Chhindwara: मां की हत्या में पांच साल के बेटे की गवाही रही अहम, पिता को मिली उम्रकैद की सजा


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मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में दो साल पहले हुए हत्याकांड में कोर्ट ने पति को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। तलाक की बात पर हुए विवाद में पति ने पत्नी की चाकू से वार कर हत्या कर दी थी। हत्या के मामले में पांच साल के बेटे ने पिता के खिलाफ गवाही दी, जिसे कोर्ट ने अहम मानते हुए फैसला दिया। 

एडीओपी वंदना यादव ने बताया कि वारदात 24 मई 2020 को की गई थी। उमरानाला पुलिस चौकी प्रभारी विक्रम सिंह बघेल ने रिपोर्ट में बताया कि ग्राम बीसापुर कला के 35 वर्षीय जितेन्द्र सदाराम विश्वकर्मा ने अपनी पत्नी प्रेमकुमारी विश्वकर्मा को गर्दन, पसली, हाथ में चाकू मारे हैं। विवाद तलाक की बात पर हुआ थी। घटना के समय उनका तीन साल का बेटा पीयूष मौके पर ही मौजूद था। उसी दिन बेटे का जन्मदिन था। जितेंद्र बेटे के लिए तोहफा भी लाया था। लेकिन पत्नी से विवाद के बाद वारदात हो गई। 

पुलिस जांच में पता चला था कि जितेन्द्र पत्नी पर चरित्र संदेह करता था और तलाक चाहता था, इसी के चलते उसने हत्या कर दी थी। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर मामले को सुनवाई के लिए पंचम अपर सत्र न्यायाधीश हरप्रसाद वंशकार की न्यायालय में प्रस्तुत किया था। तीन साल के पुत्र ने अगले साल न्यायालय में इस पूरे घटनाक्रम की गवाही दी, जिसके आधार पर न्यायालय ने आरोपी को उम्रकैद की सजा से दंडित किया है। शनिवार को तमाम साक्ष्यों, गवाहों के बयान सुनने के बाद दोष सिद्ध पाए जाने पर न्यायालय ने आरोपी जितेन्द्र विश्वकर्मा को धारा 302 में आजीवन कारावास और 15 हजार के जुर्माने की सजा से दंडित किया है।
 

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मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में दो साल पहले हुए हत्याकांड में कोर्ट ने पति को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। तलाक की बात पर हुए विवाद में पति ने पत्नी की चाकू से वार कर हत्या कर दी थी। हत्या के मामले में पांच साल के बेटे ने पिता के खिलाफ गवाही दी, जिसे कोर्ट ने अहम मानते हुए फैसला दिया। 

एडीओपी वंदना यादव ने बताया कि वारदात 24 मई 2020 को की गई थी। उमरानाला पुलिस चौकी प्रभारी विक्रम सिंह बघेल ने रिपोर्ट में बताया कि ग्राम बीसापुर कला के 35 वर्षीय जितेन्द्र सदाराम विश्वकर्मा ने अपनी पत्नी प्रेमकुमारी विश्वकर्मा को गर्दन, पसली, हाथ में चाकू मारे हैं। विवाद तलाक की बात पर हुआ थी। घटना के समय उनका तीन साल का बेटा पीयूष मौके पर ही मौजूद था। उसी दिन बेटे का जन्मदिन था। जितेंद्र बेटे के लिए तोहफा भी लाया था। लेकिन पत्नी से विवाद के बाद वारदात हो गई। 

पुलिस जांच में पता चला था कि जितेन्द्र पत्नी पर चरित्र संदेह करता था और तलाक चाहता था, इसी के चलते उसने हत्या कर दी थी। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर मामले को सुनवाई के लिए पंचम अपर सत्र न्यायाधीश हरप्रसाद वंशकार की न्यायालय में प्रस्तुत किया था। तीन साल के पुत्र ने अगले साल न्यायालय में इस पूरे घटनाक्रम की गवाही दी, जिसके आधार पर न्यायालय ने आरोपी को उम्रकैद की सजा से दंडित किया है। शनिवार को तमाम साक्ष्यों, गवाहों के बयान सुनने के बाद दोष सिद्ध पाए जाने पर न्यायालय ने आरोपी जितेन्द्र विश्वकर्मा को धारा 302 में आजीवन कारावास और 15 हजार के जुर्माने की सजा से दंडित किया है।

 



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