क्या इन दो मांगों पर नहीं बनी बात?: प्रियंका को कांग्रेस अध्यक्ष बनाना चाहते थे प्रशांत किशोर, पार्टी में मांगी थी खुली छूट


सार

प्रशांत किशोर दो अलग-अलग लोगों को पीएम उम्मीदवार और पार्टी प्रमुख के रूप में चाहते थे। कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि प्रशांत किशोर व्यापक अधिकार चाहते थे और चुनाव प्रबंधन में भी खुली छूट चाहते थे लकिन पार्टी चाहती थी कि नेताओं का एक समूह 2024 के आम चुनावों की देखरेख करे।

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कांग्रेस से चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के बाहर जाने का सही कारण तो अभी पता नहीं चल सका है लेकिन पार्टी के अंदर के एक पदाधिकारी ने इसके पीछे दो बड़ी बताई है। दरअसल,  चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर प्रियंका गांधी वाड्रा को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाना चाहते थे। इसके अलावा पीके पार्टी में सुधार करने के लिए खुली छूट भी चाह रहे थे। 

किसी भी सलाहकार को पूरे शो को चलाने की शक्ति नहीं मिलनी चाहिए: कांग्रेस
मीडिया रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि प्रशांत किशोर दो अलग-अलग लोगों को पीएम उम्मीदवार और पार्टी प्रमुख के रूप में चाहते थे। कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि प्रशांत किशोर व्यापक अधिकार चाहते थे और चुनाव प्रबंधन में भी खुली छूट चाहते थे लकिन पार्टी चाहती थी कि नेताओं का एक समूह 2024 के आम चुनावों की देखरेख करे। कांग्रेस के कई नेताओं का मत था कि किसी भी सलाहकार को पूरे शो को चलाने की शक्ति नहीं मिलनी चाहिए। पार्टी सूत्रों ने आगे बताया कि कांग्रेस की कार्यशैली अलग है और पार्टी को एक खिड़की से नहीं चलाया जा सकता, जिसके कारण सोनिया गांधी ने किशोर को 2024 के चुनावों के लिए एम्पावर्ड एक्शन ग्रुप में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया न की पूरी शक्ति देने की।

राहुल गांधी भी किसी एक व्यक्ति को सत्ता देने के इच्छुक नहीं थे
सूत्रों ने यह भी संकेत दिया कि राहुल गांधी भी किसी एक व्यक्ति को सत्ता देने के इच्छुक नहीं थे। सूत्रों ने कहा कि राहुल भी एक एक्शन ग्रुप बनाना चाहते थे जिसमें की पार्टी में सुधार के लिए विभिन्न की राय रखी जा सके।

प्रशांत किशोर ने कांग्रेस में शामिल नहीं होने की बताई थी ये वजह
मंगलवार को पार्टी में शामिल होने के कांग्रेस के प्रस्ताव को ठुकराने के तुरंत बाद, किशोर ने कहा कि पार्टी को गहरी जड़ें जमाने वाली संरचनात्मक समस्याओं को ठीक करने के लिए नेतृत्व” और सामूहिक इच्छाशक्ति की आवश्यकता है। किशोर ने ट्वीट करते हुए कहा कि मैंने ईएजी के हिस्से के तौर पर पार्टी में शामिल होने की कांग्रेस की पेशकश को अस्वीकार कर दिया है। मेरे विचार में सांगठनिक समस्याओं को सुधारों के जरिए ठीक करने के लिए पार्टी को मुझसे ज्यादा नेतृत्व और सामूहिक इच्छाशक्ति की आवश्यकता है।

सोनिया गांधी ने विशेष ट्रीटमेंट देने से किया इनकार
जानकारी के अनुसार कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस बात से साफ इनकार कर दिया था कि प्रशांत किशोर अगर पार्टी में शामिल होते हैं तो उन्हें कोई विशेष ट्रीटमेंट दिया जाएगा। इसके साथ ही यह भी स्पष्ट कर दिया गया था कि उनके पार्टी शामिल होने की शर्त पर संगठन में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।

विस्तार

कांग्रेस से चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के बाहर जाने का सही कारण तो अभी पता नहीं चल सका है लेकिन पार्टी के अंदर के एक पदाधिकारी ने इसके पीछे दो बड़ी बताई है। दरअसल,  चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर प्रियंका गांधी वाड्रा को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाना चाहते थे। इसके अलावा पीके पार्टी में सुधार करने के लिए खुली छूट भी चाह रहे थे। 

किसी भी सलाहकार को पूरे शो को चलाने की शक्ति नहीं मिलनी चाहिए: कांग्रेस

मीडिया रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि प्रशांत किशोर दो अलग-अलग लोगों को पीएम उम्मीदवार और पार्टी प्रमुख के रूप में चाहते थे। कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि प्रशांत किशोर व्यापक अधिकार चाहते थे और चुनाव प्रबंधन में भी खुली छूट चाहते थे लकिन पार्टी चाहती थी कि नेताओं का एक समूह 2024 के आम चुनावों की देखरेख करे। कांग्रेस के कई नेताओं का मत था कि किसी भी सलाहकार को पूरे शो को चलाने की शक्ति नहीं मिलनी चाहिए। पार्टी सूत्रों ने आगे बताया कि कांग्रेस की कार्यशैली अलग है और पार्टी को एक खिड़की से नहीं चलाया जा सकता, जिसके कारण सोनिया गांधी ने किशोर को 2024 के चुनावों के लिए एम्पावर्ड एक्शन ग्रुप में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया न की पूरी शक्ति देने की।

राहुल गांधी भी किसी एक व्यक्ति को सत्ता देने के इच्छुक नहीं थे

सूत्रों ने यह भी संकेत दिया कि राहुल गांधी भी किसी एक व्यक्ति को सत्ता देने के इच्छुक नहीं थे। सूत्रों ने कहा कि राहुल भी एक एक्शन ग्रुप बनाना चाहते थे जिसमें की पार्टी में सुधार के लिए विभिन्न की राय रखी जा सके।

प्रशांत किशोर ने कांग्रेस में शामिल नहीं होने की बताई थी ये वजह

मंगलवार को पार्टी में शामिल होने के कांग्रेस के प्रस्ताव को ठुकराने के तुरंत बाद, किशोर ने कहा कि पार्टी को गहरी जड़ें जमाने वाली संरचनात्मक समस्याओं को ठीक करने के लिए नेतृत्व” और सामूहिक इच्छाशक्ति की आवश्यकता है। किशोर ने ट्वीट करते हुए कहा कि मैंने ईएजी के हिस्से के तौर पर पार्टी में शामिल होने की कांग्रेस की पेशकश को अस्वीकार कर दिया है। मेरे विचार में सांगठनिक समस्याओं को सुधारों के जरिए ठीक करने के लिए पार्टी को मुझसे ज्यादा नेतृत्व और सामूहिक इच्छाशक्ति की आवश्यकता है।

सोनिया गांधी ने विशेष ट्रीटमेंट देने से किया इनकार

जानकारी के अनुसार कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस बात से साफ इनकार कर दिया था कि प्रशांत किशोर अगर पार्टी में शामिल होते हैं तो उन्हें कोई विशेष ट्रीटमेंट दिया जाएगा। इसके साथ ही यह भी स्पष्ट कर दिया गया था कि उनके पार्टी शामिल होने की शर्त पर संगठन में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।



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