नई दिल्ली. कोरोना संक्रमण काल के कठिन दौर में मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में आम बजट (Union Budget 2022) पेश किया. इस बार के बजट में करदाताओं को टैक्स स्लैब में कोई राहत तो नहीं दी गई, लेकिन उन्हें कोर्ट कचहरी के चक्कर से बचाने की कोशिश जरूर की गई है. यह सिर्फ करदाताओं के लिए ही नहीं, बल्कि आयकर विभाग के लिए मददगार साबित हो सकता है. वित्त मंत्री (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने स्वैच्छिक तरीके से कर भुगतान के माहौल को और सुदृढ़ करने के तहत बजट में खास प्रावधान किया है. सीतारमण ने इस बार के बजट में यह प्रस्तावित किया है कि यदि किसी करदाता (Assessee) के मामले में कानून से जुड़ा कोई ऐसा सवाल सामने आता है, जो किसी अन्य मामले के तहत हाई कोर्ट या फिर सुप्रीम कोर्ट में पहले से ही लंबित है तो ऐसे मामले में फैसला आने तक आयकर विभाग संबंधित करदाता के खिलाफ आगे की अपील को टाल देगा.
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