हाल के दिनों में देश भर में कोरोना वायरस (Coronavirus) मामलों की संख्या में तेजी देखी गई है. संक्रमण के मामलों में ये तेजी ठीक उसी वक्त देखी गई, जिस वक्त पिछले साल देश कोरोना की खतरनाक दूसरी लहर से जूझ रहा था. भारत में लंबे समय तक लगातार गिरावट के बाद अब रोजाना कोरोना के मामलों में 90% की खतरनाक बढ़ोतरी देखी जा रही है. लगातार बढ़ते कोरोना के मामलों की संख्या हम में से कुछ लोगों के लिए एंग्जाइटी (Anxiety) का कारण बन सकती है, क्योंकि हमारे जहन में फिर से वहीं मंजर दिखाई देने लगता है, अस्पातालों में बेड की दिक्कत, ऑक्सीजन की कमी, लॉकडाउन की वजह से जाती नौकरियां. इसलिए ऐसे समय में ये जरूरी है कि हम अपनी फिजिकल हेल्थ के साथ साथ मेंटल हेल्थ पर भी ध्यान दें. क्योंकि बहुत ज्यादा स्ट्रेस भी आपकी इम्यूनिटी को प्रभावित कर सकता है और आपको वायरस को पकड़ने के लिए अधिक संवेदनशील बना सकता है. ऐसे में इस टेंशन भरे टाइम से निपटने में मेडिटेशन (Meditation) और माइंडफुलनेस टेक्निक की प्रैक्टिस आपको फायदा पहुंचा सकती है.
माइंडफुल डॉट ओआरजी के अनुसार, माइंडफुलनेस पूरी तरह से उपस्थित होने और हम कहां हैं और हम क्या कर रहे हैं, इसके बारे में जागरूक होने की बुनियादी मानवीय क्षमता है.ये प्रैक्टिस हमें अपने आस-पास जो कुछ भी हो रहा है, उससे ओवर रिएक्टिव या प्रभावित नहीं होने देती है. यूनिवर्सिटी ऑफ मैसाचुसेट्स मेडिकल स्कूल में सेंटर फॉर माइंडफुलनेस इन मेडिसिन, हेल्थ केयर एंड सोसाइटी के संस्थापक जॉन काबट ने इस परिस्थिति के बारे में कुछ इस तरह से बताया है, ‘ये ऐसी जागरूकता है, जो वर्तमान स्थिति में जानबूझकर गैर-निर्णयात्मक रूप से ध्यान देने से उत्पन्न होती है.’
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माइंडफुल मेडिटेशन की प्रैक्टिस करने के लिए इन तीन स्टेप्स को फॉलो करें
– ध्यान मुद्रा में बैठ जाएं. अब वर्तमान पल पर ध्यान देने के लिए अपनी सिक्स सेंस का इस्तेमाल करें, ध्यान रखें कि हमारा उद्देश्य व्यापक और अधिक खुले तरीके से अपने एक्सपीरियंस पर ध्यान केंद्रित करना है. अपने आसपास के माहौल पर चयनात्मक (सलेक्टिव ) ध्यान न दें, बल्कि अपने आप को पूरी तरह से आत्मसमर्पण कर दें.
– आप कैसे सांस लेते हैं और कैसे छोड़ते हैं, इस पर ध्यान दें. अब आप अपना सारा ध्यान अपनी बॉडी के एक रीजन में सांस लेने पर केंद्रित करें..
– अपना ध्यान अपने शरीर पर लाएं और पूरे शरीर में हो रही संवेदनाओं से अवगत हो जाएं, अब पूरे शरीर के साथ, पूरी सांस के साथ बैठना है. इस तरह हम अपने अनुभव के लिए ध्यान के व्यापक स्थान पर वापस जाते हैं.
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ये ध्यान दिया जाना चाहिए कि माइंडफुलनेस मेडिटेशन टेकनीक उन लोगों के लिए काम नहीं कर सकती है जो किसी प्रकार की सीरियस मेंटल कंडीशन से जूझ रहे हैं। इसलिए ये सलाह दी जाती है कि ये प्रैक्टिस आपके आपके डॉक्टर द्वारा दी जा रही मुख्य दवाओं और इलाज के साथ हो सकती हैं.
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