मोहम्‍मद शमी ने किसे कहा- वो असली भारतीय नहीं हैं, मैं अपने देश के लिए लड़ता हूं


नई दिल्‍ली. भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्‍मद शमी (Mohammed Shami ) को पाकिस्‍तान (Pakistan) के खिलाफ टी20 वर्ल्‍ड कप में मिली हार के बाद जमकर ट्रोल किया गया था. भारतीय गेंदबाज ने अब ट्रोलर्स की बोलती बंद कर दी. उन्‍होंने इंडियन एक्‍सप्रेस से ट्रोलिंग और एक गांव से निकलकर दुनियाभर में छाने के अपने सफर पर बात की. शमी ने कहा कि जो ट्रोल करते हैं वो असली फैंस नहीं है और न ही असली भारतीय हैं. मुझे पता है कि मैं किसका प्रतिनिधित्‍व करता हूं. शमी ने कहा कि मैं अपने देश के लिए लड़ता हूं.

टी20 वर्ल्‍ड कप में भारत के निराशजनक प्रदर्शन पर शमी ने कहा कि बड़ी उम्‍मीदें थी, मगर हम भी इंसान हैं. गलतियां हो सकती है. टी20 वर्ल्‍ड कप के दौरान शमी काफी ट्रोल हुए थे. ऐसे समय में विराट कोहली शमी उनके समर्थन में खड़े हुए और ट्रोलर्स को जवाब दिया.

ट्रोलर्स के कमेंट पर आहत नहीं होना चाहिए
शमी ने इस पर कहा कि इस तरह की सोच का कोई इलाज नहीं हैं. (धर्म) ट्रोल करने वाले न तो असली प्रशंसक हैं और न ही असली भारतीय. यदि आप किसी खिलाड़ी को हीरो मानते हैं और फिर इस तरह का व्‍यवहार करते हैं तो आप भारतीय समर्थक नहीं हैं. शमी ने कहा कि मुझे लगता है कि ऐसे लोगों के कमेंट से किसी को आहत नहीं होना चाहिए. शमी ने कहा कि मेरे दिमाग में एक ही बात चल रही थी. यदि मैं किसी को अपना आदर्श मानता हूं तो मैं उस व्‍यक्ति के बारे में कभी भी बुरा नहीं बोलूंगा और अगर कोई मुझे आहत करने वाली बात कह रहा है तो वो मेरा और भारतीय टीम का समर्थन नहीं हो सकता. इसीलिए मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वो क्‍या कर रहा है.

खेल के बारे में ज्‍यादा नहीं थी जानकारी 
उन्‍होंने अपने सफर पर भी खुलकर बात की. जब वो छोटे थे तो उनके पिता ने न सिर्फ उनके लिए, बल्कि गांव के लिए पिच तैयार की थी. शमी ने उस दिनों को याद करते हुए कहा कि उस समय कुछ संघर्ष था और किसी को भी नहीं पता था कि कौन कहां जाएगा. उन्‍होंने कहा कि टीवी पर हमने जितना देखा, उसके अलावा खेल के बारे में ज्‍यादा कुछ नहीं पता था. मेरे पिता मिलनसार व्‍यक्ति हैं और दूसरों की मदद करते हैं. हमारा परिवार राजनीति से जुड़ा हुआ है. इसीलिए लोग आते जाते रहते हैं. भारतीय तेज गेंदबाज ने कहा कि जब हमने उस इलाके में कंक्रीट की पिच बनवाई तो वहां सरकारी स्‍कूल के अलावा कोई सार्वजनिक सुविधा नहीं थी. इसके बाद स्‍थानीय बच्‍चे आने लगे. हमने ग्रुप बनाए और एक दूसरे खिलाफ खेले.

Tags: Indian cricket, Mohammad Shami

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