नई दिल्ली. निवेशकों का रुझान अन्य विकल्पों की तुलना में शेयरों की ओर बढ़ने से फरवरी में गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (Gold Exchange Traded Funds) से 248 करोड़ रुपये की निकासी देखने को मिली है. यह लगातार दूसरा महीना है जबकि गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) से निवेशकों ने निकासी की है.
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया यानी एम्फी (Amfi) के आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी में निवेशकों ने गोल्ड ईटीएफ से 452 करोड़ रुपये निकाले थे. इससे पहले दिसंबर में गोल्ड ईटीएफ में शुद्ध निवेश 313 करोड़ रुपये रहा था.
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असेट अंडर मैनेजमेंट में आया उछाल
निकासी के बावजूद इस श्रेणी में असेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) फरवरी के अंत तक बढ़कर 18,727 करोड़ रुपये हो गईं, जो जनवरी के अंत तक 17,839 करोड़ रुपये थीं. इस दौरान गोल्ड ईटीएफ में फोलियो की संख्या 3.09 लाख बढ़कर 37.74 लाख हो गई.
एलएक्सएमई (LXME) की फाउंडर प्रीति राठी गुप्ता ने कहा कि इससे पता चलता है कि गोल्ड को पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन के लिए असेट क्लास के रूप में देखा जाता है. उन्होंने कहा कि इस समय निवेशकों ने गोल्ड ईटीएफ से निकासी संभवत: आकर्षक रिटर्न की वजह से अपने पोर्टफोलियो को पुन: संतुलित करने के लिए की है.
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मॉर्निंगस्टार इंडिया की सीनियर एनालिस्ट-मैनेजर रिसर्च कविता कृष्णन ने कहा कि निवेशक सोने को हमेशा ऐसी संपत्ति के रूप में तरजीह देते हैं जिसका इस्तेमाल जोखिम से बचाव और अपने निवेश के विविधीकरण के लिए किया जा सकता है.
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