नयी दिल्ली. दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि ‘शोले’ (Sholay) एक ‘प्रतिष्ठित फिल्म’ का शीर्षक है, जिसका एक प्रतीक के रूप में मनमर्जी से इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने इसके साथ ही फिल्म के शीर्षक का दुरुपयोग करने वाले व्यक्तियों द्वारा इसके उपयोग पर रोक लगा दी है.
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, ‘‘अगर कोई एक ऐसी फिल्म है जिसने भारतीयों को पीढ़ी-दर-पीढ़ी आकर्षित किया है तो वह ‘शोले’ है. यह फिल्म, इसके किरदार, इसके संवाद, सेटिंग और बॉक्स आफिस पर इसकी कमाई- हर लिहाज से यह एक महान फिल्म है. निसंदेह ‘शोले’ भारतीय सिनेमा के इतिहास में, भारत द्वारा आज तक निर्मित सबसे महान और रिकार्डतोड़ सफलता हासिल करने वाली फिल्मों में से एक है.’’
‘शोले’ जैसी कुछ फिल्में साधारण शब्दों की सीमाओं से परे
हाईकोर्ट ने कहा कि ‘शोले’ जैसी कुछ फिल्में साधारण शब्दों की सीमाओं से परे हैं. अदालत ने अपना व्यवसाय चलाने के लिए लोकप्रिय फिल्म शीर्षक का उपयोग करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दायर करने वाले फिल्म के निर्माताओं- शोले मीडिया एंड एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड और सिप्पी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड- को 25 लाख रुपये का हर्जाना दिए जाने का भी निर्देश दिया.
न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने एक ट्रेडमार्क मुकदमे के निपटारे के दौरान कहा कि शीर्षक और फिल्में ट्रेडमार्क कानून के तहत मान्यता प्राप्त करने में सक्षम हैं. न्यायाधीश ने कहा कि यह मामला 20 वर्षों से अधिक समय तक लड़ा गया था और प्रतिवादियों द्वारा अपनी वेबसाइट आदि पर फिल्म की डीवीडी बेचने के लिए ‘शोले’ के निशान को अपनाना “स्पष्ट रूप से दुर्भावनापूर्ण और बेईमानी” था और वादी को लागत व हर्जाने के रूप में 25 लाख रुपये देने को कहा तथा प्रतिवादियों को राशि का भुगतान करने के लिए तीन महीने का समय दिया गया है.
‘शोले’ नाम का उपयोग करने से रोका जाता है: हाईकोर्ट
अदालत ने 23 मई को जारी अपने आदेश में कहा, “इसी के अनुरूप, प्रतिवादी, उनके निदेशक, साझेदार, मालिक, और उनकी ओर से काम करने वाले किसी भी व्यक्ति को किसी भी सामान और सेवाओं के संबंध में ‘शोले’ नाम का उपयोग करने से रोका जाता है. इसके साथ ही फिल्म ‘शोले’ का कोई संदर्भ देने या उक्त फिल्म से किसी भी चित्र या क्लिपिंग का उपयोग करने, तथा शोले नाम या उक्त सिनेमैटोग्राफिक फिल्म के किसी चित्र का उपयोग करके माल बेचने पर भी रोक रहेगी.”
‘शोले’ शब्द एक प्रतिष्ठित फिल्म का शीर्षक
अदालत ने कहा, “ ‘शोले’ शब्द एक प्रतिष्ठित फिल्म का शीर्षक है, और इसके परिणामस्वरूप, फिल्म के साथ जुड़े एक प्रतीक के रूप में इसे सुरक्षा से रहित नहीं माना जा सकता है. कुछ फिल्में साधारण शब्दों की सीमा से परे होती हैं और फिल्म ‘शोले’ का शीर्षक उनमें से एक है. शीर्षक और फिल्में ट्रेडमार्क कानून के तहत मान्यता प्राप्त करने में सक्षम हैं और भारत में ‘शोले’ ऐसे मामले का एक उत्कृष्ट उदाहरण होगा.”
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
Tags: Amitabh Bachachan, DELHI HIGH COURT, Sholay
FIRST PUBLISHED : May 26, 2022, 19:53 IST