जवानों की कमी: सुरक्षा नहीं बल्कि घरेलू कामों के लिए कई वीवीआईपी घरों में मौखिक आदेश पर तैनात हैं सैकड़ों CRPF कर्मी


सार

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पूर्व उप प्रधानमंत्री आडवाणी के घर 12 मार्च 2015 को तीन सीआरपीएफ के जवान भेजे गए थे। इसके लिए बल मुख्यालय की एस्टेब्लिशमेंट ब्रांच के डीआईजी की ओर से सिग्नल जारी किया गया था। पूर्व केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर को भी तीन जवान मुहैया कराए गए हैं। खास बात है कि ये तीनों जवान बिना किसी लिखित आदेश के भेजे गए हैं…

सीआरपीएफ सुरक्षा
– फोटो : Agency (for reference only)

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देश के सबसे बड़े केंद्रीय अर्धसैनिक बल सीआरपीएफ की कई यूनिटों में भले ही स्टाफ की दिक्कत हो, लेकिन वीवीआईपी के घरों पर इस बल के जवानों की तैनाती में कमी नहीं आई है। खास बात ये है कि इन जवानों को वर्षों से बगैर किसी लिखित आदेश के मौखिक तौर पर ऐसे वीवीआईपी नेताओं के घर तैनात कर दिया गया है, जहां उनका काम ड्राइवर, कुक या निजी सहायक का होकर रह गया है।

सीआरपीएफ जवानों को अपना सहायक, ड्राइवर, कुक या अन्य किसी काम से घर पर रखने वाले वीवीआईपी नेताओं की सूची में मौजूदा केंद्रीय मंत्री, पूर्व मंत्री, केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारी के अलावा आरपीएफ के डीजी, सीआरपीएफ के पूर्व डीजी, एसडीजी, एडीजी, आईजी और डीआईजी के साथ साथ चंडीगढ़ पुलिस के डीजी तक शामिल हैं। पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी के घर पर भी 12 मार्च 2015 से तीन सीआरपीएफ कर्मी तैनात हैं। इन्हें एस्टेब्लिशमेंट ब्रांच के डीआईजी के कहने पर भेजा गया था। इसके अलावा 51 सीआरपीएफ कर्मी ऐसे हैं, जो अपनी पोस्टिंग वाली जगह से किसी दूसरी यूनिट या इकाई में भेज दिए गए हैं। इनमें से कुछ जवानों के अटैचमेंट या तैनाती को पांच साल से ज्यादा समय हो गया है।

पूर्व डिप्टी पीएम व केंद्रीय मंत्री के पास सीआरपीएफ

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पूर्व उप प्रधानमंत्री आडवाणी के घर 12 मार्च 2015 को तीन सीआरपीएफ के जवान भेजे गए थे। इसके लिए बल मुख्यालय की एस्टेब्लिशमेंट ब्रांच के डीआईजी की ओर से सिग्नल जारी किया गया था। तीन जवानों में सामान्य ड्यूटी वाले सिपाही प्रदीप कुमार, नरेंद्र कुमार और जीडी पंजा शामिल हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर को भी तीन जवान मुहैया कराए गए हैं। खास बात है कि ये तीनों जवान बिना किसी लिखित आदेश के भेजे गए हैं। इन जवानों की रवानगी आदेश में ‘मौखिक आदेश’ लिखा है। इन कर्मियों में बी. बालकृष्णनैया, अशोक कुमार और एनएस बेहरा शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस अमिताभ राय को आईजीपी एनएस के सिग्नल पर 2015 से एक कर्मी मुहैया कराया गया है। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को मौखिक आदेश से एक कर्मी प्रदान किया गया है।

डीजी/एसडीजी/एडीजी की सूची तो काफी लंबी है

सीआरपीएफ के पूर्व डीजी आरआर भटनागर को जवान मुहैया कराने के लिए 24 जुलाई 2019 को प्रशासनिक शाखा से आदेश जारी हुआ था। जेएस (डीएम), नॉर्थ ब्लॉक को एक कर्मी, संयुक्त सचिव, पुलिस ‘एमएचए’ को एक कर्मी और जेएस (पीपी) डिविजन एमएचए को भी एक कर्मी प्रदान किया गया है। इनके लिए गृह मंत्रालय की तरफ से आदेश जारी हुए थे। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला को भी एक सीआरपीएफ कर्मी गृह मंत्रालय द्वारा प्रदान किया गया है। दिवंगत एडीजी जावेद अख्तर के घर पर मौखिक आदेशों से चार कर्मी भेजे गए हैं। ये आदेश 2017, 2018, 2021 व 2017 में दिए गए थे। आरके मिश्रा, पूर्व आईजी के पास एक कर्मी मौखिक आदेश से भेजा गया है। विजय कुमार, आईपीएस आईजी जेकेपी के पास भी मौखिक आदेश से एक कर्मी तैनात किया गया है। प्रकाश मिश्रा, पूर्व डीजी सीआरपीएफ को 2020 से एक कर्मी मौखिक आदेश से प्रदान किया गया है। राजेश प्रताप सिंह, पूर्व एसडीजी सीआरपीएफ को 2020 से एक कर्मी मौखिक आदेश पर मिला है।

पूर्व आईपीएस के लिए जारी हुए अधिकांश मौखिक आदेश

पूर्व डीजी सीआरपीएफ विक्रम श्रीवास्तव ने 2021 से मौखिक आदेश पर सीआरपीएफ जवान को अपने घर पर रखा है। पूर्व डीजी सीआरपीएफ एसआईएस अहमद को 2021 से मौखिक आदेश पर यह सुविधा मिली है। आईपीएस एडीजीपी (रिटायर्ड) किशोर झा को एक कर्मी नई दिल्ली रेंज के सिग्नल द्वारा प्रदान किया गया है। शशिकांत उपाध्याय डीआईजीपी बीपीआरएंडडी को मौखिक आदेश पर एक कर्मी, प्रवीर रंजन, डीजीपी चंडीगढ़ को मौखिक आदेश पर एक कर्मी, विजय कुमार आईपीएस आईजी जेकेपी को एक कर्मी मौखिक आदेश पर, आरपी सिंह, पूर्व एडीजी को डीआईजी सिग्नल पर एक कर्मी, आरके पचनंदा पूर्व एडीजी को मौखिक आदेश से दो कर्मी, आरपी सिंह, पूर्व एडीजी को मौखिक आदेश से एक कर्मी, ओपी मलिक पूर्व एडीजी को एक कर्मी, अतुल करवाल, पूर्व एडीजी को एक कर्मी मौखिक आदेश से, एमवी कौशल पूर्व डीजी सीआरपीएफ को एक कर्मी मौखिक आदेश से और पंकज कुमार पूर्व एडीजी को एक कर्मी मौखिक आदेश से प्रदान किया गया है।     

इस तरह की तैनाती में नियमों का पालन होता है: आईजी (प्रशासन)   

हालांकि ये सूची काफी लंबी चौड़ी है। हालांकि आईजी (प्रशासन) अंशुमन यादव कहते हैं कि ऐसी तैनाती नियमों के अनुसार होती है। बल द्वारा किसी नियम का उल्लंघन नहीं किया जाता। इस सूची के तहत कुछ और ऐसी मौखिक नियुक्तियों में पूर्व डीजी जेके सिन्हा को भी एक कर्मी दिया गया है। आरपीएफ के डीजी संजय चंद्रा को एक कर्मी आईजी एनएस सिग्नल से, एमओएस में ओएसडी राजीव कुमार को डीआईजी के सिग्नल पर एक कर्मी, एके सिंह, पूर्व एडीजी रिटायर्ड को मौखिक आदेश से दो कर्मी प्रदान किए गए हैं। सीआरपीएफ के एक अन्य पूर्व डीजी और पूर्व एडीजी को भी मौखिक आदेश से स्टाफ मुहैया कराया गया है। इसके अलावा 51 सीआरपीएफ कर्मी ऐसे हैं, जो अपनी पोस्टिंग वाली जगह से किसी दूसरी यूनिट या इकाई में भेजे गए हैं। इन्हें इस तरह की अटैचमेंट ड्यूटी पर गए लंबा समय हो गया है। इनमें से कुछ जवान दूसरी जगह अटैच किए गए हैं। कई जवान विभिन्न इकाइयों या अफसरों के पास हैं। पांचवीं बटालियन में 11 कर्मी अटैच किए गए हैं। 21 पर्सनल, 55 बटालियन, 70 बटालियन, 122 बटालियन व 194 आरएएफ में भी जवानों की तैनाती हुई है।

विस्तार

देश के सबसे बड़े केंद्रीय अर्धसैनिक बल सीआरपीएफ की कई यूनिटों में भले ही स्टाफ की दिक्कत हो, लेकिन वीवीआईपी के घरों पर इस बल के जवानों की तैनाती में कमी नहीं आई है। खास बात ये है कि इन जवानों को वर्षों से बगैर किसी लिखित आदेश के मौखिक तौर पर ऐसे वीवीआईपी नेताओं के घर तैनात कर दिया गया है, जहां उनका काम ड्राइवर, कुक या निजी सहायक का होकर रह गया है।

सीआरपीएफ जवानों को अपना सहायक, ड्राइवर, कुक या अन्य किसी काम से घर पर रखने वाले वीवीआईपी नेताओं की सूची में मौजूदा केंद्रीय मंत्री, पूर्व मंत्री, केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारी के अलावा आरपीएफ के डीजी, सीआरपीएफ के पूर्व डीजी, एसडीजी, एडीजी, आईजी और डीआईजी के साथ साथ चंडीगढ़ पुलिस के डीजी तक शामिल हैं। पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी के घर पर भी 12 मार्च 2015 से तीन सीआरपीएफ कर्मी तैनात हैं। इन्हें एस्टेब्लिशमेंट ब्रांच के डीआईजी के कहने पर भेजा गया था। इसके अलावा 51 सीआरपीएफ कर्मी ऐसे हैं, जो अपनी पोस्टिंग वाली जगह से किसी दूसरी यूनिट या इकाई में भेज दिए गए हैं। इनमें से कुछ जवानों के अटैचमेंट या तैनाती को पांच साल से ज्यादा समय हो गया है।

पूर्व डिप्टी पीएम व केंद्रीय मंत्री के पास सीआरपीएफ

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पूर्व उप प्रधानमंत्री आडवाणी के घर 12 मार्च 2015 को तीन सीआरपीएफ के जवान भेजे गए थे। इसके लिए बल मुख्यालय की एस्टेब्लिशमेंट ब्रांच के डीआईजी की ओर से सिग्नल जारी किया गया था। तीन जवानों में सामान्य ड्यूटी वाले सिपाही प्रदीप कुमार, नरेंद्र कुमार और जीडी पंजा शामिल हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर को भी तीन जवान मुहैया कराए गए हैं। खास बात है कि ये तीनों जवान बिना किसी लिखित आदेश के भेजे गए हैं। इन जवानों की रवानगी आदेश में ‘मौखिक आदेश’ लिखा है। इन कर्मियों में बी. बालकृष्णनैया, अशोक कुमार और एनएस बेहरा शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस अमिताभ राय को आईजीपी एनएस के सिग्नल पर 2015 से एक कर्मी मुहैया कराया गया है। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को मौखिक आदेश से एक कर्मी प्रदान किया गया है।

डीजी/एसडीजी/एडीजी की सूची तो काफी लंबी है

सीआरपीएफ के पूर्व डीजी आरआर भटनागर को जवान मुहैया कराने के लिए 24 जुलाई 2019 को प्रशासनिक शाखा से आदेश जारी हुआ था। जेएस (डीएम), नॉर्थ ब्लॉक को एक कर्मी, संयुक्त सचिव, पुलिस ‘एमएचए’ को एक कर्मी और जेएस (पीपी) डिविजन एमएचए को भी एक कर्मी प्रदान किया गया है। इनके लिए गृह मंत्रालय की तरफ से आदेश जारी हुए थे। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला को भी एक सीआरपीएफ कर्मी गृह मंत्रालय द्वारा प्रदान किया गया है। दिवंगत एडीजी जावेद अख्तर के घर पर मौखिक आदेशों से चार कर्मी भेजे गए हैं। ये आदेश 2017, 2018, 2021 व 2017 में दिए गए थे। आरके मिश्रा, पूर्व आईजी के पास एक कर्मी मौखिक आदेश से भेजा गया है। विजय कुमार, आईपीएस आईजी जेकेपी के पास भी मौखिक आदेश से एक कर्मी तैनात किया गया है। प्रकाश मिश्रा, पूर्व डीजी सीआरपीएफ को 2020 से एक कर्मी मौखिक आदेश से प्रदान किया गया है। राजेश प्रताप सिंह, पूर्व एसडीजी सीआरपीएफ को 2020 से एक कर्मी मौखिक आदेश पर मिला है।

पूर्व आईपीएस के लिए जारी हुए अधिकांश मौखिक आदेश

पूर्व डीजी सीआरपीएफ विक्रम श्रीवास्तव ने 2021 से मौखिक आदेश पर सीआरपीएफ जवान को अपने घर पर रखा है। पूर्व डीजी सीआरपीएफ एसआईएस अहमद को 2021 से मौखिक आदेश पर यह सुविधा मिली है। आईपीएस एडीजीपी (रिटायर्ड) किशोर झा को एक कर्मी नई दिल्ली रेंज के सिग्नल द्वारा प्रदान किया गया है। शशिकांत उपाध्याय डीआईजीपी बीपीआरएंडडी को मौखिक आदेश पर एक कर्मी, प्रवीर रंजन, डीजीपी चंडीगढ़ को मौखिक आदेश पर एक कर्मी, विजय कुमार आईपीएस आईजी जेकेपी को एक कर्मी मौखिक आदेश पर, आरपी सिंह, पूर्व एडीजी को डीआईजी सिग्नल पर एक कर्मी, आरके पचनंदा पूर्व एडीजी को मौखिक आदेश से दो कर्मी, आरपी सिंह, पूर्व एडीजी को मौखिक आदेश से एक कर्मी, ओपी मलिक पूर्व एडीजी को एक कर्मी, अतुल करवाल, पूर्व एडीजी को एक कर्मी मौखिक आदेश से, एमवी कौशल पूर्व डीजी सीआरपीएफ को एक कर्मी मौखिक आदेश से और पंकज कुमार पूर्व एडीजी को एक कर्मी मौखिक आदेश से प्रदान किया गया है।     

इस तरह की तैनाती में नियमों का पालन होता है: आईजी (प्रशासन)   

हालांकि ये सूची काफी लंबी चौड़ी है। हालांकि आईजी (प्रशासन) अंशुमन यादव कहते हैं कि ऐसी तैनाती नियमों के अनुसार होती है। बल द्वारा किसी नियम का उल्लंघन नहीं किया जाता। इस सूची के तहत कुछ और ऐसी मौखिक नियुक्तियों में पूर्व डीजी जेके सिन्हा को भी एक कर्मी दिया गया है। आरपीएफ के डीजी संजय चंद्रा को एक कर्मी आईजी एनएस सिग्नल से, एमओएस में ओएसडी राजीव कुमार को डीआईजी के सिग्नल पर एक कर्मी, एके सिंह, पूर्व एडीजी रिटायर्ड को मौखिक आदेश से दो कर्मी प्रदान किए गए हैं। सीआरपीएफ के एक अन्य पूर्व डीजी और पूर्व एडीजी को भी मौखिक आदेश से स्टाफ मुहैया कराया गया है। इसके अलावा 51 सीआरपीएफ कर्मी ऐसे हैं, जो अपनी पोस्टिंग वाली जगह से किसी दूसरी यूनिट या इकाई में भेजे गए हैं। इन्हें इस तरह की अटैचमेंट ड्यूटी पर गए लंबा समय हो गया है। इनमें से कुछ जवान दूसरी जगह अटैच किए गए हैं। कई जवान विभिन्न इकाइयों या अफसरों के पास हैं। पांचवीं बटालियन में 11 कर्मी अटैच किए गए हैं। 21 पर्सनल, 55 बटालियन, 70 बटालियन, 122 बटालियन व 194 आरएएफ में भी जवानों की तैनाती हुई है।

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