C-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के निर्माण से रक्षा उद्योग को मिलेगी जबरदस्त ताकत, जानें 10 अहम बातें


हाइलाइट्स

गुजरात में बनेंगे सी-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, पीएम मोदी रखेंगे नींव
टाटा-एयरबस तैयार करेंगी एयरक्राफ्ट, पूरी तरह स्वदेशी होंगे यह विमान
एयरबस जो काम स्पेन में करती थी, अब वही काम भारत में करेगी

नई दिल्ली. भारत के लिए रविवार का दिन सामरिक दृष्टि से बहुत बड़ा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सी-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट बनाने वाली कंपनी के गुजरात केंद्र की नींव रखेंगे. इसके साथ ही भारत कई देशों से मीलों आगे हो जाएगा. यह छलांग भारत के लिए इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि विश्व में कुछ ही देशों के पास मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट बनाने की क्षमता है. यह एयरक्राफ्ट टाटा और एयरबस संयुक्त रूप से बनाएंगीं.

इस मामले में टाटा-एयरबस के अधिकारियों ने कहा कि सी-295 का निर्माण भारत का पहला स्वदेशी एयरोस्पेस कार्यक्रम है, जो प्राइवेट सेक्टर तैयार कर रहा है. इसका निर्माण, पूरा सिस्टम, असेंबली, टेस्ट और मेंटेनेंस सबकुछ प्राइवेट सेक्टर ही करेगा. भारत सरकार और कंपनी की इस डील के तहत 16 सी-295 एयरक्राफ्ट निर्माण किए जाने हैं. इनकी डिलिवरी सितंबर 2023 से अगस्त 2025 के बीच की जानी है. बाकी के 40 एयरक्राफ्ट को वडोदरा की सेंटर पर ही तैयार किया जाएगा.

प्राइवेट सेक्टर के लिए अनोखा अवसर 
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि स्वदेशी विमानों के निर्माण में यह पहली लंबी स्वदेशी छलांग है. इसे बनाने के लिए एयरबस जिस 96 फीसदी काम को स्पेन में करती है, वह काम अब कंपनी गुजरात केंद्र पर करेगी. यह भारत के प्राइवेट सेक्टर के लिए अनोखा अवसर है. वह भी उड्डयन के तकनीक और जबरदस्त प्रतिस्पर्धी बाजार में प्रवेश कर सकता है. इससे घरेलू विमानों के क्षेत्र में निर्माण बढ़ेगा और आयात में निर्भरता कम हो सकती है और निर्यात में वृद्धि हो सकती है.

ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट से जुड़ी 10 अहम बातें

  • एयरक्राफ्ट के 13400 पार्ट, 4600 सब-पार्ट देश के 25 एमएसएमई सप्लायर तैयार करेंगे
  • इन विमानों के इलेक्ट्रॉनिक सूट को भारत इलैक्ट्रॉनिक्स और भारत डायनामिक्स तैयार कर रहे हैं
  • इसके साथ ही भारत उन देशों में शामिल हो जाएगा जो इस तरह के विमान तैयार करते हैं
  • वर्तमान में अमेरिका, जापान, ब्रिटेन, रूस, फ्रांस, इटली, स्पेन, यूक्रेन, ब्राजील, चीन के पास ये तकनीक है
  • साल 2030 तक इन विमानों से जुड़ा बाजार 45 अरब डॉलर का हो जाएगा
  • टाटा-एयरबस साल 2031 तक निर्यात करने की स्थिति में आ सकते हैं
  • इन विमानों के निर्माण से देश के व्यावसायिक विमानों के निर्माण का रास्ता साफ हो सकता है
  • गुजरात केंद्र दूसरी कंपनियों और सरकार द्वारा बताए गए देशों को भी विमान बेच सकता है
  • नए ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट से भारतीय सशस्त्र सेना को 1960 के विमानों पर निर्भर नहीं होना पड़ेगा
  • इन विमानों से भारत की सामरिक शक्ति तो बढ़ेगी ही, साथ ही सीमाएं और सुरक्षित हो जाएंगी

Tags: Narendra modi, National News, New Delhi news



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