Ganesh Acharya: झोपड़पट्टी के गणेश ने पहले पूरा किया पिता का सपना, और अब बारी अपने 40 साल पुराने सपने की…


मशहूर कोरियोग्राफर गणेश आचार्य अब हीरो भी बन गए हैं। बतौर हीरो उनकी फिल्म ‘देहाती डिस्को’ 27 मई को रिलीज हो रही है। गणेश आचार्य का बचपन बहुत कठिन संघर्ष से गुजरा। सिनेमा का सपना उनका हमेशा उन्हें थोड़ा और संघर्ष करने के लिए प्रेरित करता रहा। गणेश आचार्य को हिंदी सिनेमा के चंद बेहतरीन गानों की कोरियोग्राफी के लिए जाना जाता है। लेकिन, उनके बारे में अब भी तमाम बातें ऐसी हैं, जो उनके प्रशंसक भी नहीं जानते। ‘अमर उजाला’ के पाठकों के लिए गणेश आचार्य खुद सुना रहे हैं अपनी राम कहानी, चलिए जानते हैं उनसे उनके जीवन के 10 अनसुने किस्सों के बारे में…

झोपड़पट्टी में बीता बचपन

‘मेरे पिता का ताल्लुक मद्रास है और मां यहीं महाराष्ट्र की धरती की बेटी हैं। मेरा बचपन मुंबई की सांताक्रुज पूर्व की प्रभात कालोनी कालोनी में गुजरा है। मुझे अपने बचपन के तमाम साथी अब भी याद हैं। अक्सर उनसे भेंट भी हो जाती है। इस इलाके ने ही मुझे वह बनाया जो आज मैं हूं। पढ़ना लिखना भी वहीं हुआ और जिंदगी के शुरुआती सबक भी मैंने इसी कॉलोनी में सीखे। 10 साल का था मैं जब पिताजी नहीं रहे। तभी घर की जिम्मेदारी मुझ पर आ गई और ना चाहते हुए भी मुझे उस उम्र में ही पढ़ाई छोड़नी पड़ी।’

जूनियर आर्टिस्ट से शुरुआत

‘ये उन दिनों की बात है जब मैं सिनेमाघरों में जीतेंद्र, अमिताभ बच्चन और मिथुन चक्रवर्ती जैसे सितारों की होर्डिंग्स देखा करता था। 12 साल का था मैं जब मुझे पहली बार फिल्मों में काम करने का मौका मिला। ढूंढेंगे तो शायद किसी फ्रेम में दिख भी जाऊं। पहले जूनियर आर्टिस्ट बना। फिर थोड़ा बड़ा हुआ तो ग्रुप डांसर बनने का मौका मिला। 17 साल का था जब पहली बार असिस्टेंट डांस डायरेक्टर बना। और, 19 साल की उम्र मुझे डांस डायरेक्टर बनने का मौका मिल गया। सच पूछे तो मेरे पिता मिस्टर गोपी मुंबई आए थे डांस मास्टर बनने। पिता जी का सपना पूरा करते करते कोरियोग्राफी मेरी आत्मा बन गई।’ 

कोरियोग्राफी का पहला ब्रेक 

‘मैं तब 19 साल का ही था। लोगों को मेरे काम में कुछ बात दिखने लगी थी। मैं कोशिश करता था कि दूसरों से कुछ अलग बना सकूं। मशहूर निर्माता निर्देशक के सी बोकाडिया के मामा विनोद एस चौधरी ने मुझे अपनी फिल्म ‘अनाम’ में पहला ब्रेक दिया। इस फिल्म के निर्देशक थे रमेश मोदी और फिल्म में अरमान कोहली और आयशा जुल्का लीड रोल में थे। इसे ही मैं हिंदी सिनेमा में अपना पहला ब्रेक कह सकता हूं।’

और, पहला हिट गाना 

‘के सी बोकाडिया ऐसे इंसान हैं जो किसी भी कलाकार का टैलेंट चुटकियों में पहचान लेते हैं। उन्होंने मेरा काम देखा हुआ था। उनके साथ मेरा मिलना जुलना भी काफी था उन दिनों। ईश्वर की मेहरबानी देखिए कि मेरा पहला हिट गाना ‘हाथो में आ गया जो कल रुमाल आप का’ भी के सी बोकाडिया की ही फिल्म ‘आओ प्यार करें’ का है। ये गाना सैफ अली खान और शिल्पा शेट्टी पर फिल्माया गया था। कुमार सानू ने इस गीत को गाया और इसके संगीतकार थे आदेश श्रीवास्तव।’



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