पूरा विश्व 21 जून को ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2022’ (International Yoga Day 2022) मनाने जा रहा है. भारत में पहले से ही योग की काफी समृद्ध परंपरा रही है और इसका एक चिकित्सा पद्धति के रूप में उपयोग करके लाभ उठाया जाता रहा है, लेकिन अब मेडिकल साइंस भी योग चिकित्सा का लोहा मान रही है. दिल्ली स्थित ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) की ओर से योग निद्रा (Yoga Nidra) को लेकर रिसर्च स्टडी की गई है, जिसमें इसे मरीजों के लिए बेहद कारगर पाया गया है. 60 मरीजों पर 4 साल तक चले इस रेंडमाइज्ड नियंत्रित परीक्षण में वैज्ञानिक रूप से योग निद्रा प्रभावी साबित हुई है.
द नेशनल मेडिकल जर्नल ऑफ इंडिया में प्रकाशित इस रिसर्च की लेखक डॉ. करुणा दत्ता और एम्स के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की प्रोफेसर डॉ. मंजरी त्रिपाठी बताती हैं कि योग निद्रा को अनिद्रा यानी क्रॉनिक इन्सोम्निया (Chronic Insomnia) की बीमारी झेल रहे मरीजों के लिए काफी फायदेमंद पाया गया है. भारत में प्राचीन काल से योग निद्रा को साधु-संतों के द्वारा नींद के लिए उपयोग किया जाता रहा है लेकिन अनिद्रा की बीमारी में यह कितनी उपयोगी है इसे लेकर वैज्ञानिक आधार पर कुछ खास स्टडी नहीं की गई थी लेकिन अब एम्स (AIIMS) में किया गया यह अध्ययन कम परीक्षण इस बात की पुष्टि करता है कि योग निद्रा अनिद्रा की बीमारी से जूझ रहे लोगों को काफी हद तक फायदा पहुंचा सकती है.
पहलें जानें, क्या होती है अनिद्रा की बीमारी
डॉ. मंजरी बताती हैं कि 3 महीने या 3 महीने से ज्यादा समय तक, हफ्ते में 3 दिन अगर मरीज ठीक से सो नहीं पाता है तो यह क्रॉनिक इन्सोम्निया या अनिद्रा की बीमारी कहलाती है. ऐसे मरीजों को नींद की ऐसी समस्या हो जाती है कि इनको चिकित्सकों की ओर से दी जाने वाली नींद की गोलियां खानी ही पड़ती हैं. मरीज को इन दवाओं की लत भी लग जाती है. इन दवाओं का नुकसान भी होता है. यही वजह है कि लंबे समय से कुछ ऐसी चीजों की जरूरत महसूस की जा रही है कि जो बिना दवाओं के मरीज की नींद को वापस लाने में सहायता कर सकें.
क्या है योग निद्रा
डॉ. मंजरी कहती हैं कि भारत की संस्कृति में पहले से ऐसी विधियां और चिकित्सा पद्धतियां हैं जो रोगों के निदान के लिए उपयुक्त हैं. योग इन्हीं में से एक पद्धति है. योग में ही एक विधि है योग निद्रा. यह निद्रा पूरी नींद की अवस्था नहीं है बल्कि यह योग की एक प्रक्रिया या विधि है, जो सुबह के समय, कुछ समय के लिए खाली पेट रोजाना करनी होती है. इसकी पांच अवस्थाएं या स्टेप होते हैं. योगासनों में आने वाला शवासन इसी का हिस्सा है.
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FIRST PUBLISHED : June 20, 2022, 08:20 IST