World Cancer Day: इंडिया अगेंस्ट कैंसर नामक संस्था के आंकडे़ बताते हैं कि भारत में बच्चेदानी के मुख के कैंसर की वजह से हर आठ मिनट में एक महिला की मृत्यु हो जाती है. अपने ही देश में स्तन कैंसर से पीडि़त हर दो महिलाओं में से एक महिला अपनी जान गंवा देती है. हर साल तंबाकू 3500 से अधिक व्यक्तियों की जान ले रहा है. वहीं, आईसीएमआर-एनसीडीआईआर राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम के आंकड़े बताते हैं कि 2020 में कैंसर से पीडि़त होने वाले मरीजों की सालाना संख्या 14 लाख तक पहुंच चुकी है और यही स्थिति रही तो 2025 तक हमारे देश में कैंसर से पीडि़त मरीजों की संख्या 15.7 लाख सालाना तक पहुंच सकती है.
मैक्स इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर केयर में मेडिकल ऑन्कोलॉजी डिपार्टमेंट के प्रधान निदेशक पद्मश्री डॉ. प्रमोद कुमार जुल्का (Padmashree Dr. Pramod Kumar Julka) बताते हैं कि कैंसर लाइफस्टाल, फूड बिहेवियर और वायरस से जुड़ी एक खतरनाक बीमारी है. हमारे देश में तेजी से फैलती इस बीमारी को प्राइमरी और सेकेंडरी प्रिवेंशन के जरिए ही रोका जा सकता है. प्राइमरी प्रिवेंशन के तहत, एथारिटीज को ऐसे उत्पादों पर रोक लगानी होगी, जो कैंसर की बीमारी की वजह बनते हैं. वहीं, सेकेंडरी प्रिवंशन के जरिए हम अपने शरीर में दिखने वाले लक्षणों की मदद से कैंसर को बेहद शुरूआती स्टेज पर पकड़ कर उसका इलाज करा सकते हैं.
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