World Happiness Report: दुनिया का सबसे खुशहाल देश है फिनलैंड, जानें सबसे दुखी देश के बारे में


नई दिल्‍ली. दुनिया का सबसे खुशहाल देश फिनलैंड (Finland) और सबसे दुखी देश अफगानिस्‍तान (Afghanistan) है. संयुक्‍त राष्‍ट्र की हाल ही में जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. यह रिपोर्ट कई तथ्‍यों पर आधारित है और यह खिताब लगातार पांचवीं बार फिनलैंड को मिला है. इस रिपोर्ट में अफगानिस्‍तान के साथ ही लेबनान को सबसे दुखी देशों में शामिल किया गया है. इस सूची में 146 देशों को शामिल किया गया है. भारत (India) की पिछले साल की स्थिति में कुछ सुधार हुआ है, पिछली बार भारत 139वें स्‍थान पर था जो अब 136 पर पहुंच गया है.

संयुक्‍त राष्‍ट्र की शुक्रवार को जारी वर्ल्‍ड हैप्‍पीनेस रिपोर्ट में बताया गया है कि फिनलैंड के बाद टॉप फाइव में डेनमार्क, आइलैंड, स्विटजरलैंड और नीदरलैंड शामिल हैं. अमे‍रिका 16 वें और ब्रिटेन 17 वें स्‍थान पर है. वहीं, सर्बिया, बुल्‍गारिया और रोमानिया में लोगों के हालात, स्‍वास्‍थ्‍य में लगातार सुधार हुआ है और इन देशों में खुशहाली दर में तेज वृद्धि हुई है. वहीं इससे उलट सबसे बड़ी गिरावट और लोगों के हाल में पतन लेबनान, वेनेजुएला और अफगानिस्‍तान में पाया गया है. इसी तरह जिम्‍बाब्‍वे के नीचे सूची में पिछले से दूसरे स्थान लेबनान में घोर आर्थिक मंदी के कारण हालात बुरे हो गए हैं.

सबसे नीचे पहुंचा अफगानिस्‍तान, भूखों मर सकते हैं लाखों बच्‍चे

तालिबान के कारण अफगानिस्‍तान में हालात बदतर हो गए हैं. पिछले साल अगस्‍त देश की सत्‍ता पर कब्‍जा करने वाले आतंकी तालिबानियों के कारण यहां मानवीय संकट गहरा गया है. संयुक्‍त राष्ट्र की एजेंसी यूनीसेफ का अनुमान है कि अगर इस देश को सहायता नहीं दी गई तो पांच साल से कम उम्र के करीब दस लाख बच्‍चे भूख से मर सकते हैं. वर्ल्‍ड हैप्‍पीनेस रिपोर्ट के लेखकों में से एक जान इमैनुएल डी नेवे ने कहा कि ‘यह सूचकांक उस सामग्री और क्षति की एक स्‍पष्‍ट रिमांइडर है कि संबंधित देश में क्‍या घटनाक्रम रहा है, जहां हालात बदतर हैं, वहां के लोगों ने या तो युद्ध जैसे हालातों का सामना किया है, या वे युद्ध के बाद के हालातों में जी रहे हैं.

सामाजिक और आर्थिक आंकड़ों पर आधारित है रिपोर्ट

इस रिपोर्ट को तैयार करने के लिए संबंधित देशों में सामाजिक और आर्थिक आंकड़ों की मदद ली गई. बीते 10 सालों से यह सालाना रिपोर्ट तैयार की जा रही है. इसमें बीते तीन सालों के औसत डेटा के आधार पर शून्‍य से लेकर 10 अंक तक के पैमाने पर खुशी स्‍कोर की गणना की जाती है. यह बार की रिपोर्ट रूस के यूक्रेन पर हमले से पहले ही तैयार कर ली गई थी, ऐसे में उन देशों के हालातों पर यह रिपोर्ट मौजूदा घटनाक्रम के हिसाब से परिणाम नहीं देती है.

Tags: Finland, India



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