House Sales : आठ प्रमुख शहरों में जनवरी-जून में मकानों की बिक्री नौ साल में सबसे ज्यादा


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देश के आठ प्रमुख शहरों में इस साल की पहली छमाही यानी जनवरी-जून में मकानों की बिक्री 60 फीसदी बढ़कर 1,58,705 इकाई पहुंच गई। यह जनवरी-जून, 2013 के बाद बिक्री का 9 साल का उच्च स्तर है। उस दौरान कुल 1,85,577 मकान बिके थे। 2021 की समान छमाही में कुल 99,416 मकान बिके थे।

नाइटफ्रैंक इंडिया ने बुधवार को रिपोर्ट में कहा, खरीदारों की प्राथमिक जीवनशैली बेहतर करने की जरूरत, होम लोन पर कम ब्याज और महामारी पूर्व स्तर के मुकाबले कीमतों में कमी से मकानों की बिक्री में सालाना आधार पर 60% तेजी दर्ज की गई है। 

दिल्ली-एनसीआर में दोगुना बढ़ी बिक्री

  • दिल्ली-एनसीआर : जनवरी-जून छमाही में मकानों की बिक्री दोगुना बढ़कर 29,101 इकाई पहुंच गई।  
  • मुंबई : 55 फीसदी की वृद्धि के साथ कुल 44,200 मकान बिक।
  • बंगलुरू : बिक्री 14,812 इकाइयों से 80% बढ़कर 26,677 इकाई पहुंच गई।
  • पुणे : 21,797 मकान बिके, जो पिछले साल की समान अवधि से 25% ज्यादा हैं।
  • चेन्नई : बिक्री 21 फीसदी बढ़कर 6,951 इकाई पहुंच गई।

 

  • हैदराबाद : 23 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ कुल 14,693 मकान बिके।
  • कोलकाता : बिक्री 39 फीसदी बढ़कर 7,090 इकाई रही।
  • अहमदाबाद : 8,197 मकान बिके, जो 2021 की समान छमाही से 95 फीसदी ज्यादा है।

होम लोन महंगा होने पर भी एनसीआर में मकानों की बिक्री पर असर नहीं : क्रेडाई
रेपो दर में वृद्धि के कारण होम लोन महंगा होने से मकानों की बिक्री पर कोई असर नहीं पड़ा है। क्रेडाई के सर्वे के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर के 68 फीसदी डेवलपर ने कहा कि होम लोन महंगा होने के बावजूद बिक्री में कोई गिरावट नहीं दिख रही है। वहीं, 27 फीसदी ने बिक्री/पूछताछ में गिरावट की बात कही है। सर्वे में शामिल 82.5 फीसदी डेवलपर इस साल नई परियोजनाएं लॉन्च करने की तैयारी में हैं।

  • 76% से ज्यादा डेवलपर नई आवासीय परियोजनाएं लॉन्च करना चाहते हैं।
  • 50% डेवलपर किफायती आवासीय परियोजनाएं लाना चाहते हैं, जिनकी कीमत 3,000-5,000 रुपये प्रति वर्गफुट है।
  • 45 फीसदी डेवलपर रियल एस्टेट क्षेत्र में वृद्धि को लेकर सकारात्मक हैं।
  • 71 फीसदी डेवलपर का कहना है कि लोग अब निवेश करने के लिए रियल एस्टेट में पैसा लगा रहे हैं।

विस्तार

देश के आठ प्रमुख शहरों में इस साल की पहली छमाही यानी जनवरी-जून में मकानों की बिक्री 60 फीसदी बढ़कर 1,58,705 इकाई पहुंच गई। यह जनवरी-जून, 2013 के बाद बिक्री का 9 साल का उच्च स्तर है। उस दौरान कुल 1,85,577 मकान बिके थे। 2021 की समान छमाही में कुल 99,416 मकान बिके थे।

नाइटफ्रैंक इंडिया ने बुधवार को रिपोर्ट में कहा, खरीदारों की प्राथमिक जीवनशैली बेहतर करने की जरूरत, होम लोन पर कम ब्याज और महामारी पूर्व स्तर के मुकाबले कीमतों में कमी से मकानों की बिक्री में सालाना आधार पर 60% तेजी दर्ज की गई है। 

दिल्ली-एनसीआर में दोगुना बढ़ी बिक्री

  • दिल्ली-एनसीआर : जनवरी-जून छमाही में मकानों की बिक्री दोगुना बढ़कर 29,101 इकाई पहुंच गई।  
  • मुंबई : 55 फीसदी की वृद्धि के साथ कुल 44,200 मकान बिक।
  • बंगलुरू : बिक्री 14,812 इकाइयों से 80% बढ़कर 26,677 इकाई पहुंच गई।
  • पुणे : 21,797 मकान बिके, जो पिछले साल की समान अवधि से 25% ज्यादा हैं।
  • चेन्नई : बिक्री 21 फीसदी बढ़कर 6,951 इकाई पहुंच गई।

 

  • हैदराबाद : 23 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ कुल 14,693 मकान बिके।
  • कोलकाता : बिक्री 39 फीसदी बढ़कर 7,090 इकाई रही।
  • अहमदाबाद : 8,197 मकान बिके, जो 2021 की समान छमाही से 95 फीसदी ज्यादा है।


होम लोन महंगा होने पर भी एनसीआर में मकानों की बिक्री पर असर नहीं : क्रेडाई

रेपो दर में वृद्धि के कारण होम लोन महंगा होने से मकानों की बिक्री पर कोई असर नहीं पड़ा है। क्रेडाई के सर्वे के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर के 68 फीसदी डेवलपर ने कहा कि होम लोन महंगा होने के बावजूद बिक्री में कोई गिरावट नहीं दिख रही है। वहीं, 27 फीसदी ने बिक्री/पूछताछ में गिरावट की बात कही है। सर्वे में शामिल 82.5 फीसदी डेवलपर इस साल नई परियोजनाएं लॉन्च करने की तैयारी में हैं।

  • 76% से ज्यादा डेवलपर नई आवासीय परियोजनाएं लॉन्च करना चाहते हैं।
  • 50% डेवलपर किफायती आवासीय परियोजनाएं लाना चाहते हैं, जिनकी कीमत 3,000-5,000 रुपये प्रति वर्गफुट है।
  • 45 फीसदी डेवलपर रियल एस्टेट क्षेत्र में वृद्धि को लेकर सकारात्मक हैं।
  • 71 फीसदी डेवलपर का कहना है कि लोग अब निवेश करने के लिए रियल एस्टेट में पैसा लगा रहे हैं।



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