साइबर क्रिमिनल्‍स के निशाने पर DeFi, 2021 में 1.3 बिलियन डॉलर का नुकसान


डीसेंट्रलाइज्‍ड फाइनेंस (DeFi) सेक्‍टर अभी भी सेंट्रलाइज्‍ड नेटवर्क पर निर्भर हैं, जिस वजह से इनमें सेंध लगाना साइबर क्रिमिनल्‍स के लिए आसान हो रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार, साल 2021 में भी साइबर क्रिमिनल्‍स ने DeFi प्रोटोकॉल वाले सेंट्रलाइज्‍ड नेटवर्क में सेंध लगाई। इसकी वजह से 1.3 बिलियन डॉलर (लगभग 9,606 करोड़ रुपये) से ज्‍यादा का नुकसान झेलना पड़ा। DeFi, फाइनेंशियल प्रोडक्‍ट्स को एक पब्लिक ब्लॉकचेन नेटवर्क पर प्रदर्शित करने की इजाजत देता है। यह सेंट्रल बैंक द्वारा रेगुलेट नहीं है।

एक नई रिपोर्ट में ब्लॉकचेन रिसर्च फर्म CertiK ने कहा है कि DeFi हैक के 44 मामलों की वजह से पिछले साल 1.3 बिलियन डॉलर (लगभग 9,606 करोड़ रुपये) का नुकसान हुआ।

DeFi सिस्टम के कमजोर होने की एक वजह यह थी कि ये ब्लॉकचेन नेटवर्क के बजाए रेगुलेटेड सर्वर पर काम कर रहे थे।

रिपोर्ट में कहा गया है कि सेंट्रलाइजेशन, DeFi के एथिक्‍स के विपरीत है और सिक्‍योरिटी रिस्‍क पैदा करता है। इसका इस्‍तेमाल करके ना सिर्फ डेडिकेटेड हैकर्स, बल्कि इनसाइडर्स भी DeFi में सेंध लगाते हैं।   

DeFi सिस्टम में से ज्‍यादातर ईथीरियम ब्लॉकचेन पर बनाए गए हैं। इनका मकसद फाइनेंशियल सर्विसेज के लिए एक ऑटोनॉमस और डीसेंट्रलाइज्‍ड ऑप्‍शन देना है। 

रिपोर्ट में कहा गया है कि दिसंबर 2021 तक DeFi सेक्‍टर ने करीब 60 अरब डॉलर (4,43,310 करोड़ रुपये) हासिल किए।

वहीं, एनालिटिक्स फर्म ImmuneFi की एक स्‍टडी में दावा किया गया है कि पिछले एक साल में 10 बिलियन डॉलर (लगभग 73,885 करोड़ रुपये) से ज्‍यादा की DeFi हैकिंग और इससे जुड़े स्‍कैम हुए हैं। हालांकि रिसर्चर्स का यह भी मानना है कि DeFi सेक्टर और सेफ होगा, क्‍योंकि इसका वर्कलोड सर्वर से ब्‍लॉकचेन नेटवर्क पर शिफ्ट हो रहा है। 

रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2021 में DeFi सेक्‍टर को हुआ नुकसान क्रिप्टो के कुल बाजार पूंजीकरण का सिर्फ 0.05 प्रतिशत है। क्रिप्टोकरेंसी का मार्केट 3 ट्रिलियन डॉलर (लगभग 2,15,66,720 करोड़ रुपये) के पूंजीकरण तक बढ़ गया है। यह अपने आप में एक रिकॉर्ड है। 

गौरतलब है कि पिछले महीने ही डीसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस (DeFi) प्रोटोकॉल में एक हैक की वजह से 12 करोड़ डॉलर का नुकसान हुआ था। डीसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस (DeFi) प्रोटोकॉल Badger DAO पर एक हैक अटैक के कारण 12 करोड़ डॉलर (लगभग 900 करोड़ रुपये) की कीमत के Bitcoin और Ethereum का नुकसान हुआ। अटैक का पता नवंबर में चला था। 
 

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