Sehat Ki Baat. कोरोना महामारी की तीसरी लहर लेकर आए सुपर स्प्रेडर ओमिक्रॉन वैरिएंट को भले ही माइल्ड वायरस बताया जा रहा हो, लेकिन इस लहर में बीती दो लहरों की अपेक्षा आईसीयू में भर्ती होने वालेे कोिवड पॉजिटिव मरीजों की संख्या में बड़ा इजाफा हुआ है. मैक्स हेल्थकेयर की एक स्टडी के अनुसार, तीसरी लहर बीती दो लहरों की अपेक्षा जहां 12 फीसदी तक आईसीयू एडमिशन बड़े हैं, वहीं मृत्यु दर में करीब 4.5 फीसदी तक की कमी आई है.
उल्लेखनीय है कि मैक्स5 हेल्थकेयर ने तीसरी लहर की शुरुआत से 20 जनवरी, 2022 तक ग्रुप के सभी अस्पतालों में भर्ती किए गए कोविड रोगियों का तुलनात्मक अध्ययन किया है. मैक्स ग्रुप के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. संदीप बुद्धिराजा के नेतृत्व में हुए इस अध्ययन में बीती दो लहरों के दौरान कोरोना पॉजिटिव मरीजों के एडमिशन, आईसीयू आवश्यकता, आक्सीजन की आवश्यकता और मृत्यु दर की तुलना मौजूदा लहर की चिकित्सीय जरूरतों से की गई है.
हॉस्पिटल में बेड की उपलब्धता
स्टडी में बताया गया है कि पिछले साल दूसरी लहर के दौरान जिस दिन दिल्ली शहर में 28 हजार पॉजिटिव केस दर्ज किए गए थे, उस दिन राजधानी के लगभग सभी अस्तपताल भरे हुए थे और आईसीयू का एक भी बेड उपलब्ध नहीं था . वहीं बीती लहर की तुलना में इस वर्ष, जब राजधानी ने एक ही दिन में अपने उच्चतम लगभग 28,000 पॉजिटिव केस दर्ज किए, तब भी मैक्स हेल्थकेयर के पूरे हॉस्पिटल नेटवर्क में पर्याप्त संख्या में कोविड बेड उपलब्ध थे. इस लहर में, बीती दो लहरों की अपेक्षा एडमिशन की जरूरत कम देखी गई है.
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ऑक्सीजन की आवश्यकता
कोरोना की पहली और दूसरी लहर में मैक्स हेल्थ केयर ग्रुप में ऑक्सीजन की कुल आवश्यकता क्रमश: 63% और 74% थी।, जबकि मौजूदा लहर में यह घट कर 23.4% तक आ गई है.
कुल एडमिशन | आईसीयू एडमीशन | मृत्यु | ऑक्सीजन पर मरीज | वेंटिलेटर | |
पहली लहर | 20,883 | 35% | 7.2% | 63% | 18% |
दूसरी लहर | 12,444 | 34% | 10.5% | 74% | 19% |
तीसरी लहर | 1378 | 45.9% | 6% (82) | 23.4% | 13.2% |
आईसीयू बेड की आवश्यकता
मैक्स हेल्थकेयर के अंतर्गत आने वाले हॉस्पिटल की बात करें तो बीती दो लहरों की अपेक्षा आईसीयू बेड की जरूरत में इजाफा हुआ है. स्टडी के अनुसार, पहली लहर में जहां भर्ती हुए कुल मरीजों में 35 फीसदी मरीजों को आईसीयू में भर्ती करना पड़ा था, दूसरी लहर में यह आंकड़ा करीब 34 फीसदी था. वही तीसरी लहर में भर्ती किए गए कुल मरीजों में 45.9% फीसदी मरीजों को आईसीयू में भर्ती करना पड़ा. यहां सुकून की बात सिर्फ इतनी है कि बीते दो लहरों की अपेक्षा तीसरी लहर में कोविड पॉजिटिव मरीजों का स्टडी सैंपल बहुत छोटा है.
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मृत्यु दर
कोविड की पहली लहर में समग्र मृत्यु दर 7.2% थी, जबकि दूसरी लहर में यह बढ़कर 10.5% हो गई. तीसरी लहर में 20 जनवरी, 2022 तक कोरोना मरीजों की मृत्युदर 6% मृत्यु दर दर्ज की है. हालांकि, स्टडी में इस बात का जिक्र किया गया है कि पिछले 10 दिनों में भर्ती होने वाले रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है और दैनिक मृत्यु का आंकड़ा बढ़ रहा है. इस बीच, सुकून की बात यह है कि ओमाइक्रोन वैरिएंट के माइल्ड होने की वजह से कम संख्या में कोविड पॉजिटिव मरीजों को हॉस्पिटल में भर्ती करने की जरूरत पड़ रही है.
वैक्सिनेशन का असर
स्टडी में पाया गया कि कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लेने वाले मरीजों में बेहद साधारण लक्षण देखे गए है. वहीं, मैक्स हेल्थकेयर के अंतर्गत आने वाले हॉस्पिटल में अब तक जिन 82 मरीजों की मृत्यु हुई है, उनमें 60% मरीज वैक्सिनेटेड नहीं थे. इसके अलावा, जान गंवाने वाले मरीजों में बड़ा प्रतिशत 70 वर्ष से अधिक ऐसे बुजुर्ग थे, जो किडनी रोग, हृदय रोग, मधुमेह, कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से लड़ रहे थे.
वेंटिलेटर पर 18 साल से कम उम्र के बच्चे
स्टडी में उल्लेख किया गया है कि मैक्स हेल्थकेयर नेटवर्क हॉस्पिटल में 18 वर्ष से कम उम्र वाले 41 कोविड पॉजिटिव बच्चों को भर्ती कराया है. इनमें, सात का इलाज पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट और दो का इजाल वेंटिलेटर पर चल रहा था.
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