Aashram Season 3 Review: डिजिटल का सबक बना ‘आश्रम’ का तीसरा सीजन, प्रकाश झा के प्रशंसकों का इम्तिहान जारी


Movie Review

एक बदनाम आश्रम सीजन 3

कलाकार

बॉबी देओल
,
चंदन रॉय सान्याल
,
ईशा गुप्ता
,
अदिति पोहनकर
,
त्रिधा चौधरी
और
अनुरिता झा

लेखक

हबीब फैसल
,
संजय मासूम
,
अविनाश कुमार
और
माधवी भट्ट

निर्देशक

प्रकाश झा

निर्माता

प्रकाश झा

ओटीटी

एमएक्स प्लेयर

प्रकाश झा का नाम सिनेमा में आज भी काफी सम्मान से लिया जाता है। जब खेलों पर आधारित सिनेमा की देश में चर्चा ही बिरले होती थी, उन्होंने ‘हिप हिप हुर्रे’ जैसी फिल्म बनाकर देश दुनिया का ध्यान अपनी तरफ खींचा। फिर ‘दामुल’, ‘परिणीति’, ‘मृत्युदंड’ और ‘गंगाजल’ जैसी फिल्में बनाकर राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की सूची में अपना नाम बार बार दर्ज कराया। और, फिर उन्हें सितारों का चस्का लग गया। थोड़ा वक्त और गुजरा तो एक्टिंग भी उन्हें रास आने लगी। फिल्म ‘फ्रॉड सैंया’ तक आते आते बतौर निर्माता वह अपनी साख अपने हाथों हवा में उड़ा चुके थे। बतौर निर्देशक उनका सितारा फिल्म ‘राजनीति’ से डगमगाना शुरू हुआ। हिंदी सिनेमा के सितारों के आभामंडल में किसी कद्दावर निर्देशक के अपनी चमक खो देने की प्रकाश झा नजीर बन चुके हैं। अपने प्रशंसकों के अभी और कई इम्तिहान प्रकाश झा लेने वाले हैं। एमएक्स प्लेयर की अपनी सीरीज ‘आश्रम’ का नाम तीसरे सीजन में बदलकर उन्होंने ‘एक बदनाम आश्रम’ कर दिया है। इसके 10 एपीसोड देखना अपने आप में किसी चुनौती से कम नहीं है। और, ये देखने के बाद समझ ही नहीं आता कि ये वही प्रकाश झा हैं जिन्होंने कभी सर्वश्रेष्ठ पटकथा का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी जीता।



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