन के साथ ही इस दौरान घर आंगन में तुलसी का पौधा लगाना भी शुभ होता है। इस दौरान घर, मन्दिर या कार्यस्थल पर तुलसी का पौधा लगाने से और उचित प्रकार से पौधे की देखभाल करने से व्यक्ति की सफलता सुनिश्चित होती है, लिहाजा आप जीवन में लगातार आगे बढ़ते जायेंगे। 
  3. वैशाख या माधवमास के दौरान जप, तप, हवन के अलावा स्नान और दान का भी विशेष महत्व है। इस दौरान जो व्यक्ति श्रद्धाभाव से जप, तप, हवन, स्नान, दान आदि शुभकार्य करता है, उसका अक्षयफल उस व्यक्ति को प्राप्त होता है।  जिस प्रकार कार्तिक मास के दौरान सुबह जल्दी उठकर स्नान के बाद भगवान की पूजा की जाती है, ठीक उसी प्रकार वैशाख मास के दौरान भी सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए और भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति को अश्वमेघ यज्ञ के समान फल मिलता है, यानी उसे जीवन में तरक्की ही तरक्की मिलती है। 
  4. वैशाख मास के दौरान घट दान, यानी मिट्टी का घड़ा दान करने का भी विधान है।  इस दौरान अगर आप किसी मन्दिर में, बाग-बगीचे में, स्कूल में या किसी सार्वजनिक स्थान पर पानी से भरा मिट्टी का घड़ा रखेंगे, तो आपको बहुत ही पुण्य फल प्राप्त होंगे। इससे आपके जीवन में खुशहाली बनी रहेगी। 

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