Air India: इस तरह तय हुआ था देश की पहली एयरलाइन का नाम, 75 साल पहले किया गया था ओपिनियन पोल


न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: गौरव पाण्डेय
Updated Sun, 06 Feb 2022 02:33 PM IST

सार

एयर इंडिया भारत की पहली एयरलाइन है। हाल ही में टाटा समूह ने इसका नियंत्रण एक बार फिर हासिल किया है। इस रिपोर्ट में जानिए इस एयरलाइन का नामकरण किस तरह हुआ था।

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75 साल से भी अधिक समय पहले टाटा के कर्मचारियों के बीच एक ओपिनियन पोल करवाया गया था। इसमें उनसे देश की पहली एयरलाइन के नामकरण के लिए चार नामों में से एक को चुनने के लिए कहा गया था। इसी ओपिनियन पोल के परिणाम के आधार पर एयरलाइन का नाम ‘एयर इंडिया’ रखा गया था। 

पिछले दिनों एयर इंडिया का नियंत्रण आधिकारिक रूप से हासिल करने के बाद टाटा समूह ने इस एयरलाइन के इतिहास से संबंधित कुछ जानकारियां साझा की हैं। 

कर्ज में डूबी एयर इंडिया को सरकार ने बीती 27 जनवरी को टाटा समूह के हवाले किया था। इस तरह करीब सात दशक बाद एयर इंडिया एक बार फिर टाटा समूह के नियंत्रण में आ गई है।

साल 1946 में जब टाटा एयरलाइंस का टाटा संस के एक विभाग से एक कंपनी के रूप में विस्तार किया गया था, तब इसके लिए एक नाम चुनना था। टाटा समूह ने रविवार को कहा, ‘देश की पहली एयरलाइन के लिए चुने गए नामों में इंडियन एयरलाइंस, पैन-इंडियन एयरलाइंस, ट्रांस-इंडियन एयरलाइंस और एयर इंडिया थे।

टाटा समूह ने दो ट्वीट में इस बारे में जानकारी साझा की। इसमें उसने दो तस्वीरें भी पोस्ट कीं। इनमें से एक टाटा के 1946 के मासिक बुलेटिन की तस्वीर है। बुलेटिन के अनुसार टाटा समूह के सामने नई एयरलाइन का नाम तय करने की चुनौती थी। इसके लिए एक ओपिनियम पोल कराने का फैसला लिया गया।

इसके लिए टाटा के कर्मचारियों के बीच मतपत्र वितरित किए गए थे और उनसे पहली और दूसरी पसंद चुनने के लिए कहा गया था। पहली गणना में इसमें एयर इंडिया नाम को 64 वोट मिले थे, ट्रांस-इंडियन एयरलाइंस को 28 और पैन-इंडियन एयरलाइंस को 19 वोट मिले थे। वहीं, अंतिम गणना में एयर इंडिया को 72 और इंडियन एयरलाइंस को 58 वोट मिले थे।

इसके बाद देश की पहली एयरलाइन को एयर इंडिया नाम दिया गया था।

विस्तार

75 साल से भी अधिक समय पहले टाटा के कर्मचारियों के बीच एक ओपिनियन पोल करवाया गया था। इसमें उनसे देश की पहली एयरलाइन के नामकरण के लिए चार नामों में से एक को चुनने के लिए कहा गया था। इसी ओपिनियन पोल के परिणाम के आधार पर एयरलाइन का नाम ‘एयर इंडिया’ रखा गया था। 

पिछले दिनों एयर इंडिया का नियंत्रण आधिकारिक रूप से हासिल करने के बाद टाटा समूह ने इस एयरलाइन के इतिहास से संबंधित कुछ जानकारियां साझा की हैं। 

कर्ज में डूबी एयर इंडिया को सरकार ने बीती 27 जनवरी को टाटा समूह के हवाले किया था। इस तरह करीब सात दशक बाद एयर इंडिया एक बार फिर टाटा समूह के नियंत्रण में आ गई है।

साल 1946 में जब टाटा एयरलाइंस का टाटा संस के एक विभाग से एक कंपनी के रूप में विस्तार किया गया था, तब इसके लिए एक नाम चुनना था। टाटा समूह ने रविवार को कहा, ‘देश की पहली एयरलाइन के लिए चुने गए नामों में इंडियन एयरलाइंस, पैन-इंडियन एयरलाइंस, ट्रांस-इंडियन एयरलाइंस और एयर इंडिया थे।

टाटा समूह ने दो ट्वीट में इस बारे में जानकारी साझा की। इसमें उसने दो तस्वीरें भी पोस्ट कीं। इनमें से एक टाटा के 1946 के मासिक बुलेटिन की तस्वीर है। बुलेटिन के अनुसार टाटा समूह के सामने नई एयरलाइन का नाम तय करने की चुनौती थी। इसके लिए एक ओपिनियम पोल कराने का फैसला लिया गया।

इसके लिए टाटा के कर्मचारियों के बीच मतपत्र वितरित किए गए थे और उनसे पहली और दूसरी पसंद चुनने के लिए कहा गया था। पहली गणना में इसमें एयर इंडिया नाम को 64 वोट मिले थे, ट्रांस-इंडियन एयरलाइंस को 28 और पैन-इंडियन एयरलाइंस को 19 वोट मिले थे। वहीं, अंतिम गणना में एयर इंडिया को 72 और इंडियन एयरलाइंस को 58 वोट मिले थे।

इसके बाद देश की पहली एयरलाइन को एयर इंडिया नाम दिया गया था।



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