‘इंग्लिश क्रिकेटर’ जिसने भारत को जिताया पहला वर्ल्ड कप, 17 साल बाद बतौर कोच यही करिश्मा दोहराया


हाइलाइट्स

पूर्व भारतीय ऑलराउंडर रोजर बिन्नी का आज जन्मदिन है
उन्होंने 1983 के विश्व कप जीत में अहम भूमिका निभाई थी
1983 वर्ल्ड कप में बिन्नी ने कुल 18 विकेट लिए थे

नई दिल्ली. भारत ने 1983 में कपिल देव की अगुआई में फाइनल में 2 बार के चैम्पियन वेस्टइंडीज को हराकर पहली बार वर्ल्ड कप जीता था. भारत को चैम्पियन बनाने में वैसे तो हर खिलाड़ी का योगदान था. लेकिन, रोजर बिन्नी ने गेंद से जो कमाल दिखाया, वो खास रहा. उन्होंने 1983 के विश्व कप में भारत के लिए सबसे अधिक विकेट लिए थे. इस लिहाज से भारत को पहली बार विश्व विजेता बनाने में इस खिलाड़ी का योगदान खास था. आज इन्हीं रोजर बिन्नी का जन्मदिन है. बिन्नी का जन्म आज ही के दिन (19जुलाई) 1955 को बैंगलुरू में हुआ था. वैसे तो बिन्नी ने भारत के लिए टेस्ट और वनडे दोनों फॉर्मेट खेले और जरूरत पड़ने पर न सिर्फ गेंद, बल्कि बल्ले से भी टीम की जीत में अहम योगदान दिया. लेकिन, वनडे में वो ज्यादा असरदार रहे. इसमें भी 1983 विश्व कप खास रहा. तब उन्होंने टूर्नामेंट में 18 विकेट लिए थे, जोकि तब एक रिकॉर्ड था.

मजबूत कद काठी के बिन्नी गेंदबाज के अलावा आक्रामक बल्लेबाज भी थे, जो पारी की शुरुआत करने के साथ ही मिडिल ऑर्डर में भी बल्लेबाजी कर सकते थे. साथ ही वो ऐसे मीडियम पेस गेंदबाज भी थे, जो गेंद को दोनों तरफ स्विंग कराने में माहिर थे. खासतौर पर इंग्लिश कंडीशंस में. बिन्नी पहली बार, उस समय चमके, जब उन्होंने 1977-78 में केरल के खिलाफ रणजी ट्रॉफी के एक मुकाबले में पहले विकेट के लिए संजय देसाई के साथ 451 रन की साझेदारी की थी.

इस पार्टनरशिप में बिन्नी के बल्ले से 211 रन निकले थे. घरेलू क्रिकेट में अच्छे प्रदर्शन के बाद बिन्नी को 1979 में अपने घर यानी बैंगलुरू में पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट डेब्यू का मौका मिला. इस मैच में उतरने के साथ ही उनके नाम नया रिकॉर्ड दर्ज हो गया था. वो भारत के लिए टेस्ट मैच खेलने वाले पहले एंग्लो इंडियन क्रिकेटर थे.

बिन्नी ने 83 विश्व कप में 18 विकेट लिए थे
रोजर बिन्नी ने इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू तो 1979 में कर लिया था. लेकिन, उन्हें असली सफलता 1983 में मिली. उन्होंने इस टूर्नामेंट में कुल 18 विकेट लिए थे. इसमें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक मैच में 29 रन देकर 4 विकेट भी शामिल है. इसके बाद उन्होंने फाइनल में वेस्टइंडीज के खिलाफ 10 ओवर में 23 रन देकर 1 विकेट लिया था. यह विकेट था, वेस्टइंडीज के कप्तान क्लाइव लॉयड का.

भारत के लिए बल्ले से भी संकटमोचक साबित हुए 
बिन्नी गेंद के साथ-साथ बल्ले से भी कई मौकों पर भारत के लिए संकटमोचक साबित हुए. उन्होंने 1983 में पाकिस्तान के खिलाफ बैंगलोर टेस्ट में नाबाद 83 रन बनाए थे और मदन लाल के साथ सातवें विकेट के लिए रिकॉर्ड 155 रन जोड़कर भारत को मुश्किल से उबारा था. इसके 3 साल बाद उन्होंने इंग्लैंड में गेंद से कमाल दिखाया और 6 विकेट लेकर भारत को हेडिंग्ले टेस्ट जिताया था. बिन्नी ने 27 टेस्ट में 830 रन बनाने के साथ 47 विकेट लिए थे. वहीं, 72 वनडे में उनके नाम 77 विकेट रहे.

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बिन्नी की कोचिंग में भारत पहली बार अंडर-19 विश्व कप जीता
क्रिकेट से संन्यास के बाद उन्होंने कोचिंग में भी हाथ आजमाए और जब साल 2000 में भारत ने पहली बार अंडर-19 विश्व कप जीता था. तब बिन्नी ही टीम के कोच थे. उस समय मोहम्मद कैफ की कप्तानी में भारत ने यह उपलब्धि हासिल की थी. इस विश्व कप में भारत को युवराज सिंह के रूप में शानदार खिलाड़ी मिला, जो आगे चलकर टीम इंडिया के लिए भी खेले. वो 2007 में बंगाल की रणजी टीम के कोच भी रहे. वो 2012 में सीनियर सेलेक्शन कमेटी का भी हिस्सा रहे थे.

Tags: Kapil dev, On This Day, Roger Binny, World cup 1983

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