जोहानिसबर्ग. साउथ अफ्रीका क्रिकेट बोर्ड के पूर्व क्रिकेट निदेशक और कप्तान ग्रीम स्मिथ को नस्लवाद के आरोपों से बरी कर दिया गया है. बोर्ड के सामाजिक न्याय और राष्ट्र-निर्माण (एसजेएन) आयोग की रिपोर्ट के निष्कर्ष के बाद यह फैसला सुनाया गया. पिछले साल दिसंबर में डुमिसा नतसेबेजा की अगुआई वाले एसजेएन आयोग ने अपनी 235 पन्नों की रिपोर्ट में जिन लोगों पर नस्लीय भेदभाव में शामिल रहने के आरोप लगाये थे, उनमें स्मिथ, वर्तमान मुख्य कोच मार्क बाउचर और पूर्व कप्तान एबी डिविलियर्स का भी नाम था.
लोकपाल की एसजेएन रिपोर्ट ने भेदभाव और नस्लवाद के आरोपों को लेकर कई ‘अस्थायी निष्कर्ष’ निकाले गये थे. हालांकि लोकपाल ने संकेत दिये थे कि वह ‘पक्के निष्कर्ष’ देने की स्थिति में नहीं थे और उन्होंने आगे की जांच प्रक्रिया शुरू करने की सिफारिश की थी. इसके बाद ही सीएसए ने औपचारिक जांच शुरू की थी.
अश्वेत खिलाड़ियों के चयन को लेकर लगा था भेदभाव का आरोप
रिपोर्ट में आरोप लगाया गया था कि स्मिथ ने अश्वेत खिलाड़ियों का नेशनल टीम में चयन नहीं करके उनके साथ भेदभाव किया. इसके बाद एडवोकेट नगवाको मेनेत्जे एससी और माइकल बिशप ने एक पूर्ण प्रक्रिया से गुजरने के बाद स्मिथ को उन पर लगाये गये सभी 3 आरोपों से बरी कर दिया.
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सीएसए के बयान में कहा कि इस निष्कर्ष पर पहुंचने के लिये कोई स्पष्ट आधार नहीं थे कि स्मिथ 2012 से 2014 की अवधि के दौरान थामी सोलेकिले के खिलाफ नस्लीय भेदभाव करने में शामिल थे. इसमें अलावा साउथ अफ्रीका की पुरुष टीम के कोच के रूप में इनोक नकवे की बजाय मार्क बाउचर को नियुक्त करने के स्मिथ के फैसले में नस्लीय भेदभाव करने का कोई स्पष्ट आधार नहीं था. क्रिकेट निदेशक के रूप में स्मिथ का अनुबंध मार्च 2022 में समाप्त हो गया था.
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