आयकर विभाग देता है 7 तरह के रिटर्न फॉर्म, किस आमदनी के लिए भरना होगा कौन सा फॉर्म, एक्‍सपर्ट से समझिए


 ITR Filing: जिन लोगों ने अभी तक इनकम टैक्स फाइल नहीं किया है उनके पास अब मात्र 8 दिन बचे हैं. आईटीआर फाइल करने की लास्ट डेट 31 जुलाई है. अब आप जितना लेट करेंगे इनकम टैक्स की साइट पर उतनी ही ट्रैफिक बढ़ेगी. इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि सही फॉर्म का चयन करें. गलत फॉर्म भरने पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) आपके रिटर्न को रिजेक्ट कर सकता है.

इनकम टैक्स रिटर्न के 7 तरह के फॉर्म होते हैं. आय के हिसाब से फॉर्म का चयन किया जाता है. इसके बारे में आप अपने एक्सपर्ट्स या सीए से संपर्क करके जान सकते हैं कि आप को कौन सा फॉर्म चुनना है. आइए यहां हम फॉर्म को लेकर चर्चा करते हैं.

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ITR-1: अगर आप भारतीय नागरिक हैं और आपकी इनकम 50 लाख रुपए तक है तो यह फॉर्म आपके लिए है. आमदनी के स्रोत के रूप में सैलरी, फैमिली पेंशन, एक आवासीय संपत्ति जैसे सोर्स होने चाहिए. लॉटरी या रेस कोर्स से हुई आय इस कैटेगरी में नहीं आती है. अगर आपकी खेती है और आय 5,000 रुपये तक है तो आप आईटीआर-1 फॉर्म का इस्तेमाल कर सकते हैं. अगर आप कंपनी में डायरेक्टर हैं या किसी अनलिस्टेड कंपनी में उसके शेयर हैं, तो वह आईटीआर-1 नहीं भर सकता है.

ITR-2: आईटीआर फॉर्म 2 ऐसे इंडिविजुअल और अविभाजित हिंदू परिवारों के लिए है, जिनकी आय 50 लाख रुपये से ज्यादा है. इसके तहत एक से ज्यादा आवासीय संपत्ति, इन्वेस्टमेंट पर हुए कैपिटल गेन या लॉस, 10 लाख रुपये से ज्यादा की डिविडेंड इनकम और खेती से हुई 5000 रुपये से ज्यादा की कमाई की जानकारी देनी होती है. अगर प्रॉविडेंट फंड से ब्याज के तौर पर कमाई हो रही है, तब भी यही फॉर्म भरा जाता है.

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ITR-3: अगर आप बिजनेस करते हैं या किसी प्रोफेशन से इनकम कर रहे हैं तो यह फॉर्म आपके लिए है. इसमें ब्याज, सैलरी, बोनस से आमदनी, कैपिटल गेन, एक से ज्यादा प्रॉपर्टी से किराए की इनकम होती है.

ITR-4: इंडिविजुअल और HUF (हिंदू अविभाजित परिवार) लोग जिनको बिजनस, प्रोफेशन (डॉक्टर, वकील आदि) के जरिए आमदनी हो रही है. ऐसे लोगों के लिए फॉर्म 4 भरना होता है.

ITR-5: आईटीआर 5 उन संस्थाओं को भरना होता है, जिन्होंने खुद को फर्म, LLPs, AOPs, BOIs के रूप में रजिस्टर्ड करा रखा है.

ITR-6: आईटीआर 6 उन कंपनियों के लिए होता है जिन्हें इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 11 के तहत छूट नहीं मिलती है. आईटीआर 6 ऑनलाइन भरा जा सकता है.

ITR-7: आईटीआर 7 फॉर्म ऐसे लोगों या कंपनियों के लिए है, जो सेक्शन 139(4A) या सेक्शन 139(4B) या सेक्शन 139(4C) या सेक्शन 139(4D) के तहत रिटर्न दाखिल करते हैं.

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