पश्चिम बंगाल में हिंसा: राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान, डीजीपी को पत्र लिखकर बंगाल पुलिस से तथ्यों का पता लगाने को कहा


न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: देव कश्यप
Updated Wed, 23 Mar 2022 12:11 AM IST

सार

राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने इन्द्रनारायण साह नाम के एक व्यक्ति के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए कहा कि इस भीषण घटना को लेकर राज्य सरकार इनकार मोड पर है…अधिकांश मीडिया ने भी चुप्पी साध ली है। राष्ट्रीय महिला आयोग इस मामले में संज्ञान ले रहा है।

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बंगाल हिंसा पर राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने संज्ञान लेते हुए बंगाल डीजीपी को पत्र लिखकर तथ्यों का पता लगाने के लिए पश्चिम बंगाल पुलिस को एक टीम भेजने का आग्रह किया है।

राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने इन्द्रनारायण साह नाम के एक व्यक्ति के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए कहा कि “इस भीषण घटना को लेकर राज्य सरकार इनकार मोड पर है…अधिकांश मीडिया ने भी चुप्पी साध ली है। राष्ट्रीय महिला आयोग इस मामले में संज्ञान ले रहा है, हमने डीजीपी को पत्र लिखकर पश्चिम बंगाल पुलिस को तथ्यों का पता लगाने के लिए एक टीम भेजने को कहा है।”

इंद्रनारायण साह ने ट्वीट किया था “बंगाल में 10 हिंदू महिलाओं और दो हिंदू बच्चों समेत 12 को जिंदा जला दिया गया। देश के मीडिया चैनलों को सांप सूंघ गया है। जेह!दियों और मीडिया का गठबंधन हिंदूओं के लिए बहुत बड़ा खतरा बन चुका है इस सत्य को स्वीकार करो। आज समझ आया मीडिया ने 1990 में क्या किया होगा।”

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने भी एसपी बीरभूम, पश्चिम बंगाल से बीरभूम की घटना की जांच करने और तीन दिनों के भीतर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का अनुरोध किया है।

बता दें कि पश्चिम बंगाल के बीरभूम में टीएमसी नेता की हत्या के बाद सोमवार देर रात हिंसा भड़क गई। यहां भीड़ ने 10-12 घरों के दरवाजे को बंद कर आग लगा दी। एक ही घर से सात लोगों के शव निकाले गए। भड़की हिंसा में अब तक कुल 12 लोगों की मौत हो गई है। जानकारी के मुताबिक बंगाल के बीरभूम जिले के रामपुरहाट में टीएमसी के उपप्रधान की हत्या का बदला लेने के लिए इस घटना को अंजाम दिया गया है। वहीं घटना की जानकारी मिलते ही डीएम समेत बीरभूम के तमाम बड़े अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।  

बम फेंककर की गई हत्या
बंगाल के बीरभूम के रामपुरहाट में सोमवार देर रात बम फेंककर पंचायत नेता भादू शेख की हत्या कर दी गई थी। जानकारी के अनुसार शेख स्टेट हाईवे 50 पर जा रहे थे। तभी अज्ञात लोगों ने उनपर बम फेंक दिया जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए। इसके बाद उन्हें रामपुरहाट के मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।

पिछले साल भी चुनाव परिणाम के बाद हिंसा में 16 लोगों की गई थी जान
यह पहली बार नहीं है जब पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा की घटना हो रही है।   पिछले साल चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद हुई हिंसा में कम से कम 16 लोगों की जान ले ली थी।

बंगाल में हुई सबसे बड़ी राजनीतिक हिंसा में से एक
जानकारी के अनुसार हत्याओं के बाद क्षेत्र के किसी भी घर में एक भी पुरुष सदस्य नहीं बचा है। यह हाल के दिनों में पश्चिम बंगाल में हुई सबसे बड़ी राजनीतिक हिंसा में से एक है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, हमलावरों द्वारा इमारतों में आग लगाने से पहले कई लोगों को उनके घरों के अंदर बंद कर दिया गया था। 

विस्तार

बंगाल हिंसा पर राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने संज्ञान लेते हुए बंगाल डीजीपी को पत्र लिखकर तथ्यों का पता लगाने के लिए पश्चिम बंगाल पुलिस को एक टीम भेजने का आग्रह किया है।

राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने इन्द्रनारायण साह नाम के एक व्यक्ति के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए कहा कि “इस भीषण घटना को लेकर राज्य सरकार इनकार मोड पर है…अधिकांश मीडिया ने भी चुप्पी साध ली है। राष्ट्रीय महिला आयोग इस मामले में संज्ञान ले रहा है, हमने डीजीपी को पत्र लिखकर पश्चिम बंगाल पुलिस को तथ्यों का पता लगाने के लिए एक टीम भेजने को कहा है।”

इंद्रनारायण साह ने ट्वीट किया था “बंगाल में 10 हिंदू महिलाओं और दो हिंदू बच्चों समेत 12 को जिंदा जला दिया गया। देश के मीडिया चैनलों को सांप सूंघ गया है। जेह!दियों और मीडिया का गठबंधन हिंदूओं के लिए बहुत बड़ा खतरा बन चुका है इस सत्य को स्वीकार करो। आज समझ आया मीडिया ने 1990 में क्या किया होगा।”

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने भी एसपी बीरभूम, पश्चिम बंगाल से बीरभूम की घटना की जांच करने और तीन दिनों के भीतर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का अनुरोध किया है।

बता दें कि पश्चिम बंगाल के बीरभूम में टीएमसी नेता की हत्या के बाद सोमवार देर रात हिंसा भड़क गई। यहां भीड़ ने 10-12 घरों के दरवाजे को बंद कर आग लगा दी। एक ही घर से सात लोगों के शव निकाले गए। भड़की हिंसा में अब तक कुल 12 लोगों की मौत हो गई है। जानकारी के मुताबिक बंगाल के बीरभूम जिले के रामपुरहाट में टीएमसी के उपप्रधान की हत्या का बदला लेने के लिए इस घटना को अंजाम दिया गया है। वहीं घटना की जानकारी मिलते ही डीएम समेत बीरभूम के तमाम बड़े अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।  

बम फेंककर की गई हत्या

बंगाल के बीरभूम के रामपुरहाट में सोमवार देर रात बम फेंककर पंचायत नेता भादू शेख की हत्या कर दी गई थी। जानकारी के अनुसार शेख स्टेट हाईवे 50 पर जा रहे थे। तभी अज्ञात लोगों ने उनपर बम फेंक दिया जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए। इसके बाद उन्हें रामपुरहाट के मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।

पिछले साल भी चुनाव परिणाम के बाद हिंसा में 16 लोगों की गई थी जान

यह पहली बार नहीं है जब पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा की घटना हो रही है।   पिछले साल चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद हुई हिंसा में कम से कम 16 लोगों की जान ले ली थी।

बंगाल में हुई सबसे बड़ी राजनीतिक हिंसा में से एक

जानकारी के अनुसार हत्याओं के बाद क्षेत्र के किसी भी घर में एक भी पुरुष सदस्य नहीं बचा है। यह हाल के दिनों में पश्चिम बंगाल में हुई सबसे बड़ी राजनीतिक हिंसा में से एक है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, हमलावरों द्वारा इमारतों में आग लगाने से पहले कई लोगों को उनके घरों के अंदर बंद कर दिया गया था। 



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