Grounding Technique: क्‍या है ग्राउंडिंग टेक्निक, एंग्‍जायटी को कम करने में भी है बेहद उपयोगी


हाइलाइट्स

ग्राउंडिंग टेक्‍नीक के प्रयोग से व्‍यक्ति वर्तमान को इंज्‍वाय करना सीखता है.
ग्राउंडिंग टेक्‍नीक से बढ़ता है व्‍यक्ति का फोकस.
पास्‍ट के बारे में सोचते रहने से बढ़ सकती है एंग्‍जाइटी.

What Is Grounding Technique-  तनाव और एंग्‍जायटी एक ऐसा श‍ब्‍द है जो हर किसी की जिंदगी का हिस्‍सा बन गया है. ये एक आम समस्‍या है जो कई परेशानियों को बढ़ा सकती है. कई लोग छोटी-छोटी बातों पर एंग्‍जायटी महसूस करने लगते हैं जिस वजह से उनकी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ पर प्रभाव पड़ने लगता है. एंग्‍जायटी एक स्थिति है जिसे आसानी से दूर किया जा स‍कता है. इन दिनों एंग्‍जायटी की समस्‍या को कम करने के लिए ग्राउंडिंग टेक्‍नीक का प्रयोग किया जा रहा है.

इस टेक्‍नीक के माध्‍यम से एंग्‍जायटी को तो कम करने में मदद मिलती ही है साथ ही व्‍यक्ति का फोकस भी बढ़ाया जा सकता है. ग्राउंडिंग टेक्‍नीक सेल्‍फ मेडिकेटेड टेक्‍नीक है जिसे बिना किसी की सहायता के किया जा सकता है. इससे व्‍यक्ति को वर्तमान में रहना सिखाया जा सकता है. चलिए जानते हैं ग्राउंडिंग टेक्‍नीक के बारे में.

क्‍या है ग्राउंडिंग टेक्‍नीक
एंग्‍जायटी तब होती है जब हमारा दिमाग वर्तमान में न रहकर पुरानी बातों  के विषय में सोचता है. हेल्‍थ शॉट्स के अनुसार कई बार दिमाग चिंता, सोच, पैटर्न और भय में फंस जाता है जिसे एंग्‍जायटी कहा जाता है. एंग्‍जायटी को दूर करने के लिए ग्राउंडिंग टेक्‍नीक का सहारा लिया जा सकता है. ग्राउंडिंग टेक्‍नीक विचारों को पास्‍ट से प्रेजेंट में लाने की टेक्‍नीक है. ग्राउंडिंग टेक्‍नीक पुरानी यादों, फ्लैशबैक और नकारात्‍मक भावना को दूर करने में मदद कर सकती है. वैसे तो ग्राउंडिंग टेक्‍नीक 12 से भी अधिक हैं लेकिन अधिकतर दो टेक्‍नीक का चिंता को दूर करने में अधिक प्रयोग किया जाता है.

पांचों सेंस ऑर्गेन को करें एक्टिव(पहली टेक्‍नीक)
इस टेक्‍नीक में व्‍यक्ति को खुद के पांचों सेंस ऑर्गेन को एक्टिव करने के लिए विभिन्‍न तरीकों का उपयोग करना पड़ता है.

दृष्टि- इस टेक्‍नीक को करने के लिए सबसे पहले व्‍यक्ति को पसंदीदा विडियो चलाना है जैसे किसी जगह या प्रकृति से संबंधित. 5 मिनट तक विडियो ध्‍यान से देखना है. हो सकता है कि वीडियो आपको पास्‍ट के बारे में सोचने को मजबूर कर दे. ऐसे में जरूरी हे कि दिमाग को सिर्फ वीडियो पर फोकस कराएं. ऐसा करने से एंग्‍जाइटी को कम करने में मदद मिलेगी.

ध्‍वनि – इसे करने के लिए अपनी पसंद का कोई भी गाना बजाएं और म्‍यूजिक पर नाचते हुए गाना गुनगुनाएं. मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य के लिए ध्‍वनि बहुत फायदेमंद हो सकती है.

महक- इस एक्टिविटी में मनपसंद महक का आनंद लिया जा सकता है. इसके लिए किसी भी सेंटेड मोमबत्‍ती, परफ्यूम और फूल का चुनाव कर सकते हैं. इससे ध्‍यान को केंद्रीत करने में मदद मिलेगी.

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स्‍वाद- टेस्‍ट बड्स को एक्टिव करने के लिए अपनी पसंद का कुछ भी खा सकते हैं. जैसे चॉकलेट, चाय या ड्रिंक. इससे एंग्‍जाइटी कम होगी और मूड बेहतर हो सकता है.

स्‍पर्श- इसके लिए किसी भी पसंदीदा चीज का चुनाव कर सकते हैं जिसे छूने से आपको संतुष्टि मिलती हो जैसे सॉफ्ट टॉयज, पेट या बच्‍चे को सहलाएं. इन पांचों सेंस को एक्टिव करने से तुरंत ही एंग्‍जाइटी लेवल में गिरावट महसूस करेंगे.

5-4-3-2-1 टेक्‍नीक (दूसरी टेक्‍नीक)
ये टेक्‍नीक बहुत की अनोखी है इससे रोजमर्रा की परेशानियों को कम करने में मदद मिल सकती है. इसमें व्‍यक्ति को उन चीजों को देखना और महसूस करना है जो उनके आसपास हो. जैसे-
-उन पांच चीजों को पहचानें जो आसपास दिख रही हो.
– उन चार चीजों को पहचानें और नाम दें जिन्‍हें छू सकते हो.

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-उन तीन बातों को पहचानें और नाम दें जिन्‍हें आप सुन सकते हैं.
-उन दो चीजों को पहचानें और नाम दें जिन्‍हें सूंघ सकते हैं.
-किसी एक चीज को पहचानें और नाम दें जिसका स्‍वाद चख सकते हैं.
ऐसा करने से व्‍यक्ति हर उन चीजों पर फोकस कर पाएगा जिस पर एंग्‍जाइटी की वजह से उसका ध्‍यान ही नहीं जाता. इसके नियमित अभ्‍यास से चिंता को खुशी में बदला जा सकता है.

Tags: Anxiety, Health, Lifestyle

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