Hydroponics Technique: नहीं होगी मिट्टी की जरूरत, इस तकनीक से सिर्फ पानी या कंकड़ से की जा सकती है खेती


आपने हाइड्रोपोनिक्स तकनीक (Hydroponics Technique) के विषय में सुना होगा जिसे आमतौर पर आप एक्वाकल्चर (Aqaculture) और न्यूट्रीकल्चर (Nutriculture) के रूप में भी जानते हैं। वर्तमान में मिट्टी की गुणवत्ता लगातार गिर रही है जिससे एग्रीक्लचर और फसलों की गुणवत्ता में कमी आ रही है। इन सब चीजों को देखते हुए पिछले कुछ सालों में भारत में खेती की नई-नई तकनीकें सामने आई हैं। नई तकनीकों को अपनाने के क्रम में लोग आजकल अपने छत पर ही किचन गार्डेन बना कर फल और सब्जियां उगा रहे हैं। इस क्रम में हाइड्रोपोनिक फार्मिंग काफी उपयुक्त तकनीक है। आइए जानते हैं कि क्या है हाइड्रोपोनिक फार्मिंग तकनीक और यह किन मायनों में फायदेमंद है।

क्या है हाइड्रोपोनिक्स तकनीक? (What Is Hydroponics Technique?)
हाइड्रोपोनिक्स का अर्थ है मिनिरल न्यूट्रियंट साल्यूशन की मदद से बिना मिट्टी के फसल उगाना। यानी जिस तरह की तकनीक से खेती में मिट्टी का प्रयोग नहीं किया जाता वह हाइड्रोपोनिक्स कहलाता है। इस तरह की खेती केवल पानी या बालू और कंकड़ में की जाती है। जानकारी के अनुसार इस तकनीक से खेती करने के लिए लगभग 15 से 30 डिग्री तापमान की आवश्यकता होती है। इसमें 80 से 85 प्रतिशत नमी वाली जलवायु में सफलतापूर्वक खेती की जा सकती है। हाइड्रोपोनिक सिस्टम में हम जिन पोषक तत्वों का उपयोग करते हैं, वे विभिन्न स्रोतों जैसे मछली के वेस्ट, कैमिकल फर्टीलाईज़र और बत्तख की खाद से आ सकते हैं।

इस तकनीक की मदद से खेती करने के लिए आपको ज्यादा जगह की जरूरत नहीं होती। आप अपनी सुविधा के अनुसार घर के किसी कोने या छत पर इसकी मदद से फसल उगा सकते हैं। इसकी शुरुआत एक या दो प्लांट सिस्टम से भी की जा सकती है या फिर बड़े स्तर पर 10 से 15 प्लांट सिस्टम भी लगाया जा सकता है। इसके जरिये गोभी, पालक, तुलसी, शिमला मिर्च, इत्यादि कई सब्जियों और फलों को उगाया जा सकता है।

हाइड्रोपोनिक्स तकनीक के लाभ (Benefits Of Hydroponics)

बिना मिट्टी के खेती

इस तकनीक से खेती करने के लिए मिट्टी की जरूरत नहीं होती। आप कहीं भी अपने पसंद की फल या सब्जी उगा सकते हैं।

कम क्षेत्र में खेती

अगर आप खेती करना चाहते हैं और आपके पास जगह की कमी है तो यह तकनीक आपके बेहद काम आएगी। इसकी मदद से आप छत पर या बालकनी जैसी संकीर्ण जगह पर भी फल या सब्जी उगा सकते हैं।

पानी की बचत
इस तकनीक से उगाए गए फसलों को मिट्टी के मुकाबले कम पानी की जरूरत होती है।

बेहतर विकास दर

मिट्टी से होने वाली खेती में पोषक त्तवों पर हमारा नियंत्रण नहीं होता इसीलिए उसकी ग्रोथ उतनी बेहतर नहीं होती। लेकिन हाइड्रोपोनिक तकनीक से हम पोषक त्तवों को नियंत्रित कर पाते हैं और फसल की गुणवत्ता को बढ़ा पाते हैं।

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