अमर उपाध्याय को ‘भूल भुलैया 2’ कोई बड़ा सीन नहीं मिलने का है मलाल, बोले- बड़े रोल का वादा किया है


छोटे पर्दे पर ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ (Kyunki Saas Bhi Kabhi Bahu Thi), ‘देश में निकला होगा चांद’, ‘साथिया’, ‘कसौटी’, ‘कुसुम’, ‘मोलक्की’ जैसे कई शोज में अहम भूमिका निभा चुके जाने-माने अभिनेता अमर उपाध्याय (Amar Upadhyay) हाल ही में ‘भूल भुलैया 2’ (Bhool Bhulaiyaa 2) में दिखे थे। इस फिल्म में भले उनका रोल बड़ा नहीं था, मगर उन्हें यकीन है कि आगामी फिल्म में निर्देशक अनीस बज्मी उन्हें दमदार भूमिका देंगे। उनसे एक बातचीत

‘भूल भुलैया 2 ने बॉलिवुड की पनौती को तोड़ा’
अपनी हालिया रिलीज हुई सफल फिल्म ‘भूल भुलैया 2’ की कामयाबी पर अमर उपाध्याय कहते हैं, ‘ये सच है कि साउथ की कई सुपरहिट फिल्मों के बाद हिंदी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर लगातार पिछड़ रही थीं और अब उस पनौती को तोड़ा ‘भूल भुलैया 2’ ने। लोगों को जो पारिवारिक मनोरंजन चाहिए था, वो उन्हें मिला। हमारी इस फिल्म की सबसे बड़ी खूबी यह है कि मंजूलिका के अलावा पिछली ‘भूल भुलैया’ से कुछ भी नहीं लिया गया है।’

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‘भूल भुलैया’ में दमदार सीन मिलने चाहिए थे
‘ये सच है कि अभिनेता के रूप में मुझे लगा कि ‘भूल भुलैया 2’ में मुझे एक-दो बड़े सीन मिलने चाहिए थे, जिसमें मैं अपना दम-खम दिखा पाता। मगर फिर मेरी शिकायत नहीं रही, क्योंकि मुझे अनीस भाई, टी सीरीज, मुराद खेतानी की फिल्म में तब्बू के अपोजिट काम करने का मौका मिला। संजय मिश्रा जैसे पसंदीदा कलाकार के साथ काम करने मिला। सेट पर अनीस भाई हर कलाकार को ऐक्टिंग करके दिखाते थे और सेट पर उनका सेंस ऑफ ह्यूमर देखने योग्य रहता था। हम लोगों ने काफी मस्ती की। अनीस भाई ने वादा किया है कि अगली फिल्म में वे मुझे बड़ा और अच्छा रोल देंगे। उन्होंने कहा- ऐसा रोल दूंगा कि तू याद करेगा अमर। उन्होंने माना कि अभिनेता के रूप में मेरा जितना पोटेंशियल है, उसका वे इस्तेमाल नहीं कर पाए, मगर उन्होंने प्रॉमिस किया है कि वे अगली फिल्म में दमदार किरदार देंगे। मैं उस बात से भी खुश और आश्वस्त हूं। मुझे इंतजार है उस भूमिका का।
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तब्बू के साथ सेट पर काफी हंसी-मजाक हुआ
‘तब्बू के साथ काम करने का अनुभव कमाल का रहा। वे प्रोफेशनल ऐक्ट्रेस हैं। अपने करियर में उन्होंने काफी बड़ी-बड़ी सार्थक फिल्में कई हैं। अपने करियर की शुरुआत उन्होंने तेलुगू फिल्मों से की थी फिर उन्होंने तमिल फिल्मों में काम किया। वे दो नैशनल अवॉर्ड जीत चुकी हैं। 6 फिल्म फेयर अवार्ड भी उनके खाते में हैं। वे पद्मश्री भी हैं, तो ऐसी महान और समर्थ अभिनेत्री के साथ काम करके बहुत मजा आया। बहुत कुछ सीखने मिला उनसे। वे इतनी समझ के साथ ऐक्टिंग करती हैं, बेहद ही विनम्र हैं। सेट पर मैंने पाया कि वे डायरेक्टर की अभिनेत्री हैं। अनीस भाई (अनीस बज्मी) सेट पर जो कुछ कहते थे, वे उसका पालन करती जाती थीं । वे कमाल की अभिनेत्री हैं और इंसान भी। सेट पर वे काफी हंसी-मजाक करती थीं।
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‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ के री-रन से कई यादें ताजा हो गईं
‘बहुत खुशी हो रही है कि ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ के पुनः प्रसारण पर लोग इसे इतना सारा प्यार दे रहे हैं। दोपहर में प्रसारित होने वाले इस शो की टीआरपी आज भी काफी हाई है। टीवी हो या फिल्में अथवा ओटीटी कई बार ऐसी चीजें बन जाती हैं, जिनकी गिनती कल्ट में होती है और मुझे लगता है यह सीरियल भी उसी श्रेणी में आता है। हम लोग, रामायण और महाभारत जैसे शोज की तरह लोग इस सीरियल को भी पसंद करते हैं। हाल ही में मैं एफएम नशा चैनल में गया था इंटरव्यू देने के लिए, तो मेरी एंट्री के साथ ही ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ गाना बजाया और उस वक्त मैं काफी भावुक हो गया था। वहां मेरे ऑटोग्राफ लिए गए। आरजे समेत पूरे स्टाफ ने बताया कि कैसे वे इस सीरियल को देखा करते थे और उनके घर में वो एक फैमिली टाइम हुआ करता था।
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महिला मुद्दों के प्रति जागरूकता जरूरी है
मेरे पिछले सीरियल ‘मोलक्की’ से अपनी बच्चियों को जमींदारों को बेचने की कुप्रथा को लेकर जागरूकता फैली थी। मगर महिलाओं और लड़कियों को लेकर कई मुद्दे ऐसे हैं, जो बहुत गंभीर हैं। मैं मानता हूं कि दहेज जैसी कुप्रथा आज कम हुई है, मगर खत्म नहीं। आज भी देश के कई हिस्सों में चाइल्ड मैरिज प्रचलित है, राजस्थान-गुजरात में, उन्हें बंद किया जाना चाहिए। महिलाओं के मुद्दे तो अनगिनत हैं, अगर सिनेमा में उन्हें केंद्र में रख कर उन पर फिल्म बनाई जाए, तो जागरूकता जरूर फैलेगी। जैसे ‘पैडमैन’ और ‘टॉयलेट एक प्रेम कथा’ में पैड और शौच का मुद्दा सामने आया और लोग जागरूक हुए।
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मेरी सफल शादी का श्रेय मेरी पत्नी को जाता है
लोग अक्सर मुझसे मेरी फिटनेस का राज पूछते हैं। मैं इतना ही कहूंगा कि फिटनेस पर काम करने की कोई उम्र नहीं होती। आप अगर 60 साल के भी हो गए तो एक्सरसाइज कर सकते हैं। मैं कहता हूं आप योग, प्राणायाम और कुछ नहीं तो वॉक तो कर ही सकते हैं। फिटनेस के टिप के रूप में ये जरूर कहना चाहूंगा कि जो भी करें, नियमित करें, तभी फायदा होगा। आप अगर युवावस्था से व्यायाम करते हैं, तो जब आप 40 की उम्र में पहुंचते हैं, तो आपकी उम्र नहीं पता चलती। आपको अगर 40 साल का जवान दिखना है, तो मैं 25 साल के युवाओं से यही कहूंगा कि आपको कोई न कोई एक्सरसाइज करनी होगी। देखिए, जिंदगी में काम के साथ -साथ हेल्थ भी जरूरी है। लोग अक्सर मेरी कामयाब शादी के बारे में भी भी पूछते हैं। मैं सफल शादी के बारे में यही कहूंगा कि अडजस्टमेंट जरूरी है। मेरी सफल शादी का श्रेय मेरी पत्नी को जाता है। मैं थोड़ा अग्रेसिव हूं और कई बार काम के उतार -चढ़ाव के कारण तनाव और चिढ़ में रहता हूं, मगर मेरी पत्नी ऐसे समय में शांत रहती है। मुझे संभालती है। मैं इस मामले में खुशकिस्मत हूं।

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