स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Published by: स्वप्निल शशांक
Updated Mon, 31 Jan 2022 07:33 PM IST
सार
कप्तानी को लेकर सवाल पूछे जाने पर भज्जी ने कहा- ऐसा नहीं है कि मैं कप्तान बनने लायक नहीं था या मुझे कप्तानी नहीं आती थी।
हरभजन सिंह ने कप्तानी को लेकर बड़ा बयान दिया
– फोटो : अमर उजाला
ख़बर सुनें
विस्तार
भारत के पूर्व दिग्गज स्पिनर हरभजन सिंह ने हाल ही में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया था। अब वह कई मामलों पर चुप्पी तोड़ रहे हैं। हाल ही में उन्होंने टीम में शामिल नहीं किए जाने को लेकर अपनी बात रखी थी। अब भज्जी ने टीम इंडिया का कप्तान नहीं बन पाने को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) पर भी अपना दुख जाहिर किया है।
‘मैं कप्तान बनने के लायक था’
हरभजन ने न्यूज-18 को दिए इंटरव्यू में करियर, विवाद और कप्तानी से जुड़े सवालों पर जवाब दिया। कप्तानी को लेकर सवाल पूछे जाने पर भज्जी ने कहा- ऐसा नहीं है कि मैं कप्तान बनने लायक नहीं था या मुझे कप्तानी नहीं आती थी। मेरे जान पहचान में कोई ऐसा व्यक्ति नहीं था, जो बीसीसीआई में ऊंचे पद पर हो। कोई ऐसा नहीं था जो मेरे कप्तान बनने को लेकर बीसीसीआई से बात कर सके या मेरा समर्थन कर सके। अगर ऐसा कोई होता, तो शायद मैं भी टीम इंडिया का कप्तान होता।
‘बीसीसीआई में पैरवी करने वाला कोई नहीं था’
उन्होंने कहा- यदि आप बोर्ड में किसी दमदार सदस्य के पसंदीदा नहीं हैं, तो आपको ऐसा सम्मान नहीं मिल सकता, लेकिन हमें अब इस बारे में बात नहीं करनी चाहिए। अगर मुझे कप्तानी मिलती तो मैं भी अपना 100 फीसदी देता और टीम को आगे बढ़ने में मदद करता। मैंने एक खिलाड़ी के तौर पर भी हमेशा यही किया है।
‘धोनी से कोई शिकायत नहीं है’
पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के साथ उनके रिश्ते के बारे में पूछे जाने पर भज्जी ने कहा- मुझे धोनी से कोई शिकायत नहीं है। हम कई सालों से एक अच्छे दोस्त हैं। मुझे उस समय के बीसीसीआई सरकार से शिकायत है। मैं बोर्ड को सरकार कह रहा हूं। उस समय के चयनकर्ताओं ने अपनी भूमिकाओं के साथ न्याय नहीं किया। इससे टीम एकजुट नहीं हो सकी।
‘2011 विश्व कप के बाद चैंपियन टीम साथ नहीं खेली’
भज्जी ने कहा- 2012 के बाद कई चीजें और बेहतर हो सकती थीं। मेरे अलावा वीरेंद्र सहवाग, युवराज सिंह और गौतम गंभीर भारतीय टीम के लिए खेलकर संन्यास ले सकते थे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। मैदान के बाहर ही हमें संन्यास लेना पड़ा। हम सभी उस वक्त आईपीएल खेल रहे थे। यह समझ से परे ही है कि 2011 विश्व कप के बाद चैंपियन टीम फिर कभी एक साथ नहीं खेली।
कुंबले के साथ कोई विवाद नहीं
हरभजन से यह पूछे जाने पर कि क्या पूर्व दिग्गज स्पिनर अनिल कुंबले को टीम में आपको तरजीह दिए जाने के बाद विवाद हुआ था? इसके जवाब में भज्जी ने कहा- मेरे मन में कुंबले के लिए बहुत सम्मान है। टीम इंडिया में उनसे बड़ा मैच विनर कोई नहीं हुआ। मेरे लिए उनके साथ खेल पाना सौभाग्य की बात है। हां, कई मौकों पर मुझे उनके ऊपर प्लेइंग इलेवन में जगह दी गई, लेकिन मैंने इस मसले पर कुंबले को परेशान नहीं देखा।
यह रही थी 2007 के बाद कप्तान बनने की कहानी
हरभजन का यह बयान काफी बड़ा है। ऐसा इसलिए क्योंकि राहुल द्रविड़ के बाद महेंद्र सिंह धोनी वनडे और टी-20 के कप्तान बने थे। वहीं, टेस्ट में अनिल कुंबले को कप्तानी सौंपी गई थी। 2008 में कुंबले के बाद धोनी को ही तीनों फॉर्मेट की कप्तानी सौंप दी गई थी। 2014 तक धोनी ही तीनों फॉर्मेट में टीम इंडिया के कप्तान रहे। 2014 में दिसंबर में धोनी ने टेस्ट की कप्तानी छोड़ दी और विराट कोहली टेस्ट कप्तान बने।
तब तक हरभजन सिंह टेस्ट टीम में थे। उन्होंने आखिरी टेस्ट 2015 में खेला था। धोनी को कप्तान बनाने की सलाह सचिन तेंदुलकर ने तब बीसीसीआई अध्यक्ष रहे शरद पवार को दी थी। धोनी ने इसके बाद 2007 टी-20 विश्व कप में जीत भी दिलाई थी और खुद को साबित किया था। हरभजन ने अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच 2016 में खेला था। यह मैच उन्होंने यूएई के खिलाफ ढाका में खेला था। इसके बाद से वह कभी टीम में नहीं आए। हालांकि, इस दौरान वह आईपीएल खेलते रहे।
टेस्ट में 400 विकेट लेने वाले दूसरे भारतीय स्पिनर
हरभजन सिंह भारत के दूसरे स्पिनर हैं, जिन्होंने टेस्ट में 400 से ज्यादा विकेट लिए थे। उनसे पहले अनिल कुंबले ने यह करनामा किया था। भज्जी ने अपने 103 टेस्ट मैच के करियर में 417 विकेट लिए थे। वहीं 236 वनडे में उनके नाम 269 विकेट रहे थे। उनकी इकोनॉमी भी 4.31 की रही थी। वहीं 28 टी-20 मैच में भज्जी ने 25 विकेट झटके। आईपीएल में हरभजन ने 163 मैच खेलकर 150 विकेट अपने नाम किए।