महाराष्ट्र: हत्या से जुड़े मामले में जमानत नहीं मांगेंगे भाजपा विधायक नीतेश राणे, वकील बोले- पुलिस के सामने करेंगे सरेंडर


न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र
Updated Wed, 02 Feb 2022 05:22 PM IST

सार

विधायक ने अपनी जमानत याचिका में दावा किया था कि राजनीतिक रंजिश के चलते उन्हें हत्या के प्रयास के मामले में झूठा फंसाया गया है।

भाजपा विधायक नीतेश राणे।

भाजपा विधायक नीतेश राणे।
– फोटो : सोशल मीडिया

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विस्तार

केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बेटे और महाराष्ट्र से भाजपा के विधायक नीतेश राणे ने महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में अपने खिलाफ दर्ज कथित हत्या के प्रयास के मामले में अग्रिम जमानत याचिका वापस ले ली है। उन्होंने पहले इस मामले में बंबई उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। हालांकि, अब उन्होंने याचिका वापस लेने का फैसला किया है। राणे के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल इस मामले में पुलिस के सामने सरेंडर करेंगे और जांच प्रक्रिया में सहयोग करेंगे। 

सिंधुदुर्ग जिले की सत्र अदालत ने पिछले हफ्ते कंकावली से विधायक नीतेश राणे की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद ही वे जमानत के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट पहुंचे थे। हालांकि, यहां भी उन्हें निराशा मिली थी। विधायक ने अपनी याचिका में दावा किया था कि राजनीतिक रंजिश के चलते उन्हें हत्या के प्रयास के मामले में झूठा फंसाया गया है।

जमानत याचिका वापस लेने पर क्या बोले वकील?

बॉम्बे हाईकोर्ट में नीतेश के वकील सतीश मानशिंदे ने कहा कि उनके मुवक्किल सरेंडर कर जांच में शामिल होना चाहते हैं, जबकि अभी उनकी गिरफ्तारी पर लगी रोक की अवधि में पांच दिन बाकी हैं। उच्च न्यायालय की जस्टिस सीवी भदंग की एकल पीठ ने राणे की जमानत याचिका वापस लेने की मांग स्वीकार कर ली। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 27 जनवरी को नीतेश की गिरफ्तारी पर 10 दिन की रोक लगा दी थी। 

क्या है नीतेश राणे पर दर्ज मामला?

भाजपा विधायक का दावा है कि यह मामला उनके खिलाफ इसलिए दर्ज किया गया था, ताकि वे 30 दिसंबर को सिंधुदुर्ग जिला केंद्रीय सहकारी बैंक चुनावों में हिस्सा न ले सकें। नीतेश राणे और अन्य के खिलाफ पिछले दिसंबर में कंकावली पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 307 (हत्या का प्रयास), 120 (बी) (आपराधिक साजिश) और 34 (सामान्य इरादा) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

यह मामला बैंक चुनाव के प्रचार के दौरान स्थानीय शिवसेना कार्यकर्ता संतोष परब पर कथित हमले से जुड़ा है। हालांकि, शिवसेना को झटका देते हुए नारायण राणे के नेतृत्व वाले पैनल ने सिंधुदुर्ग जिला केंद्रीय सहकारी बैंक चुनाव जीता है। नीतेश की याचिका में दावा किया गया था कि उन्हें फंसाया जा रहा है और यह उनके तथा उनके पिता के खिलाफ यह मामला ‘‘सत्तारूढ़ व्यवस्था के इशारे पर राजनीतिक प्रतिशोध या प्रतिद्वंद्विता से प्रेरित’’ है।

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