उत्तराखंड में मतगणना से पहले उठापटक: कांग्रेस को विधायकों की खरीद-फरोख्त का डर, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के होटलों में शिफ्ट करने की तैयारी


सार

एग्जिट पोल में उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार बन सकती है, वहीं, मतगणना से पहले जोड़तोड़ की चर्चाओं के बीच कांग्रेस सतर्क हो गई है। मतगणना से पूर्व देहरादून के एक होटल में कांग्रेस का वार रूम सक्रिय हो गया है। इसके अलावा कांग्रेस विधायकों को राजस्थान या छत्तीसगढ़ शिफ्ट कर सकती है।

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उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत न मिलने की स्थिति में जोड़तोड़ की चर्चाओं के बीच कांग्रेस सतर्क हो गई है। गोवा चुनाव से सबक लेते हुए पार्टी मतगणना के तुरंत बाद अपने विधायकों को कांग्रेस शासित राज्यों राजस्थान या छत्तीसगढ़ में शिफ्ट कर सकती है। गोवा में हुए विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने के बावजूद कांग्रेस वहां अपनी सरकार बनाने में विफल रही थी। ऐसे में इस बार पार्टी कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है। 

मतगणना से पूर्व देहरादून के एक होटल में कांग्रेस का वार रूम सक्रिय हो गया है। मंगलवार को पार्टी नेताओं का बंद कमरे में बैठकों का दौर चला तो बाहर मीडिया का जमावड़ा लगा रहा। पार्टी अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने 42 से 45 सीटें जीतने का दावा किया तो दूसरे नेता भी इस आंकड़े के आसपास रहे। लेकिन सूत्रों के मुताबिक पार्टी खंडित जनादेश को लेकर भी घबराई हुई है। 

वह ऐसी स्थिति के लिए वक्त से पहले सचेत हो जाना चाहती है। इसलिए मतगणना के लिए विशेष रणनीति बनाई गई है। मतगणना के दिन हर पोलिंग स्टेशन पर कांग्रेस का एक केंद्रीय पर्यवेक्षक तैनात रहेगा। पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी होगी कि वह मतगणना के दौरान प्रत्याशी की सहायता करे। आवश्यकता पड़ने पर प्रदेश और राष्ट्रीय नेतृत्व की सहायता ले। चुनाव नतीजे आने के बाद जीते हुए विधायक पर्यवेक्षक की सुरक्षा में रहेगा। सू्त्रों के अनुसार जीते हुए विधायकों को कांग्रेस शासित दूसरे राज्यों में शिफ्ट किया जा सकता है।

उचित समय आने पर देंगे उचित जवाब 
मंगलवार को बैठक में भाग लेने के लिए पहुंचे कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव से कैलाश विजयवर्गीय की उत्तराखंड में उपस्थित पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि जिस तरह से भाजपा लोकतंत्र का मजाक उड़ाती है, उसके लिए यह सब करना कुछ नई बात नहीं है। लेकिन, हम स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि इस बार ऐसा नहीं होगा। उनको उचित समय पर उचित जवाब दिया जाएगा। 
बैठक में भाग लेने पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत ने कहा कि उत्तराखंड में इस बार जनादेश भाजपा के खिलाफ है। इसलिए भाजपा प्लान बी, प्लान सी की बात कर रही है। हमे ऐसा कुछ सोचने की आवश्यकता ही नहीं है। क्योंकि हम पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बना रहे हैं।

एग्जिट पोल पर पूर्व सीएम ने कहा कि जनता का पोल बड़ा है। उसने राज्य में सत्ता परिवर्तन के लिए पोल किया है। इसलिए निश्चित तौर पर उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है। विजयवर्गीय के सवाल पर हरीश ने कहा कि वह खरीद-फरोख्त के पुराने खिलाड़ी हैं, लेकिन इस बार कांग्रेस पहले से सचेत है। 

उत्तराखंड में भाजपा का कोई भी प्लान सफल नहीं होगा : हुड्डा
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस आलाकमान की ओर से सांसद दीपेंद्र हुड्डा को विशेष पर्यवेक्षक बनाकर भेजा गया है। मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में पूर्ण बहुमत के साथ कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है। जनता ने कांग्रेस पर विश्वास जताया है। भाजपा के कुशासन से जनता त्रस्त हो चुकी है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में भाजपा का कोई भी प्लान सफल नहीं होगा। 

हम 42 से 45 सीटें जीत रहे हैं : गोदियाल
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि हम 42 से 45 सीटें जीतकर बहुमत की सरकार बनाने जा रहे हैं। जहां तक एग्जिट पोल का सवाल है, अधिकांश चैनलों और समाचार एजेंसियों ने भी कांग्रेस को आगे दिखाया है। हम सरकार बनाने को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त हैं। गोदियाल ने इशारों ही इशारों में कहा कि जो भी हमारे जीतने वाले प्रत्याशी हैं, हम उन्हें यथा सुरक्षा और सहयोग प्रदान करेंगे।
 
विधानसभा चुनाव के बाद 10 मार्च को होने वाली मतगणना से पहले कांग्रेस के रणनीतिकारों ने एक बार फिर मोर्चा संभाल लिया है। प्रदेश कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के अलावा चुनाव प्रबंधन में अहम भूमिका निभाने वाले प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव जहां दून पहुंच चुके हैं तो वहीं पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने वाले राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रो. गौरव के भी आज पहुंचने की संभावना है।
 
चुनाव के बाद अगर कांग्रेस सरकार बनाने को लेकर आश्वस्त नजर आ रही है तो उसमें कहीं न कहीं राष्ट्रीय नेताओं की भी बड़ी भूमिका रही है। विशेषकर पार्टी के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव और प्रो. गौरव वल्लभ ने पूरे समय मोर्चा संभाले रखा। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले देवेंद्र यादव को विशेष तौर पर उत्तराखंड के मोर्चे पर लगाया गया था।

चुनाव के दौरान उन्होंने कई मौकों पर अपने कुशल प्रबंधन को परिचय दिया। उनके साथ लगी प्रभारियों की टीम ने भी बेहतर तालमेल के साथ काम किया। पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने में राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रो. गौरव वल्लभ ने भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने 100 से अधिक प्रेसवार्ता को संबोधित किया और भाजपा को घेरा।

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उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत न मिलने की स्थिति में जोड़तोड़ की चर्चाओं के बीच कांग्रेस सतर्क हो गई है। गोवा चुनाव से सबक लेते हुए पार्टी मतगणना के तुरंत बाद अपने विधायकों को कांग्रेस शासित राज्यों राजस्थान या छत्तीसगढ़ में शिफ्ट कर सकती है। गोवा में हुए विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने के बावजूद कांग्रेस वहां अपनी सरकार बनाने में विफल रही थी। ऐसे में इस बार पार्टी कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है। 

मतगणना से पूर्व देहरादून के एक होटल में कांग्रेस का वार रूम सक्रिय हो गया है। मंगलवार को पार्टी नेताओं का बंद कमरे में बैठकों का दौर चला तो बाहर मीडिया का जमावड़ा लगा रहा। पार्टी अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने 42 से 45 सीटें जीतने का दावा किया तो दूसरे नेता भी इस आंकड़े के आसपास रहे। लेकिन सूत्रों के मुताबिक पार्टी खंडित जनादेश को लेकर भी घबराई हुई है। 

वह ऐसी स्थिति के लिए वक्त से पहले सचेत हो जाना चाहती है। इसलिए मतगणना के लिए विशेष रणनीति बनाई गई है। मतगणना के दिन हर पोलिंग स्टेशन पर कांग्रेस का एक केंद्रीय पर्यवेक्षक तैनात रहेगा। पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी होगी कि वह मतगणना के दौरान प्रत्याशी की सहायता करे। आवश्यकता पड़ने पर प्रदेश और राष्ट्रीय नेतृत्व की सहायता ले। चुनाव नतीजे आने के बाद जीते हुए विधायक पर्यवेक्षक की सुरक्षा में रहेगा। सू्त्रों के अनुसार जीते हुए विधायकों को कांग्रेस शासित दूसरे राज्यों में शिफ्ट किया जा सकता है।

उचित समय आने पर देंगे उचित जवाब 

मंगलवार को बैठक में भाग लेने के लिए पहुंचे कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव से कैलाश विजयवर्गीय की उत्तराखंड में उपस्थित पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि जिस तरह से भाजपा लोकतंत्र का मजाक उड़ाती है, उसके लिए यह सब करना कुछ नई बात नहीं है। लेकिन, हम स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि इस बार ऐसा नहीं होगा। उनको उचित समय पर उचित जवाब दिया जाएगा। 



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