संसद में रक्षा मंत्री: मिसाइल मामले में भारत की दो टूक, जानें राजनाथ ने कैसे की पाकिस्तान और चीन की बोलती बंद?


सार

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, निरीक्षण के दौरान आकस्मिक रूप से मिसाइल रिलीज हो गई थी। मिसाइल यूनिट के नियमित रखरखाव और निरीक्षण के दौरान यह घटना हुई थी। गलती से छूटी मिसाइल, पाकिस्तान के एक क्षेत्र में जाकर गिरी। यह घटना खेदजनक है। राहत की बात यह रही कि इससे कोई नुकसान नहीं हुआ…

ख़बर सुनें

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गलती से छूटी मिसाइल, जो पाकिस्तान में चली गई थी, मंगलवार को उस बाबत राज्यसभा में बयान दिया है। उन्होंने कहा, गलती से वह मिसाइल छूटी थी। नौ मार्च को मिसाइल यूनिट के नियमित रखरखाव और निरीक्षण के दौरान यह घटना हुई थी। सरकार ने इस मामले को बहुत गंभीरता से लिया है। उच्च स्तरीय जांच का आधिकारिक आदेश दे दिया गया है। रक्षा मंत्री के इस जवाब ने पाकिस्तान और उसके तरफदार चीन की बोलती बंद कर दी है। पाकिस्तानी ‘इंटर-सर्विस पब्लिक रिलेशंस’ के महानिदेशक मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने अपनी प्रेसवार्ता में कहा था, पाकिस्तान अपने वायु क्षेत्र के खुलेआम उल्लंघन का कड़ा विरोध करता है। उन्होंने भविष्य में ऐसी किसी भी घटना की पुनरावृत्ति के खिलाफ आगाह किया था। उनके बाद चीन की तरफ से भी इस मामले में बयान आया था। चीन की सरकार के प्रवक्ता ने कहा था, ऐसे मामले की गहराई से जांच जरूरी है।
 

पाकिस्तान के मियां चन्नू इलाके में गिरी थी मिसाइल

बता दें कि नौ मार्च को एक मिसाइल, पाकिस्तान के पंजाब में मियां चन्नू इलाके में गिरी थी। इसके बाद पाकिस्तानी ‘इंटर-सर्विस पब्लिक रिलेशंस’ के महानिदेशक मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने प्रेसवार्ता की। उन्होंने इसे एक सुपरसोनिक मिसाइल बताया था। मिसाइल की वजह से एक दीवार क्षतिग्रस्त हुई थी। हालांकि जहां ये मिसाइल गिरी, वहां कोई संवेदनशील इंस्टालेशन नहीं था। पाकिस्तानी सेना के एयर डिफेंस ऑपरेशन सेंटर की मदद से तेज गति वाली वस्तु का पता लगाया गया। इस फ्लाइंग ऑब्जेक्ट ने पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया है।  

भारतीय तकनीक पर उठाए थे सवाल  

मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने प्रेसवार्ता में कहा था, भारत में इस तरह के मिसाइल टेस्ट चलते रहते हैं। मिसाइल का पाकिस्तान में पहुंचना, यह भारतीय तकनीक और मिसाइल तैयार करने वाली टीम पर सवालिया निशान है। ये तकनीकी कमी का नतीजा है, भारत को अभी इस पर और ज्यादा काम करना होगा। यह एक सुपरसोनिक मिसाइल थी। दोनों देश इस तरह की सूचना साझा करते हैं। छोटे स्तर के टेस्ट की जानकारी शेयर नहीं की जाती। ये मिसाइल हरियाणा के सिरसा से चली थी। इसने करीब 260 किलोमीटर का सफर तय किया है। मिसाइल 43 हजार मीटर की ऊंचाई पर थी। पाकिस्तान इस मिसाइल तकनीक की जांच कर रहा है। इस मिसाइल को यूएवी के जरिए लाया गया था।

रक्षा मंत्री ने दिया जवाब, जांच के बाद पता चलेगा कारण

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, निरीक्षण के दौरान आकस्मिक रूप से मिसाइल रिलीज हो गई थी। मिसाइल यूनिट के नियमित रखरखाव और निरीक्षण के दौरान यह घटना हुई थी। गलती से छूटी मिसाइल, पाकिस्तान के एक क्षेत्र में जाकर गिरी। यह घटना खेदजनक है। राहत की बात यह रही कि इससे कोई नुकसान नहीं हुआ। सरकार ने इस मामले को बहुत गंभीरता से लिया है। उच्च स्तरीय जांच के लिए आधिकारिक आदेश दे दिए गए हैं। जांच में ही दुर्घटना के सही कारणों का पता चल सकेगा। इस घटना के मद्देनजर मिसाइल संचालन, रखरखाव और निरीक्षण के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं की समीक्षा की जा रही है। अपने हथियार प्रणालियों की सुरक्षा और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं। यदि कोई कमी पाई जाती है तो उसे तत्काल दूर किया जाएगा।

विस्तार

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गलती से छूटी मिसाइल, जो पाकिस्तान में चली गई थी, मंगलवार को उस बाबत राज्यसभा में बयान दिया है। उन्होंने कहा, गलती से वह मिसाइल छूटी थी। नौ मार्च को मिसाइल यूनिट के नियमित रखरखाव और निरीक्षण के दौरान यह घटना हुई थी। सरकार ने इस मामले को बहुत गंभीरता से लिया है। उच्च स्तरीय जांच का आधिकारिक आदेश दे दिया गया है। रक्षा मंत्री के इस जवाब ने पाकिस्तान और उसके तरफदार चीन की बोलती बंद कर दी है। पाकिस्तानी ‘इंटर-सर्विस पब्लिक रिलेशंस’ के महानिदेशक मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने अपनी प्रेसवार्ता में कहा था, पाकिस्तान अपने वायु क्षेत्र के खुलेआम उल्लंघन का कड़ा विरोध करता है। उन्होंने भविष्य में ऐसी किसी भी घटना की पुनरावृत्ति के खिलाफ आगाह किया था। उनके बाद चीन की तरफ से भी इस मामले में बयान आया था। चीन की सरकार के प्रवक्ता ने कहा था, ऐसे मामले की गहराई से जांच जरूरी है।

 

पाकिस्तान के मियां चन्नू इलाके में गिरी थी मिसाइल

बता दें कि नौ मार्च को एक मिसाइल, पाकिस्तान के पंजाब में मियां चन्नू इलाके में गिरी थी। इसके बाद पाकिस्तानी ‘इंटर-सर्विस पब्लिक रिलेशंस’ के महानिदेशक मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने प्रेसवार्ता की। उन्होंने इसे एक सुपरसोनिक मिसाइल बताया था। मिसाइल की वजह से एक दीवार क्षतिग्रस्त हुई थी। हालांकि जहां ये मिसाइल गिरी, वहां कोई संवेदनशील इंस्टालेशन नहीं था। पाकिस्तानी सेना के एयर डिफेंस ऑपरेशन सेंटर की मदद से तेज गति वाली वस्तु का पता लगाया गया। इस फ्लाइंग ऑब्जेक्ट ने पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया है।  

भारतीय तकनीक पर उठाए थे सवाल  

मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने प्रेसवार्ता में कहा था, भारत में इस तरह के मिसाइल टेस्ट चलते रहते हैं। मिसाइल का पाकिस्तान में पहुंचना, यह भारतीय तकनीक और मिसाइल तैयार करने वाली टीम पर सवालिया निशान है। ये तकनीकी कमी का नतीजा है, भारत को अभी इस पर और ज्यादा काम करना होगा। यह एक सुपरसोनिक मिसाइल थी। दोनों देश इस तरह की सूचना साझा करते हैं। छोटे स्तर के टेस्ट की जानकारी शेयर नहीं की जाती। ये मिसाइल हरियाणा के सिरसा से चली थी। इसने करीब 260 किलोमीटर का सफर तय किया है। मिसाइल 43 हजार मीटर की ऊंचाई पर थी। पाकिस्तान इस मिसाइल तकनीक की जांच कर रहा है। इस मिसाइल को यूएवी के जरिए लाया गया था।

रक्षा मंत्री ने दिया जवाब, जांच के बाद पता चलेगा कारण

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, निरीक्षण के दौरान आकस्मिक रूप से मिसाइल रिलीज हो गई थी। मिसाइल यूनिट के नियमित रखरखाव और निरीक्षण के दौरान यह घटना हुई थी। गलती से छूटी मिसाइल, पाकिस्तान के एक क्षेत्र में जाकर गिरी। यह घटना खेदजनक है। राहत की बात यह रही कि इससे कोई नुकसान नहीं हुआ। सरकार ने इस मामले को बहुत गंभीरता से लिया है। उच्च स्तरीय जांच के लिए आधिकारिक आदेश दे दिए गए हैं। जांच में ही दुर्घटना के सही कारणों का पता चल सकेगा। इस घटना के मद्देनजर मिसाइल संचालन, रखरखाव और निरीक्षण के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं की समीक्षा की जा रही है। अपने हथियार प्रणालियों की सुरक्षा और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं। यदि कोई कमी पाई जाती है तो उसे तत्काल दूर किया जाएगा।



Source link

Enable Notifications OK No thanks