देहरादून. बॉलीवुड फिल्म ‘केदारनाथ’ में मुख्य भूमिका निभाने वाले दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की याद में उत्तराखंड सरकार केदारनाथ धाम में एक ‘फोटोग्राफी प्वाइंट’ बनायेगी. वहीं, राज्य सरकार के इस कदम को कांग्रेस ने ‘भगवान के धाम’ में अनुचित बताया है. वैसे सरकार का कहना है कि केदारनाथ में आने वाले श्रद्धालु और पर्यटक, विशेष रूप से राजपूत के प्रशंसक उनके नाम से बनने वाले इस ‘फोटोग्राफी प्वाइंट’ पर अपनी फोटो खिंचवा सकेंगे.
उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने इस संबंध में कहा कि राज्य के पर्यटन विभाग को इस विषय में कार्ययोजना तैयार करने को कहा गया है. उन्होंने कहा, ‘मैंने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के नाम से केदारनाथ में फोटोग्राफी प्वाइंट बनाने की बात कही है. उन्होंने यहां एक अच्छी फिल्म (केदारनाथ) बनाई थी. हम चाहते हैं कि वहां उनका फोटो लगाकर हम उन्हें श्रद्धांजलि दें.’
‘फोटोग्राफी प्वाइंट’ से होगा उत्तराखंड को फायदा
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि उन्होंने विभाग को बॉलीवुड को उत्तराखंड की तरफ आकर्षित करने के निर्देश दिए हैं, ताकि यहां अच्छी- अच्छी फिल्में बनें और पर्यटन को भी और बढ़ावा मिले.
गौरतलब है कि राजपूत और सारा अली खान अभिनीत यह फिल्म 2018 में आई थी. इस फिल्म की अधिकतर शूटिंग केदारनाथ और आसपास के क्षेत्रों में हुई है. वर्ष 2013 की केदारनाथ त्रासदी पर आधारित इस फिल्म में राजपूत ने एक कंडी संचालक (तीर्थयात्री को कंडी में बैठाकर धाम तक पहुंचाने वाला) की भूमिका निभाई थी.
कांग्रेस ने राज्य सरकार पर बोला हमला
हालांकि कांग्रेस महासचिव और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने ‘भगवान के धाम’ में किसी मानव की स्मृति में प्वाइंट बनाए जाने के कदम को अनुचित बताया है. उन्होंने ने कहा, ‘केदारनाथ में जहां भगवान शिव विराजमान हैं, वहां किसी मानव के स्मृतिचिह्न का क्या मतलब है? जहां भगवान केदार हैं, भगवान बदरीनाथ हैं, वहां आप इस प्रकार के प्वाइंट्स बनाकर क्या करना चाहते हैं?’
रावत ने अपने मुख्यमंत्री रहते हुए केदारनाथ में संचालित विकास योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने योजनाओं के पत्थर बनवा लिए थे और उन्हें वहां लगवाना चाहते थे, लेकिन शंकराचार्यों के मना करने पर उन्होंने ऐसा नहीं किया. उन्होंने कहा कि उन पत्थरों को लगवाने से पहले मैंने दो शंकराचार्यों से पूछा तो उन्होंने कहा कि वहां किसी मानव का पत्थर नहीं लगना चाहिए. इसके बाद अपने नाम के उन पत्थरों को हमने गोदाम में डलवा दिया.
हरीश रावत ने यह भी कहा कि बर्फवारी के बाद केदारनाथ एक अदभुत स्थान बन जाता है जहां पर्यटन की ढेरों संभावनाएं हैं. कांग्रेस नेता ने कहा, ‘मैंने केदारनाथ में अध्ययन करवाया तो पता चला कि यहां ढेरों संभावनाएं हैं, लेकिन जब मैंने मनन किया तो मुझे लगा कि मैं यह नहीं कर सकता हूं. यह आध्यात्मिक स्थल है और बरसों से इसकी मान्यता स्थापित है जिसके साथ हम खिलवाड़ नहीं कर सकते.’
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Tags: Harish rawat, Kedarnath Dham, Satpal maharaj, Sushant singh Rajput
FIRST PUBLISHED : May 23, 2022, 22:43 IST