इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन में जमा कचरे को पहली बार एयरलॉक से फेंका गया, देखें वीडियो


दुनियाभर की स्‍पेस एजेंसियां अंतरिक्ष में अपने सैटेलाइट लॉन्‍च करती रही हैं। ये सैटेलाइट और स्‍पेस एजेंसियों द्वारा भेजे जा रहे स्‍पेसक्राफ्ट अंतरिक्ष में परेशानी की वजह बन रहे हैं। इनकी वजह से वहां ट्रैफ‍िक तो बढ़ा ही है, स्‍पेस कचरे में भी बढ़ोतरी हो रही है। ऐसा कचरा जो अंतरिक्ष में पृथ्‍वी की कक्षा में तैरता रहता है। इसकी मात्रा इतनी ज्‍यादा हो गई है कि यह वहां अंतरिक्ष यात्रियों के लिए भी खतरा बन रहा है। इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन (ISS) में रहकर स्‍पेस रिसर्च कर रहे अंतरिक्ष यात्री इस कचरे के खतरे की चपेट में हैं। हालांकि हैरान करने वाली बात यह है कि खुद अंतरिक्ष यात्री भी बड़ी मात्रा में ऐसा कचरा जनरेट कर रहे हैं। अब एक अच्‍छी खबर इसे डिस्‍पोज करने को लेकर सामने आई है। 

स्‍पेस सर्विस कंपनी नैनोरैक (Nanoracks) ने बताया है कि इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन पर मौजूद चालक दल के सदस्यों को कचरा निपटाने का एक नया तरीका मिल गया है। हाल ही में 2 जुलाई को ISS के कमर्शल बिशप एयरलॉक से एक विशेष कचरा बैग के अंदर लगभग 172 पाउंड (78 किलोग्राम) कचरा डाला गया है। इस एयरलॉक सिस्‍टम को नैनोरैक ने तैयार किया है, जिसका काम अंतरिक्ष में कचरे का निपटारा करना है। 

कंपनी की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, 2 जुलाई को उसने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर तैनात बिशप एयरलॉक को सफलतापूर्वक चलाया और स्टेशन से लगभग 172 lbs कचरे को डिस्‍पोज करने के लिए नैनोरैक्स इस टेक्‍नॉलजी को डिप्‍लॉय किया। यह नई ऑर्बिटल वेस्‍ट-डिस्‍पोजल टेक्निक की टेस्टिंग थी, जिसे नैनोरैक्‍स ने नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर के सहयोग से पूरा किया। बताया जाता है कि कचरा अच्‍छी तरह से तैर गया। 

ISS में सवार अंतरिक्ष यात्री अब तक जो कचरा इकट्ठा करते थे उसे महीनों तक अपने अंतरिक्ष के घर में ही स्‍टोर करते थे। बाद में इसे सिग्नस कार्गो व्‍हीकल में भरा जाता था। कचरे के थैलों से भरा अंतरिक्ष यान पृथ्वी के वायुमंडल में दोबारा एंट्री करते समय जल जाता था। अब नए डिस्‍पोजल सिस्‍टम के साथ ISS पर मौजूद टीम 600 पाउंड तक कचरा भर सकती है, जिसे नैनोरैक्‍स के एयरलॉक की मदद से डिस्‍पोज किया जाएगा। खास बात यह है कि स्‍पेस फ्लाइट्स के लिए कचरा डिस्‍पोज की यह तकनीक पहले से इस्‍तेमाल की जाती रही है। नैनोरैक्‍स ने इस तकनीक को वीडियो के जरिए भी समझाया है। 
 

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