उन्होंने यह भी कहा था कि उन्हें भाग्य पर और किसी को उनके दुख से बाहर निकालने के लिए किए गए अच्छे काम पर उन्हें खूब भरोसा है। उन्होंने कहा था, ‘कोई भी अपने भाग्य से भाग नहीं सकता। लेकिन अच्छे विचारों और दूसरों की मदद, अच्छे काम करके मुझे लगता है कि हम एक हद तक अपने दुर्भाग्य को बदल सकते हैं। राम, जिन्हें हम भगवान विष्णु का अवतार मानते हैं, एक राजा के बेटे होने के बावजूद उन्हें 14 साल वनवास काटना पड़ा। यही भाग्य है। लेकिन उन्होंने इस दौरान अच्छे काम किए, जिनमें से रावण का वध भी एक काम था, इसके बाद उन्होंने अच्छे दिन भी देखे और राम राज्य स्थापित करने में वह सफल भी रहे।’
लता मंगेशकर की पर्सनैलिटी को जो भी जानते हैं, वे उनकी विनम्रता और दयालु स्वभाव के बारे में बातें करने से खुद को रोक नहीं पाते। ETimes से बातचीत में पूनम ढिल्लों ने बताया था कि वह कैसे नेचर के करीब रहती थीं। उन्होंने बताया था, ‘हर गणपति को मैं उनके घर जाती थी और दर्शन करती थी। वह हमेशा हमसे मिलने आया करती थीं।
बता दें कि 92 साल की लता मंगेशकर को कोविड पॉजिटिव होने के बाद 8 जनवरी को हॉस्पिटलाइज कराया गया था। लंबे समय से वह अस्पताल में भर्ती रही। इस दौरान दुनिया भर से उनके फैन्स अपनी चहेती सिंगर के लिए प्रार्थना और दुआएं कर रहे थे। हालांकि, इस बार कोई दुआ काम नहीं आई और लगभग एक महीने बाद 6 फरवरी को उनके निधन की खबर ने सबको दुख में डुबो दिया।