बीरभूम: कलकत्ता हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल पुलिस से तृणमूल कांग्रेस नेता की हत्या के बाद बीरभूम जिले (Birbhum Violence) के बोगटुई गांव में हुई आगजनी की घटना पर रिपोर्ट तलब किया है. सोमवार (21 मार्च) देर रात हुई इस घटना में 8 लोगों की नृशंस हत्या कर दी गई थी, जिसे लेकर भाजपा राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमलावर है. द इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, बोगटुई गांव में जिन परिवारों को निशाना बनाया गया उनके सदस्यों का कहना है कि जिन महिलाओं और बच्चों की हत्या की गई उन सभी को एक कमरे में बंद कर दिया गया, फिर हमलावरों ने उसमें आग लगा दी.
पीड़ित परिवार के सदस्यों ने यह भी आरोप लगाया कि उनके 10 परिजनों की हत्या हुई है, 8 की नहीं, जैसा कि पुलिस दावा कर रही है. उनका कहना है कि 8 शवों को भी उन्हें नहीं सौंपा गया, बल्कि पुलिस ने मंगलवार देर रात गांव में दफना दिया. बुधवार को, बीरभूम पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि मामले में गिरफ्तार किए गए 20 लोगों में से 10 को “पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है, जबकि अन्य को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.”
आज रामपुरहाट पहुंचेंगी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी
पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ की जा रही है और उन पर हत्या, हत्या के प्रयास और आगजनी सहित आईपीसी की कई धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी गुरुवार को बोगटुई गांव का दौरा करेंगी, जहां यह जघन्य अपराध हुआ है. बीरभूम के पुलिस अधीक्षक नागेंद्र नाथ त्रिपाठी ने सीएम ममता बनर्जी के दौरे से पहले एक बड़े दल के साथ बोगटुई गांव का निरीक्षण किया. इससे पहले बुधवार को नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी के नेतृत्व में भाजपा का एक दल घटनास्थल पर पहुंचकर पीड़ित परिवारों से मिला था.
उपप्रधान भादू शेख की हत्या के बाद भड़की हिंसा
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने इस घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए बीरभूम पुलिस को गुरुवार दोपहर 2 बजे तक घटना की विस्तृत रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया था. पुलिस और स्थानीय निवासियों के अनुसार सोमवार शाम रामपुरहाट में उप प्रधान भादू शेख की हत्या के बाद भड़की हिंसा में इलाके के कम से कम 8 आठ घरों पर हमला किया गया और उनमें आग लगा दी गई. द इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक मिहिलाल शेख ने फोन पर बताया कि इस हमले में उन्होंने अपने परिवार के 7 सदस्यों को खो दिया था.
मिहिलाल ने अपने परिवार के 7 सदस्यों को खोया
मिहिलाल शेख ने द इंडियन एक्सप्रेस से फोन पर हुई बातचीत में कहा, “मेरे परिवार के सदस्य, महिलाएं और बच्चे, हमारी बेटी और दामाद जो हमसे मिलने आए थे, सभी एक कमरे में छिप गए थे, जो घर में सबसे मजबूत था. फिर भी हमलावरों ने उस कमरे में आग लगा दी, उसमें छिपे सभी लोग जलकर मर गए. मेरा परिवार खत्म हो गया है, केवल राख रह गई है. मैं बात करने की स्थिति में नहीं हैं.” मिहिलाल के मुताबिक, मारे गए लोगों में उनकी पत्नी रौशनारा बीबी और उनकी 8 साल की बेटी ओमनेहानी खातून शामिल हैं.
इसके अलावा मिलिलाल की मां नूर नेहर बीबी और उनकी बहन रूपाली बीबी, उनके भाई की पत्नी जहांआरा बीबी, उनकी बेटी मरजीना और उसके पति काजी साजिदुर रहमान शामिल हैं. ओमनेहानी, जिसे तुली कहा जाता था, रामपुरहाट गर्ल्स स्कूल में कक्षा 5 की छात्रा थी. मरजीना ने इसी साल जनवरी में बीरभूम के नानूर के रहने वाले साजिदुर से शादी की थी और यह जोड़ा सोमवार को बोगटुई पहुंचा था. साजिदुर के पिता काजी नूरुल जमाल ने कहा, ”सोमवार की रात में, मेरे बेटे ने अपने दोस्त को फोन करके बताया कि यहां कुछ परेशानी है और पुलिस को बुलाने के लिए कहा. मैंने अपने बेटे को फोन करने की कोशिश की, लेकिन संपर्क नहीं हो सका. सुबह मैंने सुना कि वे मर चुके हैं. मैं चाहता हूं कि जिम्मेदार लोगों को फांसी दी जाए.”
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