Cryptocurrency: वित्त सचिव ने क्रिप्टो को बताया सट्टा, बोले- निवेश पर होने वाले नुकसान के लिए सरकार जिम्मेदार नहीं


बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: दीपक चतुर्वेदी
Updated Wed, 02 Feb 2022 06:01 PM IST

सार

Tv Somanathan Says On RBI Digital Currency: क्रिप्टोकरेंसी पर 30 फीसदी टैक्स के मुद्दे पर बोलते हुए बुधवार को वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने कहा कि निजी क्रिप्टो में निवेश करने वाले लोगों को यह समझना चाहिए कि इसके पास सरकार का प्राधिकरण नहीं है। आपका निवेश सफल होगा या नहीं, इसकी कोई गारंटी नहीं है। उन्होंने कहा कि इसमें होने वाले नुकसान के लिए सरकार कतई जिम्मेदार नहीं है। 
 

टीवी सोमनाथन
– फोटो : सोशल मीडिया

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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को बजट पेश करने के दौरान क्रिप्टो से होने वाली आय पर 30 फीसदी का टैक्स लगाने समेत कई निर्णय लिए। बुधवार को इस मुद्दे पर बोलते हुए वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने कहा कि निजी क्रिप्टो में निवेश करने वाले लोगों को यह समझना चाहिए कि इसके पास सरकार का प्राधिकरण नहीं है। आपका निवेश सफल होगा या नहीं, इसकी कोई गारंटी नहीं है। उन्होंने कहा कि इसमें होने वाले नुकसान के लिए सरकार कतई जिम्मेदार नहीं है। 

आरबीआई का डिजिटल रुपया लीगल टेंडर
डिजिटल करेंसी को आरबीआई का समर्थन मिलेगा जो कभी भी डिफॉल्ट नहीं होगा। पैसा आरबीआई का होगा लेकिन प्रकृति डिजिटल होगी। आरबीआई द्वारा जारी किया गया डिजिटल रुपया लीगल टेंडर होगा। बाकी सभी लीगल टेंडर नहीं हैं, और कभी लीगल टेंडर नहीं बनेंगे। इथेरियम का वास्तविक मूल्य कोई नहीं जानता। उनकी दर में दैनिक उतार-चढ़ाव होता है। सरकार की नई नीति यह है कि क्रिप्टो के जरिए कमाई करने वालों को अब 30 फीसदी टैक्स का भुगतान करना होगा।  

क्रिप्टोकरेंसी को बताया सट्टा लेन-देन 
सोमनाथन ने कहा कि क्रिप्टो एक सट्टा लेन-देन है, इसलिए हम इस पर 30 फीसदी की दर से कर लगा रहे हैं। यह केवल क्रिप्टो के लिए नहीं है, यह सभी सट्टा आय के लिए है। उदाहरण के लिए, यदि मैं घुड़दौड़ लेता हूं, तो उस पर भी 30 फीसदी कर लगता है। किसी भी सट्टा लेन-देन पर पहले से ही 30 फीसदी कर है। इसलिए हमने उसी दर से क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स लगाने का फैसला किया है।
 

विस्तार

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को बजट पेश करने के दौरान क्रिप्टो से होने वाली आय पर 30 फीसदी का टैक्स लगाने समेत कई निर्णय लिए। बुधवार को इस मुद्दे पर बोलते हुए वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने कहा कि निजी क्रिप्टो में निवेश करने वाले लोगों को यह समझना चाहिए कि इसके पास सरकार का प्राधिकरण नहीं है। आपका निवेश सफल होगा या नहीं, इसकी कोई गारंटी नहीं है। उन्होंने कहा कि इसमें होने वाले नुकसान के लिए सरकार कतई जिम्मेदार नहीं है। 

आरबीआई का डिजिटल रुपया लीगल टेंडर

डिजिटल करेंसी को आरबीआई का समर्थन मिलेगा जो कभी भी डिफॉल्ट नहीं होगा। पैसा आरबीआई का होगा लेकिन प्रकृति डिजिटल होगी। आरबीआई द्वारा जारी किया गया डिजिटल रुपया लीगल टेंडर होगा। बाकी सभी लीगल टेंडर नहीं हैं, और कभी लीगल टेंडर नहीं बनेंगे। इथेरियम का वास्तविक मूल्य कोई नहीं जानता। उनकी दर में दैनिक उतार-चढ़ाव होता है। सरकार की नई नीति यह है कि क्रिप्टो के जरिए कमाई करने वालों को अब 30 फीसदी टैक्स का भुगतान करना होगा।  

क्रिप्टोकरेंसी को बताया सट्टा लेन-देन 

सोमनाथन ने कहा कि क्रिप्टो एक सट्टा लेन-देन है, इसलिए हम इस पर 30 फीसदी की दर से कर लगा रहे हैं। यह केवल क्रिप्टो के लिए नहीं है, यह सभी सट्टा आय के लिए है। उदाहरण के लिए, यदि मैं घुड़दौड़ लेता हूं, तो उस पर भी 30 फीसदी कर लगता है। किसी भी सट्टा लेन-देन पर पहले से ही 30 फीसदी कर है। इसलिए हमने उसी दर से क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स लगाने का फैसला किया है।

 

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