World Earth Day 2022: यहां जानें 22 अप्रैल को क्यों मनाया जाता है विश्व पृथ्वी दिवस और क्या है इस बार की थीम


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हर साल 22 अप्रैल को विश्व पृथ्वी दिवस मनाया जाता है। इसके पीछे का कारण पृथ्वी और पर्यावरण के संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करना है। 93 देशों में इसको मनाया जाता है। इसकी स्थापना अमेरिकी सीनेटर जेराल्ड नेल्सन ने 1970 में एक पर्यावरण शिक्षा के रूप की थी।

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आपको बता दें पृथ्वी दिवस साल में दो बार मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र ने 21 मार्च को अंतरराष्ट्रीय पृथ्वी दिवस के रूप में मान्यता दे रखी है। दरअसल में यहां एक्विनोक्स (वर्ष का वह समय, जब दिन और रात बराबर होते हैं) के हिसाब से इसे मनाते हैं और ये दिन 21 मार्च को पड़ता है। वहीं वैश्विक स्तर पर 22 अप्रैल 1970 को पहली बार मनाया गया था तभी से हर साल 22 अप्रैल को यह दिवस मनाए जाने का निर्णय लिया गया।

विश्व पृथ्वी दिवस का इतिहास-


इसकी शुरुआत एक अमेरिकी सीनेटर गेलॉर्ड नेल्सन ने की थी। साल 1969 में कैलिफोर्निया के सांता बारबरा में तेल रिसाव के कारण भारी बर्बादी हुई थी, जिससे वह बहुत आहत हुए और पर्यावरण संरक्षण को लेकर कुछ करने का फैसला लिया। 22 जनवरी को समुद्र में तीन मिलियन गैलेन तेल रिसाव हुआ था, जिससे 10,000 सीबर्ड, डॉल्फिन, सील और सी लायन्स मारे गए थे। इसके बाद नेल्सन के आह्वाहन पर 22 अप्रैल 1970 को लगभग दो करोड़ अमेरिकी लोगों ने पृथ्वी दिवस के पहले आयोजन में भाग लिया था। 

विश्व पृथ्वी दिवस 2022 की थीम-

इस वर्ष की थी ‘हमारी धरती, हमारा स्वास्थय’ है। ऐसा मानना है कि जैसी पृथ्वी की दशा होती है उसी के अनुसार हमारा स्वास्थय ढ़लता है इसीलिए इस बार की थीम ये रखी गई है।

ऐसे दें आप भी पृथ्वी बचाने के लिए अपना योगदान-

कचरा न फैलाएं –      

हर साल दुनियाफर में बेशुनार कचरा पैदा होता है। प्लास्टिक को ही ले लीजिए इससे बनी चीजों को विघटित होने पर 450 साल से भी ज्यादा वक्त लग जाता है। तो इसकी जगह आप ऐसी चीजें खरीदें जिसमें प्लास्टिक का यूज न हुआ हो।

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लगाएं अधिक पेड़-

अधिक प्रदूषण और अधिक मात्रा में पेड़ों की कटाई के कारण दिनों-दिन पेड़ों की संख्या कम होती जा रही है, जिससे कि आने वाले सम में सांस लेना भी दूभर हो जाएगा। इसलिए अधिक से अधिक पेड़ों को लगाएं।

कम बिजली का करें इस्तेमाल-

दिन में जरूरत न हो तो लाइट का इस्तेमाल न करें। इससे बिजली उत्पादन में बहुत ही कम प्राकृतिक संसाधन खर्च होगा।

बेकार में पानी न बहाएं-

जरूरत हो उतना ही पानी इस्तेमाल करें। ज्यादा पानी बहाना आने वाले समय में आपको पानी से मोहताज कर सकता है।



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