अवैध फोन टैपिंग: NSE की पूर्व CEO चित्रा रामकृष्ण गिरफ्तार, ED को मिली 4 दिन की रिमांड


हाइलाइट्स

प्रवर्तन निदेशालय ने NSE की पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्ण को गिरफ्तार कर लिया है.
ईडी ने प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की आपराधिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था.
हाल ही में दर्ज हुई FIR में सीबीआई ने गंभीर आरोप लगाए थे.

नई दिल्ली. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्ण को गिरफ्तार कर लिया. कोर्ट से ED को चार दिन की रिमांड भी दी है. इससे पहले ED ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त संजय पांडे, चित्रा रामकृष्ण, और रवि नारायण के खिलाफ अवैध फोन टैपिंग मामले और स्टॉक एक्सचेंज के कर्मचारियों की जासूसी के मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया.

ईडी ने प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA), 2002 की आपराधिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है. ईडी ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा बुक किए जाने के एक सप्ताह बाद चित्रा रामकृष्ण, रवि नारायण और संजय पांडे के खिलाफ मामला दर्ज किया है.

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FIR में क्या-क्या हैं आरोप
लाइव मिंट की एक खबर के अनुसार, हाल में ही दर्ज की गई FIR में सीबीआई ने आरोप लगाया था कि रवि नारायण और चित्रा रामकृष्ण ने स्टॉक मार्केट के कर्मचारियों के फोन कॉल्स को अवैध रूप से इंटरसेप्ट करने के लिए मुंबई के सेवानिवृत्त पुलिस आयुक्त संजय पांडे द्वारा स्थापित एक कंपनी iSEC सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड को शामिल किया था.

एफआईआर में यह आरोप भी लगाया गया कि संजय पांडे की कंपनी को कथित तौर पर स्टॉक एक्सचेंज के कर्मचारियों के फोन टैप करने के लिए ₹4.45 करोड़ का भुगतान प्राप्त हुआ था. कहा गया है कि फोन टैपिंग को NSE में “साइबर कमजोरियों के आवधिक अध्ययन” (Periodic Study of Cyber Vulnerabilities) के रूप में छिपाया गया था.

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साथ ही यह आरोप भी लगाया गया है कि सिर्फ फोन टैपिंग ही नहीं, संजय पांडे की कंपनी ने शेयर बाजार के सीनियर मैनेजमेंट को टेप की गई बातचीत के टेप भी उपलब्ध कराए.

अवैध रूप से मशीनें लगाकर टेप किए फोन
CBI ने अपने एक बयान में कहा था, “… NSE के टॉप अधिकारियों ने उक्त निजी कंपनी के पक्ष में समझौता और कार्य आदेश जारी किया और भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम के प्रावधानों के उल्लंघन में, मशीनें लगाकर अपने कर्मचारियों के फोन कॉल को अवैध रूप से इंटरसेप्ट किया.” और “इस मामले में एनएसई के कर्मचारियों की भी सहमति नहीं ली गई.”

जांच एजेंसी ने FIR में संजय पांडे, उनकी दिल्ली स्थित कंपनी, NSE के पूर्व एमडी और सीईओ नारायण और रामकृष्ण, एग्जिक्यूटिव वाइस प्रेजिडेंट रवि वाराणसी और हेड (परिसर) महेश हल्दीपुर को नामजद किया था.

Tags: Business news, Directorate of Enforcement, NSE

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