रोहित शर्मा युग में कितने नए चेहरे मौके पर लगा पाएंगे चौका?


विमल कुमार

विमल कुमार

रोहित शर्मा अब तीनों फॉर्मेट में टीम इंडिया के कप्तान हैं. इसके साथ ही भारतीय क्रिकेट में विराट युग अब पूरी तरह से खत्म हो गया है. चयनकर्ताओं ने श्रीलंका के खिलाफ जिस तरह से टीम का चयन किया है, उससे ये भी संकेत देने की कोशिश है कि घरेलू क्रिकेट में बेहतरीन खेल को अहमियत दी जा रही है. कुल मिलाकर देखा जाए तो चेतन शर्मा और उनके साथियों ने टेस्ट टीम के चयन में एक नये युग की शुरुआत कराने की कोशिश की है.

Source: News18Hindi
Last updated on: February 20, 2022, 11:38 AM IST

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रोहित शर्मा (Rohit Sharma) न सिर्फ अब तीनों फॉर्मेट में टीम इंडिया के कप्तान हैं, बल्कि मुख्य चयनकर्ता चेतन शर्मा के शब्दों पर यकीन किया जाए तो वो भारत के नंबर 1 खिलाड़ी है. ऐसा कहते हुए चेतन शर्मा ने शायद ये भी दर्शाने की कोशिश की है कि भारतीय क्रिकेट में विराट (Virat Kohli) युग अब पूरी तरह से खत्म हो गया है. विराट युग के खत्म होने के साथ साथ भारतीय क्रिकेट में टेस्ट क्रिकेट का एक स्वर्णिम युग भी समाप्त हो रहा है. अंजिक्य रहाणे और चेतेश्वर पुजारा के लिए भारत के लिए फिर से टेस्ट मैच खेलना उतना ही मुमकिन दिखता है जितना की कोहली का फिर से कप्तानी करते दिखना.

इतना ही नहीं भारतीय क्रिकेट के इतिहास में कपिल देव के बाद 100 से ज़्यादा मैच खेलने वाले सिर्फ दूसरे तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा (Ishant Sharma) की भी टेस्ट से ना चाहते हुए विदाई हो गयी है. ऋद्धिमान साहा के साथ भी चयनकर्ताओं ने यही नजरिया अपनाया है. जाहिर सी बात है कि इन सारे सीनियर खिलाड़ियों को बुरा लगा है और साहा ने सार्वजिनक तौर पर अपनी मायूसी का इजहार किया है. लेकिन, ये सब कुछ नया तो नहीं है. क्रिकेट तो ऐसे ही चलता है. महान से महान खिलाड़ियों को अपने सूर्यास्त का अंदाजा नहीं होता है.

दिलचस्‍प दौरे में भारतीय क्रिकेट

वैसे, भारतीय क्रिकेट भी अभी दिलचस्प दौर में चल रहा है. भले ही चयनकर्ताओं ने रोहित को हर फॉर्मेट का कप्तान बना दिया हो, लेकिन कप्तान के करीबी लोगों का ये दावा है कि रोहित खुद टेस्ट मैचों में कप्तानी करने के बेहद इच्छुक नहीं हैं. उनके मुताबिक रोहित हर साल आईपीएल के दौरान मुंबई इंडियंस के लिए 2 महीने की कप्तानी में अपनी ऊर्जा खर्च करते हैं और उसके बाद फिर भारत के लिए सफेद गेंद की कप्तानी और फिर टेस्ट क्रिकेट में बल्लेबाजी का दबाव. रोहित के साथ फिटनेस की अपनी समस्या है, लेकिन इसके बावजूद किसी खिलाड़ी का ये कहना कि वो टेस्ट क्रिकेट में कप्तानी नहीं करना चाहता है. अपने आप में अभूतपूर्व है. कप्तान ही नहीं अगर कोच को भी देखें तो राहुल द्रविड़ इस पद के लिए तैयार नहीं थे. मतलब, फिलहाल टीम इंडिया की कमान 2 ऐसे शख्सों के हाथ में हैं जो इस जॉब के लिए दिली तौर पर इच्छुक नहीं थे.

केएल राहुल टेस्‍ट क्रिकेट का भविष्‍य!

ये तय है कि 2023 के वर्ल्ड कप में रोहित के हाथों में सीमित ओवर टीम की कमान रहेगी, लेकिन साथ ही ये भी साफ दिख रहा है कि केएल राहुल ही टेस्ट क्रिकेट में भविष्य के कप्तान के तौर पर दिख रहें हैं. लेकिन, उनके लिए भी रास्ता इतना आसान नहीं होगा. श्रीलंका के खिलाफ सीरीज में जसप्रीत बुमराह को उपकप्तान की जिम्मेदारी देना ये भी दिखाता है कि शायद कपिल देव के बाद पहली बार किसी भारतीय तेज गेंदबाज को भविष्य के लीडर के तौर पर भी देखा जा रहा है.

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घरेलू क्रिकेट के प्रदर्शन को अहमियत

सौरव कुमार को टीम में शामिल करके चयनकर्ताओं ने ये भी संकेत देने की कोशिश है कि घरेलू क्रिकेट में बेहतरीन खेल को अहमियत दी जा रही है. यही बात गुजरात के ओपनर प्रियांक पांचाल के टीम में होने पर कही जा सकती है, जो साउथ अफ्रीका के दौर पर तीसरे ओपनर के तौर पर गये थे. पांचाल को शायद अब भी टेस्ट क्रिकेट खेलने का मौका ना मिले, लेकिन एक खिलाड़ी जिसे निश्चित तौर पर आने वाले वक्त में मौके मिलेंगे वो हैं विकेटकीपर केएस भारत. इस खिलाड़ी को कोच राहुल द्रविड़ काफी अहमियत देते हैं और इसलिए उन्होंने साहा को ये कहने तक में हिचक नहीं दिखाई कि उनके लिए संन्यास का वक्त तक आ गया है.

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प्रयोग के लिए बेहतर सालश्रीलंका के खिलाफ 2 टेस्ट मैचों की सीरीज अगर भविष्य के किसी एक खिलाड़ी के लिए सबसे ज़्यादा अहम साबित हो सकती है कि तो वो हैं हनुमा विहारी. अब मिडिल ऑर्डर में ना तो रहाणे होंगे और ना ही पुजारा. ऐसे में विहारी को इस बात की चिंता नहीं करनी होगी कि उन्हें भारत में टेस्ट खेलने नहीं मिलेगा. विहारी ने अब तक अपने छोटे से करियर में दिखाया है कि भारतीय क्रिकेट उन पर भरोसा कर सकता है. कुल मिलाकर देखा जाए तो चेतन शर्मा और उनके साथियों ने टेस्ट टीम के चयन में एक नये युग की शुरुआत कराने की कोशिश की है. चूंकि इस साल भारत को सिर्फ 5 टेस्ट खेलने है जिसमें से सिर्फ एक चुनौतीपूर्ण(इंग्लैंड में) ही है तो प्रयोग के लिए इससे बेहतर साल और मौका तो हो नहीं सकता था. लेकिन, कितने खिलाड़ी इस मौके पर चौका लगा पायेंगे ये देखना काफी दिलचस्प होगा.

(डिस्क्लेमर: ये लेखक के निजी विचार हैं. लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता/सटीकता के प्रति लेखक स्वयं जवाबदेह है. इसके लिए News18Hindi किसी भी तरह से उत्तरदायी नहीं है)


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न्यूज़18 इंडिया के पूर्व स्पोर्ट्स एडिटर विमल कुमार करीब 2 दशक से खेल पत्रकारिता में हैं. Social media(Twitter,Facebook,Instagram) पर @Vimalwa के तौर पर सक्रिय रहने वाले विमल 4 क्रिकेट वर्ल्ड कप और रियो ओलंपिक्स भी कवर कर चुके हैं.

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First published: February 20, 2022, 11:36 AM IST



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