विकसित अर्थव्यवस्थाएं जा रही हैं मंदी की ओर, भारत पर पड़ेगा किस तरह का असर? समझें


नई दिल्ली. दुनियाभर में महंगाई के तांडव के बाद अब आशंकाएं हैं कि बड़ी अर्थवयवस्थाएं मंदी की तरफ बढ़ रही हैं. यदि वे अर्थवयवस्थाएं मंदी में प्रवेश कर जाती हैं तो भारत के लिए भी बड़ी मुश्किलें खड़ी हो जाएंगी. इधर, शेयर बाजारों में बिकवाली जारी है. निवेशकों में डर का माहौल बना हुआ है. आज बाजार के पॉजिटिव खुलने के पीछे क्रूड ऑयल की कीमतों में आई कमी को माना जा रहा है.

अधिकतर विशेषज्ञों को लगता है बाजार से अभी बिकवाली पूरी तरह से दूर नहीं हुई है. चूंकि बेयर अभी पावर में हैं तो निफ्टी50 15,000 के स्तर पर रुकेगा, इस पर भी आशंका है. कुछ को तो लगता है कि निफ्टी 14,000 पर रुकेगा. बाजार में पनप रही ऐसी आशंकाओं के पीछे दुनियाभर में मंदी के आसार और बढ़ती महंगाई को जिम्मेदार माना गया है. इसके भारत पर पड़ने वाले असर का भी आकलन किया जा रहा है.

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जिओजित फाइनेंशियल सर्विसेज के हेड ऑफ रिसर्च विनोद नायर ने कहा, “मौजूदा आकलन के आधार पर, हम निफ्टी 50 के लिए 13,750 से 14,500 की रेंज देखते हैं. इस हिसाब से मुख्य सूचकांकों में 5 से 10 फीसदी की और गिरावट की आशंका है.”

तो कई भारतीय कंपनियां आएंगी चपेट में

दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों द्वारा बढ़ती मुद्रास्फीति को देखते हुए लिए गए फैसलों के बाजार को भारी नुकसान हुआ है. इन फैसलों ने बाजार में लिक्विडिटी को सोखने का काम किया है. कुछ सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं मंदी की ओर जा रही हैं.

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वीकेंड में नोमुरा ग्रुप (Nomura Group) ने कहा कि मूल्य स्थिरता बहाल करने के लिए यूएस फेड की प्रतिबद्धता संभवतः दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को मंदी की ओर धकेल देगी और एक हल्की मंदी शुरू हो सकती है. अगर ऐसा होता है, तो कई भारतीय कंपनियों और अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ेगा.

जानिए क्या है पूरा चक्र

नोमुरा ग्रुप के रिसर्च हेड विनिन बोलिन्जकर ने मनीकंट्रोल से कहा, “विकसित अर्थवयवस्थाएं एसेट पर्चेज प्रोग्राम को बंद कर रही हैं. इसके साथ ही फेड रेट बढ़ाए जा रहे हैं. इससे साफ पता चलता है कि ऐसी अर्थव्यवस्थाएं आर्थिक मंदी की तरफ बढ़ रही हैं. इसका परिणाम ये होगा कि FII (फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर) भारत से पैसा निकालेंगे. जब ये पैसा निकालेंगे तो भारतीय रुपया और गिरेगा, जिससे कि हमारे लिए आयात महंगा हो जाएगा. इससे कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) इन्फ्लेशन भी बढ़ेगी.”

Tags: Economy, India economy

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