डेविड मिलर का इंटरव्यू: पंड्या ने पूरे आईपीएल में मुझे बैक किया, उनकी कप्तानी में खेलने में मजा आया


नई दिल्ली. गुजरात टाइटंस को पहले ही सीजन आईपीएल ट्रॉफी जीतने को एक हफ्ते से भी ज़्यादा वक्त हो चला है लेकिन कप्तान हार्दिक पंड्या की तारीफ़ ख़त्म होने का नाम ही नहीं ले रही है. पंड्या को गेंद और बल्ले से फिर से फार्म में वापस लौटते दिखना नयी बात नहीं थी लेकिन जिस अंदाज़ में पंड्या ने अपनी कप्तानी से समां बंधा उसकी उम्मीद शायद ही किसी ने की होगी. साउथ अफ्रीका के दिग्गज बल्लेबाज़ और टाइटंस की जीत में अहम किरदार निभाने वाले डेविड मिलर को बहरहाल अपने नये कप्तान की लीडरशीप योग्यता से बिलकुल हैरानी नहीं हुई.

“ वो एक सीनियर खिलाड़ी हैं और लीडर भी. अगर वो कप्तान नहीं भी होते तब भी मैं उनमें कई ऐसी बातें देख सकता हूं जो उन्हें लीडर बनाती हैं. देखिये, हार्दिक इंडिया के लिए और मुंबई के लिए खेल चुके हैं और उन्होंने अलग-अलग तरीके से टीम की जीत में योगदान दिया है. इससे कोई फर्क नहीं पड़ा कि भले वो कप्तान थे या नहीं. मेरे लिहाज से देखेंगे तो मैं ये बात कहूंगा कि मुझे उनकी कप्तानी में खेलने में बहुत मज़ा आया क्योंकि उन्होंने मुझे पूरे आईपीएल में बैक किया. ये देखकर भी अच्छा लगा कि उनके पास एक शानदार सूझबूझ और रणनीति भी है, “ न्यूज़18 हिंदी के साथ ख़ास बात चीत में मिलर ने ये खुलासे किये.

स्वाभाविक तरीके से ही जब मिलर ने अपने कप्तान की इतनी खुलकर तारीफ की तो इस लेखक ने पंड्या की कप्तानी को लेकर कुछ सवाल और दाग दिये. हमने मिलर से ये पूछा कि आखिर ऐसी कौन सी बात है जो पंड्या को कप्तान क तौर पर ख़ास बनाती है?

“ देखिये, जैसा कि मैंने आपको पहले भी कहा कि उनमें निश्चित तौर पर लीडरशीप योग्यता तो है है. इस आईपीएल के दौरान मुझे उनके साथ मैदान के बाहर भी काफी वक्त बिताने को मिला. वो इस किस्म के इंसान है जो हर खिलाड़ी के पास जातें हैं. उनसे बात-चीत करते हैं. चाहे वो टीम का बहुत सीनियर खिलाड़ी हो या फिर जूनियर. हम सभी को उनके शख़्सियत का ये रुप देखकर मज़ा आया, “ ऐसा कहना था साउथ अफ्रीका के लिए सफेद गेंद की क्रिकेट में मैच विनर की भमिका निभाने वाले दिग्गज बल्लेबाज़ मिलर का.

लेकिन, गुजरात की आईपीएल में बेहतरीन कामयाबी के लिए सिर्फ और सिर्फ हार्दिक को ही हीरो बनाना शायद उचित नहीं होगा. जिस तरह स पर्दे के पीछे हेड कोच आशीष नेहरा ने मेहनत की औऱ और पूरी टीम को एकजुट बनाये रखते हुए हौसला अफज़ाई की, उससे टीम के मनोबल पर काफी फर्क पड़ा.

“ आशीष की भूमिका तो असाधारण रही है. मैनें तो पूरे आईपीएल के दौरान उनकी मौजूदगी से काफी कुछ सीखा और बेहद मज़ेदार अनुभव का हिस्सा रहा. आशीष ने खिलाड़ियों को ये आज़ादी दी कि वो खुलकर अपनी बात कहें और बिना किसी हिचकिचाहट के उसका इज़हार करें. वो पूरे टूर्नामेंट के दौरान बिंदास रहे और उन्होंने हमारी काफी मदद की,” ऐसा मानना है मिलर का जिन्होंने पंड्या औऱ शुभमन गिल के साथ मिलकर 400 से ज़्यादा रन आईपीएल 2022 में बनाये और जिसके चलते उनकी टीम को काफी फायदा हुआ.

दरअसल, नेहरा की छवि दिल्ली में एक मज़ाकिया दोस्त और शानदार कहानीकार की रही है. नेहरा ने भारत के लिए 100 टेस्ट मैच भले ही नहीं खेलें हों लेकिन उनके क्रिकेट ज्ञान और ख़ास तौर पर उनकी रणनीति के फैन तो पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी भी रहें हैं.

“ देखिये, इस बात का फायदा तो टीमों को अक्सर मिलता है अगर आपके कोच को क्रिकेट की समझ और शानदार सूझ-बूझ हो. इसके अलावा तो आईपीएल में आपको खिलाड़ियों को संभालने की ही ज़िम्मेदारी तो होती है. मेरा मानना है कि गुजरात के हर खिलाड़ी को नेहरा की मौजूदगी से काफी आनंद आया.”

मिलर भले ही इस साल आईपीएल में हीरो बनकर उभरे लेकिन उनके लिए ऐसा करना आसान नहीं है. ख़ासकर, टी20 फॉर्मेट में आखिरी कुछ ओवर्स में ताबड़तोड़ बल्लेबाज़ी करते हुए मैच का रुख़ बदलना इस फॉर्मेट की शुरुआत से ही बेहद कठीन चुनौती रही है. तमाम उतार-चढ़ाव झेलने वाले मिलर से जब हमने ये सवाल किया कि आखि ऐशा क्यों है कि टी20 फ़ॉर्मेट में हर क्षेत्र में काफी बदलाव आया है लेकिन डेथ ओवर्स में बल्लेबाज़ों की भूमिका को लेकर स्थिति में किसी तरह का बदलाव नहीं आया है ?

“ऐसा भी नहीं है. खेल में तो बदलाव होते ही रहते हैं और ऐसे बदलावों के चलते ही तो खेल आगे की तरफ बढ़ता चला जाता है. मेरा मानना है कि अगर ट्रेनिंग सेशन के दौरान आप नये शॉट्स सीखने की कोशिश करते हैं तो इससे आपको फायदा होगा. आपके खेल को मदद और मिलेगी अगर आप अपने मज़बूत पहलू को और मज़बूत करने से इस फॉर्मेट में आपको कामयाबी मिलेगी.”

आईपीएल में अक्सर उन खिलाड़ियों को सराहा जाता है जो एक ही फ्रैंचाइजी के लिए लंबे समय तक खेलते रहतें हैं. अगर भारतीय खिलाड़ियों में धोनी, विराट कोहली और रोहित शर्मा कृजैसे नाम आपके ज़ेहन में सहज़ तौर पर आते हैं तो वहीं विदेशी खिलाड़ियों में एबी डिविलियर्स, लाशित मलिंग जैसे विदेशी खिलाड़ी भी मौजूद हैं. लेकिन, मिलर समेत कई ऐसे खिलाड़ी है जिन्हें अलग-अलग टीमों से खेलने की चुनौती से गुज़रना पड़ता है. इस साल गुजरात के लिए खेलने वाले मिलर पिछले साल राजस्थान से खेले थे और उससे पहले पंजाब से. ऐसे में क्या हर बार एक नई टीम और नये कप्तान के साथ ताल-मेल बिठाना भी किसी खिलाड़ी के लिए काफी मुश्किल काम नहीं होता है? अब आप वर्ल्ड कप जीतने वाले कप्तान ऐरॉन फिंच को ही देख लीजिये जो लगभग हर टीमों के साथ खेल चुकें हैं!

“ ईमानदारी से कहूं तो आप मुझे फिंच जैसे खिलाड़ियों की कतार में नहीं रख सकतें हैं. रायल्स से पहले मैं करीब एक दशक तक पंजाब का नियमित हिस्सा रहा और इसलिए ऐसा नहां कहा जा सकता है कि मैं बार-बार अलग टीम से खेलता हूं. वैसे भी टीमों के बदलने से बहुत कुछ नहीं बदलता है. अगर आप पेशेवर खिलाड़ी हैं तो हर टीम के लिए आपकी एक भूमिका होती है जहां पर आपको मैच जिताने की ज़िम्मेदारी होती है. आपको हर टीम के कप्तान, कोच और मैनेजमेंट के दर्शन को अपनाने की चुनौती होती है. वैसे भी, यथार्थ तो यही है ना कि भले ही आप किसी भी टीम के लिए खेलें, एक खिलाड़ी के तौर पर आपको रन बनाने औऱ विकेट लेने की ज़िम्मेदारी होती है जो किसी भी टीम में नहीं बदलती है.”

चलते-चलते हमने मिलर से ये सवाल कर ही डाला कि वो अपने साथी खिलाड़ी राहुल तेवतिया के बारे में क्या सोचतें हैं. तेवतिया को आईपीएल में फिनिशर के तौर पर हैरतअंगेज पारियां खेलने के बावजूद अब तक टीम इंडिया के लिए कोई मौका नहीं मिला है. “तेवतिया में निश्चित तौर पर भारत से खेलने का माद्दा है. जब भी उन्हें भारतीय चयनकर्ता याद करते हैं तो मुझे इस बात की उम्मीद है कि वो इसके लिए सुपर रेडी होंगे. इस बाते में कोई संदेह नहीं है कि उनका भविष्य शानदार है.”

Tags: Ashish nehra, David Miller, Hardik Pandya, News18 Hindi Originals, Rahul Tewatia

image Source

Enable Notifications OK No thanks